जल्द ही पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का तीसरा चरण शुरू होने वाला है। इस समय सत्ताधारी तृणमूल काँग्रेस की हालत बहुत खस्ता है। स्वयं ममता बनर्जी को आभास हो चुका है कि उनकी सत्ता वापसी लगभग असंभव है, इसलिए वह छल प्रपंच के सहारे अपनी कुर्सी बचाए रखने चाहती थीं, लेकिन चुनाव आयोग ने उनके नापाक इरादों पर पानी फेर दिया है।
हाल ही में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण सम्पन्न हुआ, जिसमें ममता बनर्जी का चुनावी क्षेत्र नंदीग्राम भी शामिल था। ममता को इस बात की चिंता कम थी कि उनकी पार्टी का प्रदर्शन कैसा होगा और इस बात की चिंता अधिक कि कुछ भी करके भाजपा, विशेषकर केंद्र सरकार को बंगाल में उपद्रव के लिए दोषी ठहराया जाए।
जब नंदीग्राम में लाख प्रयास के बावजूद तृणमूल काँग्रेस के गुंडों की मनमानी नहीं चली, तो ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त पैरामिलिटरी सेना के जवान लोगों को पोलिंग बूथ में न घुसने दे रहे हैं और न ही वोट डालने दे रहे हैं।
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एक अप्रैल को सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के दौरान ममता ने नंदीग्राम के गोकुल नगर इलाके के एक पोलिंग बूथ पर हंगामा करते हुए आरोप लगाया था कि स्थानीय लोगों को वोट डालने से रोक जा रहा है। उन्होंने बूथ से ही राज्यपाल से फोन पर बात कर इस मुद्दे पर संज्ञान लेने को कहा था। इसके अलावा ममता बनर्जी इस बात से भी नाराज थीं कि TMC के गुंडई के जवाब में लोग जय श्री राम के नारे कैसे लगा रहे हैं
ममता बनर्जी ने पोलिंग बूथ से ही केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जवान लोगों को वोट डालने से रोक रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह सुबह से ही इलाके में हैं और यह सब देख रही हैं, इसीलिए वो अपील करती हैं कि राज्यपाल मामले का संज्ञान लें।
ममता बनर्जी के आरोपों का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ कहा है। आयोग के अनुसार, “जो भी आरोप ममता बनर्जी ने लगाया है, वह तथ्यात्मक रूप से आधारहीन और गलत है”। चुनाव आयोग ने प्रमाण के तौर पर CCTV फुटेज दिखाते हुए कहा है कि ड्यूटी के दौरान केन्द्रीय बल के जवान न तो बूथ के अंदर गए और न ही उन्होंने किसी को वोट डालने से रोका। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि वह आदर्श आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत ममता बनर्जी पर भ्रामक तथ्य फैलाने के आरोप में कार्रवाई पर भी विचार कर रहा है।
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चुनाव आयोग द्वारा ममता के आरोपों को नकारने के बाद पूर्वोत्तर में भाजपा के वरिष्ठ नेता माने जाने वाले सुनील देवधर ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय चुनाव आयोग द्वारा ममता दीदी के झूठ का पर्दाफाश कर दिया गया है। सुनील देवधर के अनुसार, “बंगाल और नंदीग्राम में अपनी हार नजदीक देखकर क्या अब ममता केन्द्रीय सुरक्षा बलों और चुनाव आयोग पर आरोप लगाएंगी ? क्या वे बंगाल के लोगों पर भी दोषारोपण करेंगी ?”
सच कहें तो ममता बनर्जी चुनाव में हार के बारे में सोचने से ही घबरा रही हैं, जिसके कारण वह इन दिनों किसी पर भी झूठे आरोप प्रत्यारोप लगा रही हैं। अगर चुनाव आयोग द्वारा हड़काये जाने के वाबजूद भी वह बाज नहीं आईं तो आने वाले दिनों में चुनाव आयोग को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ेगा।