हाल ही में काँग्रेस के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वुहान वायरस से संक्रमित पाए गए। वे इस समय अस्पताल में भर्ती हैं। लेकिन इस बात को लोगों को पचाने में 24 घंटे भी नहीं ठीक से बीते होंगे कि काँग्रेस के भावी अध्यक्ष और वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी कोविड से संक्रमित पाए गए।
जनाब अपने ट्वीट में लिखते हैं, “अभी हाल ही में हल्के लक्षण पाए जाने पर मैंने अपनी जांच कराई, और मेरा कोविड टेस्ट पॉज़िटिव निकला। मेरा अनुरोध है कि जो भी मुझसे संपर्क में आए हैं, वो जल्द से जल्द अपनी जांच कराएँ, और सुरक्षित रहें।”
लेकिन अब जब राहुल गांधी कोविड से संक्रमित पाए गए हैं, तो एक प्रश्न उठना स्वाभाविक था। क्या उन्होंने इसलिए अपनी रैलियाँ रद्द की क्योंकि वे कोविड से संक्रमित थे, और फिर दो दिन बाद अपनी अवस्था के बारे में जनता को अवगत कराया?
इसके पीछे अखिलेश मिश्रा ने बेहद सटीक विश्लेषण किया है। उनके ट्वीट के अनुसार, “राहुल गांधी ने रैलियाँ रद्द करने का निर्णय टेस्टिंग से ठीक 24 घंटे पहले, और परिणाम मिलने के 48 घंटे पहले ही लिया होगा। अब प्रश्न यह उठता है कि क्या राहुल गांधी ने इसलिए रैलियाँ तो नहीं रद्द की क्योंकि उन्हे कोविड होने की आशंका थी?”
Announced just 24 hours before he would have sent sample for testing & just 48 hours before he got positive result.
So a legitimate question -Did @RahulGandhi cancel his rallies (he alone cancelled not Congress which continued) because he suspected COVID but tried to grandstand? https://t.co/KB866MBxTC
— Akhilesh Mishra (मोदी का परिवार) (@amishra77) April 20, 2021
अखिलेश मिश्रा अपने विश्लेषण में गलत भी नहीं है, क्योंकि अब तक केवल राहुल गांधी ने ही अपनी रैलियाँ रद्द की हैं। लेकिन न कॉंग्रेस ने अपनी रैलियों में कोई कमी दिखाई है, और न ही कोई कांग्रेसी नेता बंगाल में चुनावी प्रचार प्रसार का मौका अपने हाथ से जाने दे रहा है।
लेकिन एक प्रश्न अभी भी बाकी है – क्या राहुल गांधी ने टीकाकरण कराया था? भारत में जब वुहान वायरस का विनाश करने के लिए टीकाकरण का अभियान शुरू हुआ था, तो राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे कई नेता थे, जिन्होंने टीकाकरण का विरोध करते हुए कहा था कि वे इस अभियान का समर्थन नहीं करेंगे। अखिलेश यादव ने तो खुलेआम कहा था कि वे कभी भी भाजपा की वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। अब दोनों के दोनों वुहान वायरस से संक्रमित हैं।
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि राहुल गांधी ने हद दर्जे की लापरवाही दिखाई है। लोगों में वैक्सीन के प्रति भय फैलाना और फिर टीकाकरण अभियान में बाधा बनने का प्रयास करने में राहुल गांधी और उनके चमचों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। हालांकि हम अवश्य प्रार्थना करते हैं कि राहुल गांधी जल्द से जल्द स्वस्थ हों, क्योंकि भाजपा के स्टार प्रचारक के बिना ज्यादा दिन काम कैसे चलेगा?