इन दिनों अभिनेता कार्तिक आर्यन फिर से सुर्खियों में है, परंतु अलग कारणों से। हाल ही में कार्तिक आर्यन को करण जौहर के नेतृत्व वाले धर्मा प्रोडक्शंस के आगामी प्रोजेक्ट ‘दोस्ताना 2’ से निकाल दिया गया।
धर्मा प्रोडक्शंस ने इस अप्रत्याशित निर्णय के पीछे कोई ठोस कारण नहीं दिया है, परंतु अनाधिकारिक सूत्रों के हवाले से सामने आया है कि धर्मा प्रोडक्शंस ने कार्तिक को उनके ‘अनप्रोफेशनल’ व्यवहार के लिए निकाला है और अब वे दोबारा कभी कार्तिक के साथ नहीं काम करेंगे।
लेकिन क्या सिर्फ यही कारण है जिसके पीछे कार्तिक आर्यन को धर्मा ने ‘ब्लैकलिस्ट’ किया है? या फिर इसके पीछे कुछ और कारण है? कुछ लोगों को ये बात हास्यास्पद लग सकती है, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि कार्तिक आर्यन अति वामपंथी बॉलीवुड के योग्य नहीं है, क्योंकि वे अन्य अभिनेताओं या कलाकारों की तरह खुलेआम सनातन धर्म का विरोध नहीं करते।
यह कैसे संभव है? इसके पीछे दो ट्वीट्स हैं, जो इस तरफ इशारा करते हैं। हाल ही में कार्तिक आर्यन ने कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आने के लगभग एक हफ्ते बाद एक गाड़ी खरीदी, जिसका वीडियो उन्होंने ट्विटर पर अपलोड किया। लेकिन उस वीडियो में सबसे खास बात थी कि उन्होंने एक पारंपरिक सनातनी की भांति एक नई वस्तु खरीदने पर उसका स्वागत स्वास्तिक से लेप लगाकर किया।
लेकिन यही एक ट्वीट सुर्खियों में नहीं आया था। 2020 के अगस्त माह में कार्तिक आर्यन ने एक ट्वीट किया था, जहां पर उन्होंने तरबूज खाते हुए अपनी फोटो अपलोड की और ट्वीट किया, “आज ब्रेकफ़ास्ट में सब्र का फल खाया, आप लोगों ने क्या खाया?” –
Aaj breakfast mein Sabr ka Phal 🍉 khaya
Aap logon ne kya khaya? pic.twitter.com/IkHu9JKVZE— Kartik Aaryan (@TheAaryanKartik) August 5, 2020
तो इसका सनातन धर्म से क्या मतलब? संयोगवश उसी दिन वर्षों बाद अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि परिसर के पुनरुत्थान के लिए भूमिपूजन समारोह आयोजित किया गया था। सदियों के बाद श्री राम के जन्मस्थल पर उन्हे समर्पित मंदिर का पुनर्निर्माण हो रहा था। ऐसे में कार्तिक आर्यन ने जिस तरह से सांकेतिक रूप से इस पवित्र अभियान को नमन किया था, उससे वामपंथियों के अलावा बॉलीवुड में बैठे उनके चाटुकार भी काफी जलभुन गए होंगे।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कहीं न कहीं बॉलीवुड पर वर्चस्व जमाए वामपंथी कार्तिक आर्यन जैसे लोगों के बढ़ते प्रभाव से काफी सहमे हुए हैं और वे ‘अनप्रोफेशनल व्यवहार’ की आड़ में ऐसे लोगों की छवि बर्बाद करना चाहते हैं, ठीक वैसे ही जैसे सुशांत सिंह राजपूत के साथ हुआ था। शायद कार्तिक आर्यन बॉलीवुड के लिए कुछ ज्यादा ही सनातनी है।