‘ज्योतिर्लिंग को अपवित्र किया, उसे गिरफ्तार करो’, बैद्यनाथ मंदिर में Cong MLA अंसारी के खिलाफ नियमों की धज्जियां उड़ाने पर आक्रोश

अंसारी

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जहाँ चुनाव होते हैं वहां राजनीतिक दिखावा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा ही कुछ झारखण्ड में देखने को मिला जब कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी बुधवार को देवघर के प्रसिद्ध बैद्यनाथ धाम मंदिर पहुंचे। अब उनके द्वारा मंदिर में पूजा-अर्चना की खबर सामने आने के बाद विवाद पैदा हो गया।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने पर तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है।

बता दें कि झारखंड के मधुपुर (जिला देवघर) में कल से उप चुनाव शुरू हो जाएंगे और कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी कांग्रेस उम्मीदवार हाफिजुल हसन के लिए सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं। उनके मंदिर जाने का एक ही मकसद हो सकता है और वह है हिंदू मतदाताओं को लुभाना. लोगों को इस्लाम के उपासक होते हुए जिसमें अन्य धर्म के लोगों को काफ़िर कहा जाता है उनका देवघर के बैद्यनाथ मंदिर जाना और पूजा करना एक राजनीतिक स्टंट प्रतीत होता है।

हालांकि, उनके इस कदम से उन्हें तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा था कि वह गौ मांस खाने वाले हैं और उन्होंने ज्योतिलिंग तीर्थ को अपवित्र कर दिया है।

ट्विटर पर एक ट्वीट थ्रेड में, भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस विधायक ने पूजा के बहाने ज्योतिर्लिंग को अपवित्र करने की कोशिश करके हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने दावा किया कि जिस तरह मक्का में गैर-मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित था, उसी तरह बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भी गैर-हिंदुओं के प्रवेश की अनुमति है।

उन्होंने लिखा, “आज ग्लानि हुई कि मेरे सांसद रहते ,बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में कॉंग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी नें पूजा के बहाने ज्योतिर्लिंग को स्पर्शकर अपवित्र करने का प्रयास किया,आस्था के अनुसार मक्का में गैरमुस्लिम का प्रवेश वर्जित है, गर्भगृह में गौमांस भक्षण करने वालों का प्रवेश?”

दुबे ने कहा कि पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद और निरंजनी अखाड़ा महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ने उन्हें यह कहते हुए फोन किया था कि इससे बड़ा कोई जघन्य अपराध नहीं हो सकता। भाजपा सांसद ने कहा, “कम से कम धार्मिक स्थानों पर धर्मनिरपेक्षता की राजनीति मत करो।“

दुबे ने ट्वीट किया था कि, “जैसे क़ुरान शरीफ़ से किसी की तुलना नहीं की जा सकती ,उसी प्रकार गंगा माता या गौ माता से भी किसी की तुलना नहीं की जा सकती। इरफ़ान अंसारी जी ने हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत कर धर्म की राजनीति की है। प्रशासन उनको अविलंब गिरफ़्तार करे।“

दुबे ने यह भी दावा किया कि, “एक बार जब नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला केंद्रीय मंत्री थे, तब वे देवघर आए और बाबा बैद्यनाथ को बाहर से हाथ जोड़कर प्रणाम किया, लेकिन गर्भगृह में प्रवेश नहीं किया।“

साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्य सचिव से बात करके जिले के उपायुक्त और एसपी की बर्खास्तगी के साथ कार्रवाई की मांग करूंगा।

अब इस मामले में विवाद खड़ा होने से अंसारी भी चुप नहीं है और उन्होंने भी कई ताबतोद बयां दिया है। अब देखना यह है कि इस तरह से कब तक सेक्युलरिज्म सिर्फ मंदिरों तक ही सिमित रहेगा। निशिकांत दुबे के बयान का कितना असर होता है यह तो समय बताएगा।

 

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