मिट्टी के दीये भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहे हैं, कोरोना काल में कुम्हारों का बिजनेस फिर बढ़ रहा है

मिट्टी के बर्तन बनाने वालों के बिजनेस को मिला बूस्ट!

मिट्टी

PC: The Kochi Post

बढ़ती गर्मी के साथ कोरोना के बढ़ते मामले कई समस्याओं को बढ़ा रहे हैं। स्वास्थ्य हित को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को कोरोना वृद्धि के कारण ठंडे पानी पीने से बचने की सलाह दी है। अब इस सलाह के बाद कई लोगों ने बढ़ती गर्मी में पीने के पानी के लिए पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों की ओर रुख किया है। यह न सिर्फ स्वस्थ्यवर्धक है, बल्कि इससे मिट्टी के बर्तन बनाने वालों का भी बिजनेस बूस्ट हो रहा है।

Indian Medical Association के पूर्व सदस्य डॉ राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि कोरोना के समय ठंडा पानी से बचना चाहिए क्योंकि यह गले में समस्या पैदा करता है।

उन्होंने कहा कि “मिट्टी के बर्तन पानी को सामान्य तापमान पर रखते हैं”। हालांकि, covid 19 संक्रमण के खिलाफ इसके लाभों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हालांकि, शहर में कई लोग रेफ्रिजरेटर से ठंडा पानी पीने की बजाय अब मिट्टी के बर्तनों की और रुख कर रहे हैं।

शहर में मिट्टी के बर्तन विक्रेताओं का भी कहना है कि बाजार में मंदी के बावजूद बिक्री सामान्य है। यही नहीं मई और जून के महीनों में औसत बिक्री पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक है।

आमतौर पर मटका के रूप में जाना जाने वाला यह मिट्टी का बर्तन भारतीय रसोई का सदियों से हिस्सा रहा है। अर्थव वेद में भी पृथ्वी या मिट्टी के महत्व को बताया गया है और इसे पंचमहाभूतों में सबसे प्राथमिक माना जाता है। वहीं शादी विवाह में मिट्टी के कलश का एक अलग महत्व होता है। मिट्टी के बर्तन से पानी पीना हममें से कई लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है। फिर भी यदि आपके पास मिट्टी के बर्तन से पानी नहीं पी रहे हैं तो आप वास्तव में कई स्वास्थ्य लाभ का फायदा नहीं उठा रहे हैं।

यह माना जाता है कि पृथ्वी / मिट्टी विटामिन और खनिजों से भरी हुई है। इस प्रकार, बहुत से लोग अभी भी गर्मियों के दौरान मिट्टी के बर्तन में ठन्डे पानी को पसंद करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, मिट्टी के बर्तन से पानी पीने के कई चिकित्सीय लाभ हैं।

हम सभी जानते हैं कि प्लास्टिक के कंटेनर का पानी अस्वास्थ्यकर होता है। प्लास्टिक में बिस्फेनॉल-ए (BPA) जैसे जहरीले रसायन होते हैं, जो एक endocrine में व्यवधान पैदा करते हैं, लेकिन एक मिट्टी के बर्तन में जमा पानी किसी भी प्रकार के रसायनों से रहित होता है, इस प्रकार, यह आपके पाचन शक्ति को स्वाभाविक रूप से बढ़ाता है। इसके पानी में मौजूद खनिजों के कारण कई लाभ होते हैं।

मिट्टी के बर्तन में पानी के भंडारण का एक मुख्य लाभ यह है कि यह वाष्पीकरण के सिद्धांत के माध्यम से पानी को प्राकृतिक रूप से शीतल रखने में मदद करता है। यही नहीं गर्मी के मौसम में सनस्ट्रोक के मामले भी बहुत आम हैं, लेकिन पोषक तत्वों से भरपूर मटके का पानी पीने से इस समस्या से काफी हद तक निपटने में मदद मिलती है।

चूंकि, मिट्टी प्रकृति में alkaline यानी क्षारीय होता है तो इससे शरीर में पानी के PH संतुलन बना रहता है, जिससे आपके स्वास्थ्य में सुधार होता है गैस्ट्रिक और एसिडिटी संबंधी समस्याएं समाप्त होती है।

मिट्टी के बर्तन में जमा पानी ठंडा है, फिर भी वह आपके गले में के लिए नुकसानदेह नहीं होता। यही कारण है कि यह सर्दी, खांसी और अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है। साथ ही कोरोना से पहले सर्दी बुखार में भी यह स्वस्थ्यवर्धक है। इसलिए रेफ्रिजरेटर में ठंडा पानी पीने के बजाय, इन समस्याओं को दूर रखने के लिए मिट्टी के बर्तन के पानी का विकल्प चुनना चाहिए।

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इसके अलावा, मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल न केवल आपके परिवार के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक बड़ी पहल है और साथ ही इससे कई लोगों को रोजगार भी मिलता है। अधिकांश लोगों को यह एहसास नहीं है कि दुनिया के किसी भी देश की तुलना में भारत में अधिक कुम्हार रहते हैं और काम करते हैं। अब कोरोना के समय मिट्टी के बर्तनों की बढ़ती मांग के कारण इन सभी के बिजनेस में बड़ा बूस्ट आएगा।

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