“Oxygen पूरे देश की ज़रूरत है”, स्टरलाइट की Oxygen तमिलनाडु तक सीमित रखने पर SC ने पलानीस्वामी की क्लास लगाई

पलानीस्वामी को पड़ी सुप्रीम कोर्ट से लताड़!

PC: DNA India

वेदांता के स्टरलाइट कॉपर प्लांट में Oxygen उत्पादन के मुद्दे पर तमिल नाडु सरकार को एक के बाद एक सुप्रीम कोर्ट से झटका मिलता जा रहा है। पहले स्टरलाइट को Oxygen उत्पादन करने की अनुमति ना देने के लिए राज्य सरकार को उच्चतम न्यायालय से लताड़ पड़ी थी, अब राज्य सरकार को कोर्ट को एक बेतुकी सलाह देना भारी पड़ा! दरअसल, तमिलनाडु सरकार ने कोर्ट को सलाह दी थी कि स्टरलाइट से पैदा होने वाली Oxygen को सिर्फ तमिलनाडु राज्य तक ही सीमित रखा जाये और Oxygen के वितरण के लिए तमिलनाडु को ही प्राथमिकता दी जाये! अब कोर्ट ने राज्य सरकार के इस सुझाव को नकारते हुए पलानीस्वामी सरकार को लताड़ लगाई है!

राज्य सरकार के बेतुके सुझाव पर जस्टिस चन्द्रचूड़ ने कहा “राज्य की Oxygen डिमांड कोई विशेष अलग मुद्दा नहीं है! Oxygen आज पूरे देश की ज़रूरत है।”

कोर्ट ने यह बयान मंगलवार को दिया और इसके साथ ही स्टरलाइट को Oxygen उत्पादन करने की छूट भी दे दी! अदालत ने कहा कि केवल ऑक्सीजन संयंत्र को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी और ऑक्सीजन के लिए राष्ट्रीय आवश्यकता को देखते हुए यह आदेश पारित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि वेदांता की ओर से तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर इकाई को केवल ऑक्सीजन का उत्पादन करने की अनुमति है और यहां पर ऑक्सीजन बनाने के अलावा अन्य कोई गतिविधि नहीं होगी!

इससे पहले तमिलनाडु सरकार द्वारा स्टरलाइट को Oxygen उत्पादन की छूट देने का विरोध किया जा रहा था। पिछले हफ्ते कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकीलों ने दलील दी थी कि इस प्लांट के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन ने वेदांता की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि “लोगों में वेदांता के खिलाफ आक्रोश है। पूर्व में गोलीबारी की एक घटना हुई थी, जिसमें 13 लोग मारे गए थे। वेदांता ने अगर संयंत्र खोला तो कानून-व्यवस्था की समस्या होगी, जिसे संभालना मुश्किल होगा।”

इस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था,  “हम राज्य सरकार के रुख की कतई सराहना नहीं कर सकते।” इसके बाद एक ओर जहां तमिलनाडु सरकार ने भी स्टरलाइट को Oxygen प्लांट शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी थी तो वहीं मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी प्लांट को इसके लिए इजाजत दे दी!

कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले की निगरानी के लिए एक समिति बनाने का भी निर्देश दिया है। हालांकि, साथ ही यह भी कहा गया है कि यह पैनल सिर्फ निगरानी कर सकेगा और प्लांट को संभालने की ज़िम्मेदारी वेदांता की ही होगी। इस दौरान वेदांता की ओर से पेश हुए वकील हरीश सालवे ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि इस पैनल में क्षेत्रीय लोगों को शामिल ना किया जाये और सिर्फ सरकार के अधिकारियों को ही शामिल किया जाये, जिसे बाद में कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया।

इस मामले पर तमिलनाडु सरकार की ओर से लगातार राजनीति देखने को मिल रही है। हालांकि, जिस प्रकार अब सुप्रीम कोर्ट ने यहाँ वेदांता को छूट दी है और जिस प्रकार कोर्ट ने राज्य की तमाम बेतुकी मांगों को सिरे से नकारा है, उसके बाद इस प्लांट का देश की oxygen ज़रूरत को पूरा करने की कोशिश करने का रास्ता साफ हो गया है।

 

Exit mobile version