द प्रिंट के शिवम विज ने सहकर्मी की मौत को कोरोना से जोड़कर एजेंडा फैलाया, बाद में पड़ी शेखर गुप्ता से लताड़

ट्वीट डिलीट करके भागा शिवम विज! शेखर गुप्ता ने दी नसीहत!

शेखर गुप्ता

(PC: OpIndia)

लेफ्ट लिबरल और प्रोपेगैंडा मशीनरी प्रत्येक मुद्दे पर कुतर्क करती रहती है, लेकिन हर बार सार्वजनिक तौर पर इन लिबरल्स की बेइज्जती सोशल मीडिया पर हो ही जाती है। कुछ ऐसा ही कोरोनावायरस के मुद्दे पर हो रहा है, क्योंकि आजकल प्रत्येक मौत को कोरोना से जोड़कर मोदी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है। ऐसे में ‘द प्रिंट’ के प्रमुख शेखर गुप्ता के ही खेमे के पत्रकार शिवम विज ने भी कोरोना से मौत को लेकर प्रोपेगैंडा फैलाया, और बाद में सच सामने आने पर शेखर गुप्ता ने अपने प्रिय शिवम विज की क्लास लगा दी है, और उन्हें खुद को वैक्सीन लगवाने की राय दी है।

‘द प्रिंट’ कहने को तो एक मीडिया संस्थान है, लेकिन असल में ये एक प्रोपेगैंडा मशीनरी है, जिसका संचालन वरिष्ठ वामपंथी पत्रकार शेखर गुप्ता द्वारा होता है। फेक न्यूज फैलाने से लेकर भ्रामक खबरों का दुष्प्रचार करने में द प्रिंट की हमेशा ही एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है लेकिन इस बार फेक न्यूज की प्रवृत्ति को लेकर शेखर गुप्ता ने ही अपने संस्थान के पत्रकार शिवम विज को लताड़ लगा दी है। शिवम विज ने अपने एक ट्वीट में अपनी सहकर्मी की मौत को कोरोना से जोड़ा और वैक्सीनेशन पॉलिसी को लेकर सवाल खड़े किए।

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अपने एक ट्वीट में शिवम विज ने कहा, मेरी सहकर्मी शॉली रुद्र की कोविड-19 के कारण मृत्यु हो गई है। स्वास्थ्य कारणों से उनकी पहले ही काफी प्रतिरोधक क्षमता कम हो चुकी थी। मोदी सरकार ने उन्हें प्राथमिकता नहीं दी, क्योंकि उनकी उम्र 45 वर्ष से कम की थी, जबकि उन्होंने ट्वीट कर मांग की थी कि उनके जैसे स्वास्थ्य वालों को वैक्सीन लगाई जाए। असंवेदनशील सरकार। उन्होंने सोचा था कि अपनी सहकर्मी की मौत पर वो मोदी सरकार को आसानी से कोस सकते हैं लेकिन उनका ये खेल उल्टा पड़ गया।

https://twitter.com/alok_bhatt/status/1385479519826440196?s=20

शिवम के ट्वीट को लेकर शॉली की कज़न बहन तरीनी बरत ने रीट्वीट किया और शिवम के द्वारा प्रसारित फेक न्यूज का पर्दाफाश करते हुए बताया कि शॉली का जाना बेहद दुखद है लेकिन ऐसा नहीं है कि उनकी मृत्यु कोरोनावायरस के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी मौत के पीछे की वजह उनके पुराने स्वास्थ्य कारण थे, इसलिए कोविड का झूठ न प्रसारित किया जाए। तरीनी की इस सफाई के बाद शिवम का फेक न्यूज का एजेंडा पूर्णतः एक्सपोज हो‌ गया। मजबूरन उन्हें अपना पुराना ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा। ये वाकया साबित करता है कि द प्रिंट किस तरह से अपने लिबरल पत्रकारों के जरिए देश‌ में मोदी विरोध के नाम पर झूठ प्रचारित करता रहता है, लेकिन इस बार चौंकाने वाली एक और बात भी हुई।

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द प्रिंट में खुद प्रोपेगैंडा मशीनरी चलाने वाले शिवम के बॉस शेखर गुप्ता ने इस बार शिवम को लताड़ लगा दी है। उन्होंने शिवम के टृवीट को री-ट्वीट करते हुए कहा, सावधान रहिए शिवम, आंकड़ों के अनुसार वैक्सीन लेने के बावजूद लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। 13 करोड़ लोगों के टीकाकरण में 27 हजार लोग कोरोना का पुनः शिकार हुए हैं। यद्यपि ये सूक्ष्म आकड़ा है। आखिरी बात, भारत को इस वक्त वैक्सीन की आवश्यकता है, इसलिए आपभी एक मई को वैक्सीन अवश्य लगवाएं।

शेखर गुप्ता के इस ट्वीट के बाद ही शिवम विज ने अपना ट्वीट डिलीट कर लिया। शेखर गुप्ता ने इसके जरिए वैक्सीन के मुद्दे पर बेजा विरोध करने वालों को भी तगड़ा जवाब दे दिया है। इसमें कोई शक नहीं है कि शेखर गुप्ता हमेशा ही मोदी विरोध में प्रोपेगैंडा चलाते रहते हैं, लेकिन कोरोनावायरस के मुश्किल दौर में वैक्सिनेशन के मुद्दे पर कुतर्क कर रहे अपने ही साथी पत्रकार को लताड़ कर उन्होंने सूझ-बूझ का बेहतरीन परिचय दिया है।

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