“मैं प्रेग्नेंट हूँ, मेरे दाँत में दर्द हैं”, वैक्सीन से भाग रहे CCP के अधिकारियों के अजीबो-गरीब बहाने

हद है भाई, मतलब हद है!

कोरोना वैक्सीन

जब किसी देश के लोग अपने देश में बनी कोरोना वैक्सीन लगवाने से मना करने लगे तो, ये शक करना तो लाजमी है कि वैक्सीन सही नहीं है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि चीन के सरकारी अधिकारी कह रहे हैं। दरअसल The Epoch Times में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के सरकारी अफसर अपने ही देश का वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के सरकारी अफसरों ने तुच्छ कारण का हवाला देकर चाइनीज वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया है।

गौरतलब है कि चीन बहुत जोरों-शोरों से वैक्सीन लगवाने की प्रक्रिया की शुरुआत की थी। अब बात इतनी आगे बढ़ गई है कि चीनी अब अपने लोगों को जबरदस्ती वैक्सीन लगवाने पर उतार आए हैं। इसके कारण वहां के लोगों के अंदर डर बैठ गया है, जिससे वह कोरोना वैक्सीन लगवाने से और पीछे हट रहेहैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, Xintai शहर में अभी तक केवल 3 सरकारी कर्मचारियों ने टीकाकरण करवाया है, जबकि शहर में कुल 66 सरकारी कर्मचारी मौजूद हैं। अभी तक 10 प्रतिशत से भी कम अफसर कोरोना टीकाकरण कराने के लिए आगे आए हैं।29 मार्च को क्षेत्र में टीकाकरण प्रक्रिया पर तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, 50 से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों ने एलर्जी, गर्भावस्था, मामूली जुखाम-ख़ासी जैसे कारणों का हवाला देकर टीकाकरण नहीं करवाया है। इतना ही नहीं चीनी सरकारी अफसर और भी कई बहाने बना रहे हैं। हद तो तब हो गई, जब एक अफसर ने दांत दर्द का बहाना बनाकर टीकाकरण कराने से मना कर दिया।

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वहीं जिन अधिकारियों को टीकाकरण अभियान में ‘Leading By Example’ का काम सौंपा गया है, उन्हीं के अंदर उत्साह की कमी देखने को मिल रही है। इससे यह साफ हो जाता है कि चीनी अधिकारियों को अब अपने ही देश में बनी वैक्सीन पर भोरसा नहीं रहा है। रिपोर्ट की मानें तो चीन के नागरिकों के अंदर चीनी वैक्सीन को लेकर आत्मविश्वास की भारी कमी है।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, हांगकांग में कोरोना वैक्सीन लगने के बाद 12 चीनी लोगों की मौत हो गई थी। उस समय खबर आई थी उसके मुताबिक मरने वाले सभी लोगों को Sinovac वैक्सीन लगाया गया था। हालांकि, मामला सामने आने के बाद चीनी अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया है। सबसे ज्यादा कमाल की बात यह है कि, अभी तक एक भी बार चीन ने अपनी वैक्सीन की गुणवत्ता को अपनी जनता या दुनिया के सामने नहीं रखा है। वैक्सीन की उचित गुणवत्ता आधार के बिना ही चीन अपने नागरिकों को टीकाकरण के लिए मजबूर कर रहा है।

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The Epoch Times से एक चीनी नागरिक Li ने कहा कि, “हम वैक्सीन के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। हमारे पास वैक्सीन के तीसरे स्टेज के बारे में कोई जानकारी नहीं है।” वहीं एक अन्य नागरिक ने यहां तक कह डाला कि, “Immunity के लिए चीनी वैक्सीन से अच्छा है चिकेन सूप पी लूं।”

चीन की वैक्सीन को लेकर जिस प्रकार का अविश्ववास वहां के अधिकारियों और नागरिकों के बीच है, इससे साफ जाहिर होता है कि जो देश चीन से कोरोना वैक्सीन ले रहे हैं, उन्हें अपने फैसले पर दोबारा गौर करने की जरूरत पड़ सकती है। चीन के स्थानीय लोग जानते हैं कि जो देश महामारी फैला सकता है, उससे महामारी से राहत पाने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।

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