पश्चिम बंगाल चुनाव नतीजे का दिन जैसे- जैसे करीब आ रहा है, ममता बनर्जी को अपनी हार और ज्यादा साफ नजर आ रही है। यह ही कारण है कि, ममता बनर्जी रोज नए- नए नखरे दिखाती हैं। हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि, जो कोई पश्चिम बंगाल में आता है तो उसको कोरोना RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट देनी होगी।
ममता दीदी यही नहीं रुकती है, राज्य की स्वास्थ्य सुरक्षा पर बस 1 लाइन बोलकर, वो दूसरी लाइन से ही राजनीति शुरू कर देती हैं। ममता दीदी आगे कहती हैं, पश्चिम बंगाल में राज्य में बाहर से फिलहाल 10,000 से ज्यादा लोग आये हैं और ज्यादातर लोग कोरोना संक्रमित है।
ममता बनर्जी के इस बात से यह संदेश मिल रहा है कि, ममता का ” बाहरी” कार्ड न चलने के बाद , ममता पश्चिम बंगाल के जनता के मन में भ्रम फैला रही है कि, पश्चिम बंगाल में कोरोना के मामले के लिए बाहर के लोग अर्थात उप, बिहार के लोग ज़िम्मेदार हैं। दूसरी बात यह कि, ममता बिना जांच कराएं, या बिना तथ्य के कैसे दावा कर रही हैं कि बाहरी 10,000 लोगों में से ज्यादातर कोरोना संक्रमित है।
ममता बनर्जी ने कहा कि, अगर राज्य में कुछ होता है तो उसका जिम्मेदार चुनाव आयोग होगा। क्योंकि चुनाव आयोग की वजह से कोरोना संक्रमण फैल रहा है। ममता ने आगे कहा कि, अगर चुनाव आयोग चुनाव प्रचार के समय में बदलाव कर सकता है, तो क्या बाकी चरणों के चुनाव को एक साथ नहीं करा सकता।
ममता के इस बेतुकी बयान का यह अर्थ निकलता है कि, ममता कोरोना वायरस की आड़ में बचे तीन चरणों में अपनी पुरानी रणनीति को लागू कर सकें, क्योंकि, चुनाव आयोग आठ चरण में चुनाव कराने का फैसला कई पैमानों को देखकर लिया था। जैसे कि, सुरक्षाबलों के ट्रूप्स मूवमेंट का, चुनाव आयोग के अधिकारियों का मैनेजमेंट इत्यादि। शायद ममता बनर्जी चुनाव प्रक्रिया में मिसमैनेजमेंट करा के हिंसा के लिए जगह बनाने की कोशिश में हैं।
हम ऐसा इसलिए कह रहें है क्योंकि ममता चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है। हाल ही में ममता बनर्जी का एक लीक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो कूचबिहार में मरे 4 लोगों की शव को अपनी रैली में इस्तेमाल करने के बात कर रही है। ममता बनर्जी को यहां तक कहते सुना गया कि, ” मैं सभी CRPF को गिरफ्तार करवाऊंगी। मृत शव अभी रख दो कल मृत शव को लेकर रैली करेंगे। आज परिवार वालों को कह देना कोई भी मृत शरीर न लें।”
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ममता बनर्जी के इस लीक ऑडियो और उनके द्वारा की गई बयान से यह साफ हो रहा है कि, ममता का पश्चिमी बंगाल चुनाव में अंत निश्चित है। वो हार के डर से बौखला कर रोज अनाब-शनाब बयान दे रही हैं। ममता बनर्जी के इस परिस्थिति पर एक कहावत चरितार्थ होता है- खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे।