फेक न्यूज फैलाने में वामपंथी पत्रकारों और मीडिया संस्थानों ने अपनी बड़ी भमिका निभाई है। इसके बाद उन्हें सरकारों द्वारा लताड़ भी लगाई जाती रही है, लेकिन अजीबो-गरीब स्थिति तब आती है जब मुख्य धारा के मीडिया संस्थान भी एक विचारधारा से प्रेरित होकर खबरें प्रसारित करने लगते हैं। कुछ ऐसा ही मुख्य धारा के मीडिया संस्थान इंडिया टुडे ने भी किया है। कु्म्भ मेले को लेकर इंडिया टुडे ने केन्द्र सरकार के हवाले से खबर प्रकाशित की, जिसमें बताया गया कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने में कु्म्भ मेला बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस खबर को फेक न्यूज बताकर बाद में केन्द्र सरकार ने इंडिया टुडे की क्लास लगा दी है।
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दरअसल, इंडिया टुडे ने कोरोना वायरस को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें कु्म्भ मेले का उल्लेख प्रमुखता से था। इस रिपोर्ट में लिखा गया कि केन्द्र ने उत्तराखंड सरकार को कु्म्भ मेले के आयोजन पर लताड़ा है। इंडिया टुडे के मुताबिक केन्द्र ये मानता है कि कु्म्भ मेला देश में कोरोना वायरस फैलने का सबसे कारण बन सकता है। रिपोर्ट की मानें तो देश में कोरोना की दूसरी लहर को आगे बढ़ाने में कु्म्भ मेला एक बड़ा कारण बनकर सामने आ सकता है।
इंडिया टुडे की इस खबर को लेकर तब बवाल मचा, जब स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कहा कि इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित की गई ये रिपोर्ट पूर्णतः फेक एजेंडे पर आधारित है। इस मुद्दे पर बाकायदा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, “इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित की गई ये रिपोर्ट पूरी तरह फेक और गलत है।” दिलचस्प बात यह भी है कि इस ट्वीट के साथ इंडिया टुडे की उस रिपोर्ट के स्क्रीनशॉट को भी संलग्न किया है, जो कि इंडिया टुडे के लिए एक शर्मनाक बात है।
https://twitter.com/MoHFW_INDIA/status/1379484270465404928?s=20
केन्द्र द्वारा की गई इस बेइज्जती के बावजूद इंडिया टुडे ने अपनी इस रिपोर्ट को डिलीट नहीं किया, बल्कि केन्द्र के कुछ बयानों को संलग्न करके फिर से अपडेटेड वर्जन प्रकाशित कर दिया, जो फेक न्यूज फैलाने की प्रवृत्ति को जाहिर करता है। इंडिया टुडे फेक न्यूज को लेकर हमेशा संवेदनहीन रहता है, जिससे देश में उसकी प्रतिष्ठा की सबसे ज्यादा दुर्गति होती रहती है।
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स्टूडियों में बैठकर वामपंथ की एक खास विचारधारा का समर्थन कर एजेंड़ा चलाने वाले तथाकथित वरिष्ठ पत्रकार और आधिकारिक तौर पर फेक न्यूज फैलाने के प्रणेता राजदीप सरदेसाई भी इसी संस्थान में काम करते हैं। इस संस्थान के लोग जब भी अजीबो-गरीब फेक न्यूज फैलाते हैं, तो इंडिया टुडे उनके कृत्यों से अपने हाथ पीछे खींच लेता है, लेकिन इस बार इंडिया टुडे ने खबर प्रकाशित कर अपनी बड़ी भद्द पिटा ली है।
सरकार द्वारा उसकी खबर को नकारा जाना उस पर फेक न्यूज का ठप्पा लगना है। हाल में हुए इस बाकिये से साबित होता है कि राजदीप ही नहीं बल्कि प्रसिद्धि और एक खास विचारधारा के प्रति प्रेम के कारण पूरा इंडिया टुडे ग्रुप ही फेक न्यूज फैलाने की नीयत रखता है और अब इस रिपोर्ट के बाद तो ये बात शत प्रतिशत साबित भी हो चुकी है।