पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एक बार फिर से हिंसा के मामले में फंस चुकी है। पश्चिम बंगाल के चौथे चरण के चुनाव में केंद्रीय बलों का घेराव करने के लिए लोगों को उकसाने के आरोप में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। कूचबिहार में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के जिलाध्यक्ष सिद्दिकी अली मियां ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ FIR दर्ज कराई है।
बता दें कि, 10 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार के सीतलकूची गोलीबारी की घटना हुई थी। घटना में CISF जवानों का उपद्रियों ने घेराओ किया और उनके हथियार छीनने की कोशिश किया, जिसके जवाब में CISF के जवानों ने मजबूरन जवाबी फायर करना पड़ा था।घटना में चार उपद्रियों की जान चली गई थी।
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कूचबिहार के अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष सिद्दिकी अली मियां ने आरोप लगाया है कि, ममता बनर्जी ने भीड़ को उकसाया है। बनरेश्वर में भाषण के दौरान लोगों को CISF के जवानों के खिलाफ हमले के लिए उकसाया। FIR में ममता बनर्जी के भाषण की एक वीडियो क्लिप भी जमा किया गया है, जिसमें ममता बनर्जी उपद्रियों को घेराओं करने के लिए उकसा रही है।
सिद्दिकी अली मियां ने FIR में दावा किया है कि, “महिलाओं सहित गांव वालों ने केंद्रीय बलों पर शारीरिक नुकसान पहुंचाने के इरादे से हमला किया, यह जानते हुए भी कि यह तैनात सुरक्षाकर्मियों की मौत का कारण भी बन सकता है।”
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के जिलाध्यक्ष ने अपने बयान में आगे कहा कि, “चार लोगों की मौत के लिए सिर्फ ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। वह हमारे जिले के मतदाताओं के प्रति जवाबदेह हैं।”
10 अप्रैल के घटना के बाद चुनाव आयोग ने सख्त रुख दिखाया था और राजनीतिक पार्टियों को कूचबिहार जिले में जाने से तीन दिनों के लिए प्रतिबंध लगाया गया था।
चुनाव आयोग ने अपना जारी कर कहा था कि, “दो विशेष observers की संयुक्त रिपोर्ट मिली है … जिसमें यह बात साफ़ की गई है कि, CISF के जवानों द्वारा फायर करना ज़रूरी था। मतदान केंद्र पर लाइन में खड़े मतदाताओं के जीवन को बचाने के लिए पूरी तरह से आवश्यक हो गया था।” रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि, भीड़ ने CISF के जवानों हथियार छीनने का प्रयास किया था, जिसके वजह से वहाँ मौजूद अन्य मतदान कर्मियों और अपने जीवन की रक्षा करने के लिए जवाबी फायर करना पड़ा।
चुनाव आयोग की रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि, उपद्रियों की भीड़ ने जवानों के ऊपर हमला बोला है और साथ ही में सिद्दिकी अली मियां द्वारा दी गई वीडियो क्लिप से यह साफ हो गया है कि, ममता बनर्जी ने ही उपद्रियों की भीड़ को उकसाया है।
ऐसे में, 10 अप्रैल को हुए हिंसक घटना का निष्कर्ष निकलाया जाए तो यह सामने आता है कि, चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने उपद्रियों को हिंसा करने के लिए प्रोत्साहित किया। नतीजतन, उपद्रियों ने अपनी मुख्यमंत्री की बात मानी, जिसमें चार लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। अगर देखा जाए तो, ममता बनर्जी ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए अल्पसंख्यकों को एक बार से फिर से बलिका बकरा बनाया है।