महाराष्ट्र में दो चीज बहुत तेजी से बढ़ रही है, एक तो कोरोना संक्रमण के मामले और दूसरा राजनीतिक गतिविधियां। अभी हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने शिव सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। पटोले ने अपने एक बयान में कहा है कि, शिवसेना और नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मंत्रियों को कांग्रेस के मंत्रियों की तुलना में अधिक फंड मिल रहा है। यह बयान पटोले ने कांग्रेस के मंत्रियो के साथ हुई बैठक के बाद दिया है।
पटोले ने अपने बयान में कहा, “धनराशि के वितरण को लेकर कांग्रेस के मंत्रियों में अंदर असंतोष है। NCP और शिवसेना के मंत्रियों को कांग्रेस के मंत्रियों की तुलना में अतिरिक्त धनराशि मिल रही है।” पटोले ने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह भी कहा, “इसके अलावा हमने आत्महत्या के मामले में चर्चा किया जिसमें सचिन वाझे और मोहन डेलकर का नाम शामिल है।”
मुंबई येथील MCA क्लब बीकेसी येथे आज महाराष्ट्र कॉंग्रेस प्रभारी एच के पाटील यांच्या उपस्थितीत व माझ्या अध्यक्षस्थानी काँग्रेस मंत्र्यांची बैठक संपन्न झाली.
यात वीज बिल, वाजे प्रकरण, खासदार डोलकर अश्या अनेक विषयांवर चर्चा करण्यात आली. pic.twitter.com/8XKjhWJPwa— Nana Patole (@NANA_PATOLE) April 2, 2021
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बता दें कि, अभी तक कांग्रेस को शिवसेना और NCP महाविकास आघाडी सरकार में एक असंगत पार्टी से ज्यादा कुछ नहीं समझते थे। मनसुख हिरेन हत्याकांड या परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोप के मामले में कांग्रेस की चुप्पी यह ही बता रही थी कि कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार में एक नॉन एक्टिव प्लेयर है। कांग्रेस को साइलेंट पार्टनर समझ कर शिव सेना के नेता संजय राउत लगातार कांग्रेस के ऊपर बयानबाजी कर कर रहे थे। संजय ने अपने बयान में यहाँ तक कह दिया कि, UPA का प्रमुख गैर कांग्रेसी नेता होना चाहिए।
कांग्रेस के नेता कांग्रेस पार्टी का अपमान सह सकते है, लेकिन गांधी परिवार के खिलाफ कुछ भी नहीं सुन सकते है और संजय ने कांग्रेस की दुखती रग पर हाथ रख दिया था, संजय ने अपने बयान में बोला था था कि UPA का प्रमुख शरद पवार को होना चाहिए। संजय के बयान के बाद कांग्रेस के नेता बौखला गए और उसके बाद संजय के ऊपर जुबानी हमले भी किए।
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कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र में अपने दुर्दशा को देखते हुए मंथन किया की आखिर ऐसा क्यों है कि कांग्रेस सहयोगी दल होने के बावजूद भी उसको कोई महत्व नहीं दे रहा है। मंथन के बाद कांग्रेस ने तय किया कि अब वो पीछे किनारे में बैठने वाली पार्टी नहीं रहेगी, जिसके अपने सहयोगी दल ही नाजायज फायदा उठा रहे हो। जिसके उपरांत कांग्रेस ने अपने मंत्रियों के साथ बैठक कि और फैसला लिया कि वो अब हर गतविधि पर ध्यान देंगे और साथ ही अगर कांग्रेस के खिलाफ कोई कुछ बोलता है तो उसको जवाब देने से पीछे नहीं हटेंगे। हाल ही में पटोले ने अपने बयान में कहा था कि, संजय राउत शरद पवार के प्रवक्ता बन गए है। खैर संजय राऊत की चाटुकारिता भरी बातें कोई नई बात नहीं है।
TFI ने पहले भी बताया है कि महाराष्ट्र सरकार के तीनों पहिये (कांग्रेस, शिवसेना और NCP) लड़खड़ा रहे है। इस बात का अनुमान आप लगता सकते है क्योंकि शिवसेना कांग्रेस और NCP के ऊपर बयानबाजी कर रहा है और NCP शिवसेना के ऊपर हमला कर रहा है और कांग्रेस शिवसेना के ऊपर बयानबाजी कर रहा है। तीनों दलों आपस में ही आरोप- प्रत्यारोप का खेल खेल रही है। आरोप- प्रत्यारोप के बीच महाराष्ट्र सरकार के ऊपर खतरे के बादल मडरा रहे है।