दिलीप मंडल का नाम शायद ही हम में से कई लोगों ने सुना होगा। परंतु आजकल सोशल मीडिया पर वे हुड़दंग मचाए हुए हैं। अपने जातिवादी सोच के लिए सोशल मीडिया पर अक्सर लताड़े जाने वाले पत्रकार दिलीप मंडल, जो फेसबुक पर दिलीप सी मंडल के नाम से दिखाई देते हैं, और ट्विटर पर प्रोफ दिलीप मंडल के हैंडल से अकाउंट चलाते हैं, अब ट्विटर पर जातिवाद का वैमनस्य फैलाते हुए पाये गए। दिलीप मंडल के ट्वीट को देखकर तो ऐसा लग रहा था जैसे अब इन्हें सोशल मीडिया पर भी आरक्षण चाहिए।
इसकी शुरुआत तब हुई, जब कुछ दिन पहले ट्विटर पर #SackManishMaheshwari के नाम से ट्रेंड चलाया गया था। मनीष माहेश्वरी ट्विटर इंडिया के नए एमडी हैं, जिनपर कुछ यूज़र्स ने पिछड़ी जातियों के ट्विटर अकाउंट पर अनुचित कार्रवाई करने का आरोप लगाया था –
@TwitterIndia is partial with Bahujan's.
Suspending Bahujan accounts is a common day work of it.
So, we need to give @Twitter the sign of Bahujan unity.#TwitterHatesSCSTOBCMuslims#SackManishMaheshwari— PhuleAmbedkarite (@jay_k25) November 5, 2019
ये है @TwitterIndia का असली चेहरा पूरा दोगली राजनीति होती है @jack sir please look at the attached post. How resist person stay in the #twitter office please #SackManishMaheshwari remove such type of castiest person. @dilipmandal @NehaYadav_94 @SpArajesh @BhimArmyChief @mnsyadav https://t.co/QTp8XbVvU9
— SOCIALIST (@Sosocialist) November 4, 2019
Sincere request to @jack @Twitter@TwitterIndia lost all its credibility, due to one man —> @manishm345…
I am sure @jack you wudn't like to see this,
But one bigot ruined all your reputation/credibility…#SackManishMaheshwari
Sack him immediately… https://t.co/mQUgwmyMRN— Dr.chandajeevi🗽 (@No_Merit_) November 4, 2019
#islamPhobicTwitter#SackManishMaheshwari @Twitter & @jack please Take action against @manishm345 https://t.co/FWiZKCMG7r
— Shiraz Alam (شيراز عالم) (@shirazalam007) November 4, 2019
@TwitterIndia has been consistently shunning anti-establishment voices since quite a while. #SanjayHegde's account was suspended, #SackManishMaheshwari was made to disappear from trending topics; clearly, it seems that only anti-Muslim hashtags are welcomed by the team. (4/n)
— Govind Nair (@govindnair_) November 4, 2019
इसी कड़ी में द प्रिंट के हिन्दी विभाग में काम करने वाले दिलीप मंडल ने एक ट्वीट पोस्ट की थी। दिलीप मंडल कहते हैं, ‘प्रिय जैक डोर्सी, ट्विटर इंडिया के कर्मचारी स्वभाव से जातिवादी हैं, वे पिछड़े समुदाय को उनका उचित स्थान नहीं देना चाहते, वे लोकतान्त्रिक आवाज़ देने वाले ट्विटर अकाउंट को सस्पैंड कर देते हैं। अपने भारतीय ऑफिस का सामाजिक ऑडिट कीजिये’।
Dear @jack, The employees of @TwitterIndia are castiest to the core, they don't give democratic spaces to the oppressed communities, they suspend twitter accounts of democratic voices. Pl. do a social audit of your India offices. #SackManishMaheshwari
