छत्तीसगढ़ में कोरोना बॉम्ब फूटा तो कांग्रेस सरकार ने सारा दोष मढ़ा महाराष्ट्र के सर, बॉर्डर पर नहीं है Testing की सुविधा

छत्तीसगढ़

हाल ही में द प्रिंट को दिए गए इंटरव्यू में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल ने यह दावा किया है कि वर्तमान कोरोना स्पाइक के लिए पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र और महाराष्ट्र सीमा से सटे राजनांदगांव जिले के प्रवासी आबादी भी जिम्मेदार है। बता दें कि छत्तीसगढ़ सीमा पर आवाजाही रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल ने कहा है कि “दूसरी लहर के बारे में दूसरा मुद्दा यह है कि राजनांदगांव जिले से, नागपुर के माध्यम से महाराष्ट्र शुरू होता है। वहां पर प्रवासी आबादी है, इसलिए लोगों का आना-जाना लगा रहता है।”

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मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “जब होली के आसपास महाराष्ट्र में  प्रतिबंध लगाया गया था तो लोग अचानक राजनांदगांव के गांवों में वापस आ गए, जिससे कोरोना के मामले और ज्यादा बढ़ गए। यही कारण है कि अप्रैल में इतने ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए, जबकि मार्च में मामले नियंत्रण में थे।”

मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल के इस दावे की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। द प्रिंट ने जब इस मामले की जांच पड़ताल की तो पता चला कि छत्तीसगढ़ सीमा पर Bagnadigaon पोस्ट पर कोरोना टेस्टिंग नहीं हो रही है, यहां तक कि सीमा से आने वाले लोगों की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट भी नहीं देखी जा रही है।

इस मामले पर ज्यादा जानकारी लेने के लिए द प्रिंट ने पुलिस अधिकारी शंभू सिंह भंडारी से बात की। शंभू सिंह भंडारी ने कहा कि, “महाराष्ट्र से आने वाले सभी वाहनों को यहां अपना नाम और पता देना होता है, लेकिन हम नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट  नहीं मांग रहे हैं। पहले हम यहां आने वाले सभी यात्रियों का परीक्षण कर रहे थे, लेकिन वह अब रुक गया है।  यहां का परीक्षण केंद्र 10 दिन पहले ही बंद हो चुका है। अब हम केवल यात्रियों के बारे में विवरण लेते हैं। ”

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के कथनी और करनी में बहुत फर्क है। खैर, यह ट्रेंड हर राज्य अपना रहा है। आप अरविंद केजरीवाल को ही देख लिजिए, वो ऑक्सीजन की कमी के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र सरकार ने 6 राज्यों का नाम विशेष सूची में डाला है, महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि इन राज्यों से कोरोना वायरस का नया वेरिएंट आ रहा है।

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राज्य सरकारें अपने काम प्रभावपूर्ण ढंग से और निपुणता से नहीं करती हैं। उसके बाद एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगाती है और उनकी इस नाकामी की वजह से वहां की जनता कष्ट उठाती है।

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