झारखंड, राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़- कांग्रेस शासित इन चार राज्यों में 1 मई से वैक्सीनेशन नहीं शुरू होगा

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देश में युद्ध स्तर पर कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए 1 मई से वैक्सिनेशन का कार्य शुरू होने वाला है। 18 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन लगाई जाएगी, लेकिन अगर आप छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और झारखंड के‌ निवासी है, तो शायद आपके लिए वैक्सिनेशन संबंधी मुसीबतें बढ़ने वाली है, क्योंकि आपके राज्य की कांग्रेस शासित और समर्थित सरकारें अब इस मुद्दे पर राजनीतिक घमासान शुरू कर केंद्र पर भेद-भाव करने का आरोप लगाकर उनसे टकराव बढ़ाने की तैयारी शुरू करने वाली है। इसके चलते इन सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने साफ संकेत दिया है कि उनके राज्य में वैक्सीनेशन एक मई से शुरू नहीं हो पाएगा।

ऐसा संभव है क्या, कि मोदी सरकार जनहित के मुद्दों पर कोई फैसला ले और उस पर कांग्रेस की राजनीतिक महत्वाकांक्षा की छींटे न पड़े? यक़ीनन नहीं, तो कुछ ऐसा ही 1 मई से शुरू होने वाले महावैक्सिनेशन अभियान को लेकर भी हुआ है। कांग्रेस शासित और समर्थित झारखंड, राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्रियों ने एक वर्चुअल संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान संकेत दिया है कि उनके राज्य में 1 मई से वैक्सिनेशन का कार्य शुरू नहीं हो पाएगा, क्योंकि उनके साथ केन्द्र की मोदी सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है।

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अपनी प्रेसवार्ता में इन स्वास्थ्य मंत्रियों ने वैक्सीन के स्टॉक को लेकर अन्य राज्यों और केंद्र पर निशाना साधा है। इन्होंने कहा, “जब केन्द्र पहले ही “स्टॉक पर कब्जा” कर चुका है और उनके पास खुराकें उपलब्ध नहीं है तो वे सभी व्यस्कों को टीके कैसे लगाएंगे। हम एक मई से टीकाकरण अभियान के अगले चरण के लिये तैयार हैं, लेकिन निर्माताओं ने हमें टीके की खुराकें उपलब्ध कराने में अक्षमता प्रकट की है।” साफ है कि अब कंपनियों के स्टॉक्स और केंद्र की खरीद की ये सभी राज्य टकराव का बेतुका राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं।

इस मुद्दे पर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने वो बात कह ही दी, जिसके चक्कर में सारा राजनीतिक बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी मांग है कि केन्द्र सरकार टीकों का पूरा खर्च उठाए। हम अपने बजट में से इसका खर्च कैसे उठा सकते हैं? बजट में हमने इस बारे में कोई प्रावधान नहीं किया।” उनका ये बयान दिखाता है कि ये सभी अपने राज्य की जनता के सामने तो मुफ्त वैक्सीन देने का श्रेय लेने के लिए सबसे आगे छाती ठोककर खड़े‌ हो जाते हैं, जबकि इनसे राज्य सरकार के कोटे से एक धेला भी खर्च नहीं होता है।

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इसके अलावा इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने स्टॉक्स को लेकर कहा, “यदि टीके ही उपलब्ध नहीं हैं तो टीकाकरण कैसे किया जा सकता है? हम टीके कैसे मुहैया कराएंगे? हमें प्रदान किये गए टीकों के साथ हम टीकाकरण के लिये तैयार हैं।” वहीं पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू बोले, “हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। केन्द्र सरकार को टीके और आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं प्रदान करनी चाहियें।”

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “हमारे जैसे कांग्रेस शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री हर बात का राजनीतिकरण कर रहे हैं और हमें कोरोना वायरस से लोगों के बचाने तथा राजनीतिक लड़ाई समेत दो-दो मोर्चों पर जंग लड़नी पड़ रही है।” प्रधानमंत्री पर राजनीति कारण का आरोप लगाकर राज्य में वैक्सीनेशन के काम को ढीला करके असल में ये सभी स्वास्थ्य मंत्री और इनकी सरकारें ही राजनीति दांव खेल रही है।

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इन चारों राज्यों की बात करें तो चारों कांग्रेस शासित या समर्थित हैं, शायद इसलिए ये लोग इस तरह का पीड़ित होने का कार्ड खेल रहे हैं। इन चारों राज्यों के अलावा किसी अन्य राज्य ने तो इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया  है। महाराष्ट्र और दिल्ली… जहां के मुख्यमंत्री हमेशा ही केन्द्र से टकराव की स्थिति में रहते हैं, वहां से भी इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई है।  इसके अलावा उड़ीसा, आंध्र-प्रदेश, तेलंगाना, केरल, की विपक्षी सरकारों ने भी इस मुद्दे पर कोई बेतुका बयान नहीं दिया है, जबकि कांग्रेस के ये चारों राज्य अपने राजनीतिक स्कोर सेट करने में व्यस्त हैं।

ऐसे में कांग्रेस शासित इन राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों का बयान दिखाता है कि पिछले साल से लेकर अब तक इन लोगों ने अपने राज्य में कोरोना से लड़ने के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का कोई काम नहीं किया और अब जब उस ढांचे के प्रयोग करने की बारी आई है तो सुविधाओं के अभाव में इन सभी के हाथ-पांव फूल गए हैं। इसलिए अब ये लोग अपनी अकर्मण्यता का ठीकरा केंद्र पर फोड़ने के लिए राजनीतिक बयानबाजी कर वैक्सिनेशन के कार्य को सुस्त करने के संकेत दे रहे हैं।

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