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) November 2, 2019
इसके अलावा एक और ट्वीट में उन्होंने अपनी मंशा ज़ाहिर करते हुए कहा, ‘इस ट्वीट में वे कहते हैं, ‘वेरिफिकेशन और ब्लू टिक का नियम बनाओ. ग्रेजुएट चाहिए, पीएचडी चाहिए. कौन सा पद चाहिए। कितने फॉलोवर चाहिए. कितनी किताबों का लेखक चाहिए। वकील चाहिए, किसान चाहिए, डॉक्टर चाहि।. आदमी चाहिए, बैल चाहिए। कोई तो नियम बनाओ. सबको एक नियम पर वेरिफाई करो. जातिवाद मत करो। #VerifySCSTOBCMinority”
वेरिफिकेशन और ब्लू टिक का नियम बनाओ. ग्रेजुएट चाहिए, पीएचडी चाहिए. कौन सा पद चाहिए. कितने फॉलोवर चाहिए. कितनी किताबों का लेखक चाहिए. वकील चाहिए, किसान चाहिए, डॉक्टर चाहिए. आदमी चाहिए, बैल चाहिए. कोई तो नियम बनाओ. सबको एक नियम पर वेरिफाई करो. जातिवाद मत करो. #VerifySCSTOBCMinority
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) November 4, 2019
इस ट्वीट से स्पष्ट होता है कि दिलीप मंडल को पिछड़ी जातियों के लिए किसी भी स्थिति में ट्विटर का प्रतिष्ठित ब्लू टिक चाहिए, चाहे इसके लिए नैतिकता और व्यावहारिकता की बलि ही क्यों न चढ़ानी पड़े। अपने जातिवाद का एक और नमूना पेश करते हुए उन्होंने ट्वीट किया, “ट्विटर इंडिया के मुंबई ऑफिस में #BhimArmy के डेलिगेशन के साथ वार्ता करते ट्विटर के अधिकारी। आज ट्विटर के मुंबई ऑफिस में कोई काम नहीं हो पाया। भीम आर्मी के कार्यकर्ता वहां लगातार मौजूद रहे। ट्विटर ने 24 घंटे के अंदर सुधार करने का वादा किया है। #verifySCSTOBCMinority” –
ट्विटर इंडिया के मुंबई ऑफिस में #BhimArmy के डेलिगेशन के साथ वार्ता करते ट्विटर के अधिकारी. आज ट्विटर के मुंबई ऑफिस में कोई काम नहीं हो पाया. भीम आर्मी के कार्यकर्ता वहां लगातार मौजूद रहे. ट्विटर ने 24 घंटे के अंदर सुधार करने का वादा किया है. #verifySCSTOBCMinority pic.twitter.com/tNo46hutQR
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) November 4, 2019
दिलीप मंडल के वैमनस्य से भरे ट्वीट्स का समर्थन करते हुए लेफ्ट लिबरल बुद्धिजीवियों ने ट्विटर पर ब्राह्मणवादी ट्विटर ट्रेंड करना शुरू कर दिया। जब दिलीप मंडल के ओछे ट्वीटों के कारण उनका अकाउंट कुछ समय के लिए सस्पैंड किया गया, तो काँग्रेस नेता उदित राज ने कहा, ‘दिलीप मंडल के ट्विटर सस्पेंशन पर देश में बहुजनों में सन्देश गया कि यह भेदभाव करने वाली मीडिया है। इससे समाज में जातीय जहर बढ़ा है। रतनलाल के साथ भी ऐसा ही हुआ। ट्विटर इंडिया जातिवादी सक्रियता पर रोक लगाये मेरे ट्वीट पर ये भेडिये कि तरह टूट पड़ते हैं’।
.@dilipmandal के ट्विटर सस्पेंशन पर देश में बहुजनों में सन्देश गया कि यह भेदभाव करने वाली मीडिया है. इससे समाज में जातीय जहर बढ़ा है @ratanlal72 के साथ भी ऐसा ही हुआ. @TwitterIndia जातिवादी सक्रियता पर रोक लगाये
मेरे ट्वीट पर ये भेडिये कि तरह टूट पड़ते हैं #UditRajStands4Justice— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) November 4, 2019
