पंजाब के किसानों की बल्ले-बल्ले, 8120 करोड़ सीधा खाते में, अमरिंदर की चाल औंधें मुंह गिरि

पंजाब के किसानों को अचानक PM मोदी से इतना प्यार क्यों हो गया!

पंजाब

PC: Business Today

दुष्प्रचार चाहें जितना फैला लो, एक निश्चित समय के बाद उसके प्रति लोगों में विश्वास कम हो ही जाता है और मोदी सरकार पंजाब के किसानों के मन से किसान आंदोलन के नाम पर फैलाए गए दुष्प्रचार की काट करने में लगी है, क्योंकि पंजाब के किसानों की गेहूं की खरीद का दाम (8180 करोड़ रुपए) पहली बार केंद्र ने उनके बैंक खातों में सीधे डीबीटी के माध्यम से पहुंचाया है, न कोई बिचौलिया न कोई आढ़ती, फसल का सारा लाभ MSP के साथ किसानों को मिला है। किसानों की मेहनत का फल उन्हें समूचे तौर पर मिला है, जो दिखाता है कि हजारों विवादों और दुष्प्रचार के बावजूद मोदी सरकार पंजाब और पूरे देश के किसानों के कल्याण में दिन रात एक कर रही है।

पंजाब के किसानों को बरगलाकर वहां की सत्ताधारी पार्टी ने एक किसान आंदोलन प्रायोजित किया और मोदी सरकार के प्रति झूठ का गुब्बारा फुलाया, लेकिन अब उन सारे दुष्प्रचारों की हवा निकल गई है, क्योंकि किसानों को मोदी सरकार की साफ नीयत दिखने लगी है। दरअसल, केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने बताया है कि “पहली बार पंजाब के किसानों के गेहूं उत्पादन और बिक्री का पूरा दाम MSP के साथ उनके बैंक अकाउंट में भेज दिया गया है।“ दिलचस्प बात ये है कि इस साल पंजाब के किसानों ने 84.15 लाख टन गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन किया है।

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पंजाब के ही एक किसान अमरजीत सिंह ने बताया कि “उन्होंने 100 क्विंटल गेहूं बेचा था, जिसकी कीमत MSP के साथ सीधे उनके बैक अकाउंट में करीब 1,97,500 रुपए आई है, जिसमें बिचौलियों को पूर्णतः खत्म कर दिया है।

केंद्र सरकार द्वारा इस प्रकरण को एतिहासिक बताते हुए कहा गया, “पंजाब के किसानों के खातों में पहले ही लगभग 8,180 करोड़ रुपये सीधे हस्तांतरित किए जा चुके हैं।” इस बयान में कहा गया, “इस साल, सार्वजनिक रूप से होने वाली गेहूं खरीद के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा है। इस साल पंजाब और हरियाणा में भी किसानों को उनकी कृषि उपज की खरीद होने पर भुगतान सीधे बैंक खातों में किया जा रहा है। इससे पहले किसानों को यह भुगतान उनके खातों में सीधे नहीं किया जाता था।”

कुछ इसी तरह हरियाणा के किसानों के बैंक खातों में उनकी MSP का पैसा डायरेक्ट आया है। खबरों के मुताबिक, अब तक 4,668 करोड़ रुपये हरियाणा के किसानों के खातों में डाले जा चुके हैं। इस वर्ष हरियाणा से अब तक केंद्र द्वारा लगभग 71.76 लाख टन गेहूं की खरीद की गई है। इस पूरी परिस्थिति के बाद अब पंजाब के किसानों को लेकर अनेकों तरह के बयान दिए जा रहे हैं। वहीं इस मुद्दे पर राष्ट्रीय किसान प्रोगेसिव एसोसिएशन ने भी बड़ी बात कही है।

दरअसल, राष्ट्रीय किसान प्रोगेसिव एसोसिएशन के अध्यक्ष बिनोद आनंद ने कहा, “अगर तीनों कृषि कानून  सही तरीके से लागू हो जाएं तो पंजाब के किसानों को कितना फायदा होगा, यह खबर इसका जीता जागता उदाहरण है। आंदोलन कर रहे किसानों से अपील है कि डायरेक्ट पैसा मिलने के उदाहरण को देखते हुए आत्मावलोकन करें कि उन्हें बिचौलियों वाली व्यवस्था चाहिए या फिर किसानों को फायदा देने वाली।

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साफ है कि अपने इस एक कदम से मोदी सरकार ने पंजाब के तथाकथित किसान आंदोलन की हवा निकाल दी है। पंजाब के किसानों के खातों में बिना किसी बिचौलिए या आढ़ती के सटीक कीमत MSP के साथ भेजकर मोदी सरकार ने दिखाया है कि वो किसानों के कल्याण के लिए पूर्णतः कटिबद्ध है। इतना ही नहीं मोदी सरकार का ये कदम तथाकथित किसान आंदोलन को कमजोर कर सकता है, क्योंकि मोदी सरकार के इस कदम से पंजाब के किसानों का भ्रम दूर होगा। इतना ही नहीं सभी को पता है कि ये पूरा किसान आंदोलन कांग्रेस के नेता और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा प्रायोजित है और अब मोदी सरकार के इस कदम से उनकी महत्वाकांक्षाओं को तगड़ा झटका लगेगा।

संभावनाएं हैं कि अब ये किसान आंदोलन असली किसानों से विहीन हो जाए और एक स्थिति ऐसी भी होगी, जब इस आंदोलन में केवल राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखने वाली कुछ राजनीतिक पार्टी के साथ राकेश टिकैत ही रह जाएंगे।

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