पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण का चुनाव 17 अप्रैल को होने वाला है। पांचवें चरण में 45 विधान सभा सीटों पर मतदान होगा। इसी बीच कांग्रेस के नेता राहुल गांधी चुनाव प्रचार के लिए पश्चिम बंगाल पहुंच गये हैं। जिन राहुल गांधी ने अभी तक खुद को पश्चिम बंगाल चुनाव प्रचार से दूर रखा था, अब वो चुनावी रैली में उतर गए हैं।
राहुल गांधी ने अपनी रैली में ममता बनर्जी पर जुबानी हमला बोला है, जिसमें, तृणमूल कांग्रेस को cut-money और राज्य सरकार के कुशासन के मुद्दे पर घेरा है। राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल की अपनी पहली रैली में ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा, “हमने कभी BJP के साथ गठबंधन नहीं किया, लेकिन ममता जी ने (अतीत में) ऐसा किया है। पश्चिम बंगाल इकलौता ऐसा राज्य है जहां आपको नौकरियां पाने के लिए ‘कट मनी’ देनी पड़ती है।”
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राहुल गांधी ने अपने भाषण में आगे कहा, “यह पहला प्रदेश है जहां रोजगार देने के लिए पहले डिपॉजिट देना होता है। ममता जी कहती हैं कि चुनाव के वक्त खेल होगा। यहां की सड़क कौन बनवाएगा, खेल तो सड़क पर होता है न ? नरेंद्र मोदी कहते हैं कोरोना आता है तो थाली बजाओ, घंटी बजाओ, मोबाइल की लाइट जलाओ कोरोना भाग जाएगा, भाग गया कोरोना ?”
बता दें कि, पश्चिम बंगाल चुनाव में अब तक 135 सीटों पर मतदान हो चुके हैं और अभी 159 सीटों पर चुनाव होने बाकी हैं। राहुल गांधी पहले चार चरणों के चुनाव प्रचार में गायब थे और अब उनका अचानक प्रकट होना तृणमूल कांग्रेस के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अभी तक पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच secret-alliance की हवा थी, जिसकी वजह से कांग्रेस के वोटर्स के पास भाजपा को हराने के लिए के लिए तृणमूल कांग्रेस को वोट देने का विकल्प था।
अभी जब राहुल गांधी चुनाव प्रचार में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं, इससे कांग्रेस के वोटर्स, कांग्रेस को सक्रिय पार्टी समझ कर अब सीधे कांग्रेस पार्टी को वोट देंगे। ऐसे में आखिरकार तृणमूल कांग्रेस को ही नुकसान होगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी न सिर्फ चुनाव प्रचार में हिस्सा ले रहे हैं, बल्कि ममता बनर्जी पर हमला करने से भी बिल्कुल पीछे नहीं हट रहे हैं। राहुल गांधी के ममता बनर्जी पर विरोध प्रकट करने से कांग्रेस के समर्थकों के बीच यह संदेश जाएगा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ है।
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अगर कांग्रेस के वोटर्स तृणमूल के खिलाफ हो जाते तो भाजपा को इससे फायदा होगा, क्योंकि तृणमूल और कांग्रेस गठबंधन का वोट बैंक मुख्यतर अल्पसंख्यक हैं। ऐसे में वोट बैंक के वोट TMC और कांग्रेस गठबंधन के बीच बट सकते है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस अभी तक एक असंगत पार्टी से ज्यादा कुछ भी नहीं थी, लेकिन अब राहुल गांधी के आने से तृणमूल को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। तृणमूल कांग्रेस तो पहले से ही चार चरणों के चुनाव में भाजपा की मार सह रही थी और अब राहुल गांधी ने आकर ममता के जले पर नमक रगड़ दिया है।
गौरतलब है कि, पांचवे चरण के चुनाव में अल्पसंख्यक बहुमूल्य विधान सभा क्षेत्र भी हैं, जिसके ऊपर ममता बनर्जी नजरें टिका कर बैठीं थी, लेकिन राहुल गांधी ने आकर ममता बनर्जी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। साथ में भाजपा के लिए कोलकाता के लिए रास्ता साफ कर दिया है।