“भीख मांगना तो दलितों की प्रवृति ही है”, दलितों द्वारा BJP के समर्थन से बौखलाई TMC का बेहूदा बयान

TMC की सुजाता मण्डल खान ने दलितों का किया अपमान

हाल ही में TMC काँग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की करीबी माने जाने वाली सुजाता मण्डल खान का एक क्लिप वायरल हुआ है, जिसमें वह कहती हैं, “दलित तो जन्मजात भिखारी है और तभी तो उन्होंने भाजपा को अपनी आत्मा बेच खाई है”

इस क्लिप में आप स्पष्ट तौर पर देख सकते हैं कि कैसे सुजाता मण्डल बंगाल के पिछड़े वर्गों को खुलेआम अपमानित कर रही है। सुजाता का कहना है, “ममता जी ने इन लोगों के लिए कितना किया, फिर भी इनकी इच्छा शांत ही नहीं होती। कुछ लोग हालत से भिखारी होते हैं और कुछ लोग जन्मजात भिखारी। यहाँ के पिछड़े दूसरे श्रेणी में आती हैं।”

कहने को TMC अपने आप को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की हितैषी कहती है, लेकिन यही पार्टी जनसमर्थन से हाथ फिसलता हुआ देख लोगों को अपशब्द सुना रही है। हालांकि यह कोई हैरानी की बात नहीं है, क्योंकि ये वही TMC काँग्रेस है, जो अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के लिए न सिर्फ CAA का विरोध करती है, बल्कि उसके कारण मटुआ समुदाय को भी उनके अधिकारों से वंचित करती आई है।

बंगाल में राजबंशी, मटुआ समेत अनेक दलित समुदाय हैं, जिन्हें वर्षों तक TMC समेत अन्य सेक्युलर पार्टियों ने नजरअंदाज किया। जब भाजपा ने बंगाल में अपना प्रभाव बढ़ाने का प्रयास किया, तो उन्होंने इन्हीं पिछड़ों का हाथ थामा, जिसके कारण लोकसभा चुनाव में भाजपा को 18 सीटों की अप्रत्याशित विजय प्राप्त हुई और वह राज्य में प्रमुख विपक्ष के रूप में स्थापित भी हुई।
इसके अलावा सुजाता मण्डल की कथित नाराज़गी के पीछे एक और कारण है – जनता द्वारा TMC की गुंडई को मुंहतोड़ जवाब। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसको लेकर वामपंथी मीडिया ने यह अफवाह फैलाई कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने सुजाता मण्डल खान पर हमला किया है। लेकिन सच्चाई तो कुछ और ही निकली।

दरअसल, हाल ही में सुजाता मण्डल और कुछ TMC कार्यकर्ता पिछड़े समुदाय के एक गाँव आए थे, लेकिन गाँव वालों ने जब उनकी बात नहीं सुनी, तो TMC के गुंडों ने स्वभाव अनुसार उपद्रव मचाना शुरू कर दिया था। घरों में घुसकर लोगों को मारने पीटने लगे, जिसमें एक ग्रामीण का हाथ भी टूट गया। इससे अन्य ग्रामीण भड़क गए और उन्होंने सुजाता समेत TMC के गुंडों का स्वागत लाठी डंडों से किया

इसीलिए सुजाता ने बौखलाहट में पिछड़े समुदायों को अपमानित करने का प्रयास किया, लेकिन इस प्रकरण में उन्होंने अपने ही पार्टी की लंका लगा दी। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से लेकर पूरी टीएमसी ममता बनर्जी को दलितों और अल्पसंख्यकों की मसीहा के तौर पर दिखाना चाहती है, लेकिन जिस प्रकार से सुजाता मण्डल ने दलितों को अपमानित किया है। उससे साफ हो जाता है कि TMC के दिन अब लद गए हैं और पार्टी चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती।

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