“मोदी जी, अब आप ही बचा लो”, महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता ने उद्धव के खिलाफ केंद्र सरकार से की अपील

महाराष्ट्र सरकार में साथी कांग्रेस को भी अब सिर्फ मोदी सरकार से उम्मीद!

महाराष्ट्र में कोरोनावायरस की महामारी का रौद्र रूप किसी से भी छिपा नहीं है। पूरे देश के लगभग 40 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र से ही आ रहे हैं। ऐसे में विपक्ष तो काफी पहले से ही महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार को निशाने पर ले रहा था, लेकिन अब गठबंधन के महत्वपूर्ण घटक दल कांग्रेस के नेता और पूर्व विधायक आशीष देशमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है, कि महाराष्ट्र में आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल घोषित किया जाए, और केंद्र द्वारा प्रशासन पर सीधा कंट्रोल किया जाए। उनका कहना है कि केन्द्र को अनुच्छेद 360 का तत्काल प्रयोग करना चाहिए।

महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार और उसके मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में पूर्णतः नाकाम साबित हुए हैं। देश ने जब कोरोनावायरस की पहली लहर पर विजय पा ली थी, उस वक्त भी महाराष्ट्र कोरोना से खस्ताहाल था, और इसीलिए ये भी कहा जा रहा है कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर में महाराष्ट्र की बड़ी भूमिका है। महाराष्ट्र में विपक्ष में बैठी बीजेपी तो हमला बोल रही है लेकिन अब कांग्रेस नेता भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने लगे हैं।

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कोरोनावायरस की स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र के नागपुर से कांग्रेस के बड़े नेता आशीष देशमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने राज्य की स्थिति को भयावह बताते हुए कहा कि महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने में पूर्णतः विफल रही है। अब तक 60,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में अब मोदी सरकार को महाराष्ट्र में अनुच्छेद 360 का प्रयोग करते हुए आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल के तहत राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए। इसके साथ ही स्थितियों को सामान्य करने के लिए सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार से इतर खुद केंद्र सरकार को ले लेनी चाहिए।

आशीष देशमुख का पीएम को लिखे अपने पत्र में कहना है कि यदि हालात ऐसे ही रहेंगे तो लोग परेशान होकर सड़कों पर उतरने लगेंगे, जो कि राज्य में एक नई अराजकता को जन्म देने वाला हो सकता है। ऐसा नहीं है कि आशीष देशमुख ने अपने इस ट्वीट को गुप्त रखा है। उन्होंने इस पत्र की प्रति खुद ही सोशल मीडिया और ट्विटर पर डाली है, जो दिखाता है कि अपनी ही सरकार के खिलाफ अराजकता के कारण अब अंदरखाने ही नेताओं का गुस्सा उबाल मारने लगा है, जो कि कांग्रेस समेत महाविकास अघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए एक ख़तरे की घंटी है।

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आशीष देशमुख पूर्व विधायक हैं, लेकिन वो महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रंजीत देशमुख के बेटे हैं। ऐसे में उनके कद को देखते हुए उनकी बगावत को हल्के में नहीं लिया जा सकता। इससे पहले भी वो नागपुर में एक जंबो कोविड अस्पताल के निर्माण को लेकर शिवसेना और एनसीपी दोनों पर ही हमला बोल चुके हैं। उनका ये रवैया दिखाता है कि वो लगातार अपनी सरकार की नाकामी की पोल खोलने में आगे हैं, जो उद्धव सरकार के पैर उखाड़ने के लिए काफी है।

राज्य में आपातकाल लगाना कोई साधारण बात नहीं है, लेकिन इस बात से इंकार भी नहीं किया जा सकता है कि उद्धव सरकार कोरोना संक्रमण के रोकथाम में पूर्णतः विफल रही है। पिछले साल भर में कभी ऐसा लगा ही नहीं कि सरकार। कोरोना संक्रमण को लेकर संवेदनशील भी है। यही कार‌ण है कि अब सरकार के घटक दल के नेता पीएम मोदी से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने लगे हैं।

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