हंसी मज़ाक और अपमान में एक महीन अंतर होता है, जिसे पहचानने में कई लोग चूक जाते हैं। आजकल के हास्य कलाकारों का वास्तविक हास्यकला से उतना ही वास्ता है जितना राम गोपाल वर्मा का निर्देशन से है। लेकिन जब चर्चित हास्य कलाकार भी अपनी सीमाएँ लांघने लगे, तो स्थिति चिंताजनक हो जाती है।
कुछ ऐसा हुआ है हास्य कलाकार सुनील पाल के मामले में। कभी लोगों को अपने चुटीले जोक्स से लोटपोट करने वाले सुनील पाल के हाल ही में एक कॉमेडी स्केच के पीछे डॉक्टरों ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। सुनील पाल ने कथित तौर पर डॉक्टरों का अपमान करते हुए उनकी बेहद नकारात्मक छवि चित्रित की।
हाल ही में एक वीडियो में सुनील पाल यह कहते हुए दिखाई दिए कि कोविड की ड्यूटी में लगे डॉक्टर बेहद नीच और धूर्त किस्म के होते हैं। सुनील पाल के अनुसार, “हम तो सुनते थे कि डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं। लेकिन कोरोना काल में हम देख रहे हैं कि 90 प्रतिशत डॉक्टर शैतान का रूप धारण कर चुके हैं। अधिकांश डॉक्टर चोर हैं। कोरोना के इलाज में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है और इलाज के बहाने बेईमान किस्म के डॉक्टर गरीब कोरोना मरीजों को लूट रहे हैं”।
ये वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसपर एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों के एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताई थी। साथ ही उन्होंने सुनील पाल की गिरफ्तारी की मांग करते हुए अमित शाह को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सुनील पाल के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की। ऐसे में मामला हाथ से निकलता देख सुनील पाल को माफी मांगने पर विवश होना पड़ा, जिस संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट की।
सच कहें तो जिस समय हमारे चिकित्सा विभाग को हमारी सबसे अधिक आवश्यकता है, उस समय सुनील पाल जिस तरह के ओछे बयान दे रहे हैं, वह न सिर्फ गलत है, बल्कि डॉक्टरों को हतोत्साहित भी करता है। ये बातें यदि कुणाल कामरा या रोहन जोशी जैसे कथित हास्य कलाकार करें तो इतना आश्चर्य नहीं होगा, लेकिन सुनील पाल जैसे व्यक्ति का ऐसे समय में कोविड से जूझ रहे डॉक्टरों के लिए ऐसे अपमानजनक बोल निकालना न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि उनकी मानसिकता का परिचय भी देता है।