एक तरफ जहां कोरोनावायरस को लेकर महाराष्ट्र में तांडव मचा हुआ है, तो दूसरी ओर वैक्सीन को लेकर महाविकास आघाड़ी गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे वैक्सीन की कमी को लेकर लोगों के मन में भय पैदा कर रहे हैं। ऐसे में एक राहत की खबर सामने आई है जो बताती है कि महाराष्ट्र में सबसे पहले एक करोड़ लोगों का कोविड वैक्सीनेशन हो गया है, जो दिखाता है कि वैक्सीन की मांग करने वाले महाराष्ट्र में केंद्र सरकार द्वारा सभी सुविधाएं दी जा रही हैं, इसके बावजूद सीएम उद्धव ठाकरे काम करने में विफल हैं।
कोरोनावायरस की वैक्सीन की कमी को लेकर सबसे पहले आवाज महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने उठाई थी जिसको लेकर देश में राजनीति शुरू हो गई थी। दूसरी ओर अब महाराष्ट्र के प्रधान सचिव प्रदीप व्यास ने कहा, “हमने एक करोड़ खुराक लगाने का आंकड़ा आज पार कर लिया। आज दोपहर तक हम 1,00,38,421 खुराक लगा चुके हैं।” वहीं इस मामले में केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “महाराष्ट्र के अलावा गुजरात और राजस्थान को एक करोड़ से अधिक खुराक दी गई हैं।”
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साफ है कि केन्द्र सरकार की मदद से कोरोनावायरस का वैक्सीनेशन सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में हुआ है। कोरोनावायरस के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार मोदी सरकार से 11 हजार करोड़ रुपए की फंडिंग हासिल कर चुकी है। वहीं, मोदी सरकार ने बाद में महाराष्ट्र सरकार को अतिरिक्त 1,611 करोड़ रुपए दिए हैं। केंद्र सरकार का ये रवैया दिखाता है कि केन्द्र की मोदी सरकार महाराष्ट्र की सरकार का कोरोना के मुद्दे पर पूर्ण सहयोग कर रही है, इसके बावजूद उद्धव सरकार कोरोना को कंट्रोल करने में विफल रही है।
कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर बात करें तो महाराष्ट्र की स्थिति सबसे विकट है। पूरे देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में आ रहे हैं। प्रतिदिन 50 से 60 हजार केस आने के चलते अब राज्य में एक बार फिर लॉकडाउन लगाने की स्थिति हो रही है। इसके चलते एक बार फिर प्रवासियों के मन में उहापोह की स्थिति है, और लोग वापस महाराष्ट्र छोड़कर अपने घर लौटने को मजबूर हो गए हैं।
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इतना ही नहीं अपनी गलतियों का ठीकरा उद्धव सरकार के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे मोदी सरकार पर फोड़ रहे हैं। उनका कहना है कि महाराष्ट्र में कोरोना की वैक्सीन ही नहीं है, जबकि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि वैक्सीन की कोई कमी नहीं हैं। वैक्सीन के न होने का दावा करने वाली महाराष्ट्र सरकार के मुंह पर उनके ही आकंड़ों के जरिए तमाचा पड़ा है क्योंकि देश में सबसे पहले महाराष्ट्र में करोड़ों लोगों का वैक्सीनेशन होना दिखाता है कि भारत सरकार महाराष्ट्र को पूरी मदद दे रही है।
स्पष्ट है कि मोदी सरकार अपने स्तर पर महाराष्ट्र सरकार की पूरी मदद कर रही है जबकि उद्धव राज्य में अपनी ढुलमुल कार्यशैली के कारण विफल रही है, क्योंकि उनके काम करने का स्टाइल केवल अपनी गलतियों का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने का है।