“यूपी-बिहार के मजदूरों को ड्रग्स देकर काम कराया जाता है” गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को लगाई फटकार

ये सच पंजाब के पुलिस अधिकारी ने भी स्वीकारा!

पंजाब

पंजाब से एक चौकाने वाला सच सामने आया है, जिसके अनुसार बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूरों को पंजाब के खेतों में बंधुआ मजदूर की तरह काम कराया जाता था। साथ ही में उन्हें ड्रग्स दिया जाता था, ताकि उनसे नशे की हालत में अधिक से अधिक काम लिया जा सके। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक जांच रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा किया है। रिपोर्ट सामने आने के बाद पंजाब के पुलिस अधिकारी ने यह बात कबूल भी की है। उन्होंने कहा है कि यह सच है, लेकिन सीमा सुरक्षा बल इस मामलें को ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रही है। गृह मंत्रालय ने तत्कालीन प्रभाव से इस मामले का संज्ञान लिया है।

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि “मीडिया के एक वर्ग में गलत तरीके से बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को कथित रूप से राज्य के किसानों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है। ये समाचार रिपोर्ट भ्रामक है।”  मंत्रालय ने कहा कि “ये समाचार रिपोर्ट 2 वर्षों की अवधि में पंजाब के 4 संवेदनशील सीमावर्ती जिलों से आने वाली सामाजिक आर्थिक समस्या के बारे में सरल अवलोकन की विकृत और अत्यधिक संपादकीय राय प्रस्तुत करती है, जिसे संबंधित सीएपीएफ द्वारा इस मंत्रालय के ध्यान में लाया गया है।”

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गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान में आगे कहा गया है कि, “इस मंत्रालय द्वारा किसी विशेष राज्य या राज्यों को जारी किए गए पत्र का कोई मकसद नहीं माना जा सकता है, क्योंकि यह कानून और व्यवस्था के मुद्दों पर नियमित संचार का हिस्सा है।” मंत्रालय ने यह भी कहा कि,”पत्र में स्पष्ट रूप से केवल यही कहा गया है कि “मानव तस्करी सिंडिकेट्स” मजदूरों को किराए पर लिए जाते हैं और उनको ड्रग्स देकर उनसे काम करवाया जाता है। मंत्रालय अपने बयान में इसका ज़िक्र करते हुए कहा,”अधिक श्रम के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले दवाओं के लालच के अलावा” उनका शोषण किया जाता है, उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है।”

गृह मंत्रालय ने अपने बयान में पत्र की बात कही है। बता दें कि, 17 मार्च की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सीमा सुरक्षा बल द्वारा किए गए खुलासे का मुद्दा उठाया था। पत्र में लिखा गया था कि सीमा सुरक्षा बल ने 58 मजदूरों को पकड़ा था, जिसके बाद यह सामने आया था कि उन्हें बंधुआ मजदूर के तरह काम करवाया जाता था। साथ ही उन्हें ड्रग्स दिया जाता था, जिसकी वजह से वह मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत ज्यादा कमजोर हो गए थे। पकड़े गए मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार के मूल्य रूप से रहने वाले हैं।

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गृह मंत्रालय ने बंधुआ मजदूरी के साथ ही मानव तस्करी का भी मुद्दा उठाया है। सीमा सुरक्षा बल की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश और बिहार से मजदूरों को अच्छी सैलरी देने का वादा करके पंजाब लाया गया था और बाद में उऩ्हें बहुत कम भुगतान करते थे। साथ ही ज्यादा मजदूरों से ज्यादा काम लेने के लिए उन्हें ड्रग्स का सेवन कराते थे।

पंजाब के किसानों द्वारा यह अमानवीय कारनामे तब सामने आई है, जब वो कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बार्डर पर कब्जा जमाए हुए है। सीमा सुरक्षा बल का यह रिपोर्ट यह संदेश दे रहा है कि पंजाब के कथित किसान, खेती नहीं बल्कि मजदूरों की तस्करी वाला सिंडिकेट चलाते हैं।

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