इसी प्रकार पत्रकार प्रशांत कनोजिया ने ट्वीट किया, ‘ट्विटर पर बहुजनों का परचम लहरा रहा है। उत्पीड़न और अत्याचार के लिए आवाज़ बुलंद करना होगा। कमंडल को तोड़ना है, तो मंडल लाना होगा। #ब्राह्मणवादीट्विटर”। आश्चर्य की बात तो यह है कि यह वही प्रशांत कनोजिया हैं, जिन्होंने कभी पिछड़ी जाति के लोगों की तुलना पशुओं से की थी।
जब इन अवसरवादी लोगों की लॉबीइंग एवं भीम आर्मी के ट्विटर इंडिया ऑफिस में घुसकर गुंडागर्दी की खबरें सामने आई, तो ट्विटर इंडिया ने भी एक अपरिपक्व निर्णय लेते हुए दिलीप मंडल के अकाउंट को न केवल बहाल किया, अपितु उन्हें ब्लू टिक भी थमाया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्विटर के नियमों का कोई मोल नहीं है। क्या किसी भी व्यक्ति को सिर्फ इसलिए सोशल मीडिया पर कुछ विशेष सुविधाएं मिल जाएंगी, क्योंकि ऐसा न करने पर उसके समर्थक दंगा मचा सकते हैं? दिलीप मंडल के केस को देखकर तो ऐसा ही लगता है। वास्तव में ट्विटरइंडिया को इस तरह के कदम उठाने से पहले अपने बनाये नियमों का सख्ती पालन करना चाहिए और किसी दबंगई पर कानून का सहारा लेना चाहिए।
1st twitter has suspended Dilip Mandal.
Communists did the outrage & twitter restored him.
Again communists did the outrage to verify his handle.
Now communists are outraging to verify 500 dalit accounts.
Did @Twitter afraid to follow its rules?#RemoveBlueTickOfDilipMandal
— अभय प्रताप सिंह (@pratap_abhay07) November 4, 2019
परंतु ये पहला ऐसा मामला नहीं है। दिलीप मंडल ने कुछ समय श्रीराम को लेकर एक बेहद आपत्तिजनक पोस्ट किया था, जिसके कारण उनके खिलाफ न केवल एफ़आईआर दर्ज हुई, अपितु उन्हें अपना पोस्ट डिलीट भी करना पड़ा –
इसके अलावा अभी कुछ महीनो पहले ट्विटर पर निर्देशक नीरज घायवान ने एक विज्ञापन निकाला था, जिसमें उन्होंने अपने फिल्मों के लिए केवल पिछड़ी जाति के लोगों की मांग की थी। कल्पना कीजिये अगर यही विज्ञापन सवर्णों के लिए नीरज घायवान ने नहीं, अपितु नीरज पांडेय ने निकाला होता, तो क्या होता? अभी जो बुद्धिजीवी दिलीप मंडल की ओछी हरकतों पर चुप्पी साधे बैठे हैं, वे दहाड़े मारकर रोने लगते, और देश में अनौपचारिक आपातकाल की घोषणा कर देते। सच कहें तो जातिवाद एक अच्छी बात नहीं है, और इस कुप्रथा को हटाने के लिए हम सभी को एकजुट होना चाहिए। पर जातिवाद को हटाने का अर्थ यह कदापि नहीं है कि एक प्रकार के जातिवाद को दूसरे प्रकार के जातिवाद से बदला जाये, और दिलीप मंडल जैसे लोग यही कर रहे हैं।
वहीं, मंडल का मामला फिर से साबित करता है कि माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म में नियमों का कोई सेट नहीं है, किसी भी अकाउंट को वेरीफाईड करने के लिए वो अपने नियमों तक बदल देते हैं, ऐसा लगता है कि ट्विटर इंडिया इस तरह के छोटे मोटे आक्रोश से तुरंत प्रभावित होता है तभी तो पहले सस्पेंड करता है फिर वेरीफाई बैज दे देता है। मंडल के अकाउंट मिला ब्लू टिक तो ट्विटर की कथित मजबूत नीतियों की पोल खोलता है।