जिस समय भारत वुहान वायरस की दूसरी और विकराल लहर के संकट से गुज़र रहा है, उस समय भी कुछ लोग अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं। कोई आवश्यक दवाइयों और ऑक्सीजन सिलिन्डरों की कालाबाज़ारी करने में लगा हुआ है, तो कोई वैक्सीन चुराने में लगा हुआ है। लेकिन कुछ महान लोग इस समय भी किसी भी तरह सनातन धर्म को अपमानित करने में लगे हुए हैं, जैसे कि अभी द वायर ने किया।

द वायर कितना भारत विरोधी और सनातन विरोधी है, इसके बारे में कोई विशेष शोध करने की जरूरत नहीं। लेकिन इस बार तो हद ही हो गई। द वायर ने अब ये रिपोर्ट प्रकाशित की है कि राजनाथ सिंह ने रामचरितमानस को कोविड से लड़ने के लिए रामबाण इलाज बताया है। द वायर के अनुसार राजनाथ सिंह ने ये बात रामनवमी के अवसर पर एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कही थी।
इस डिसक्रिप्शन से आप स्पष्ट समझ सकते हैं कि किस प्रकार से द वायर श्री राम के नाम पर सनातनियों को अपमानित करने पर तुला हुआ है। यही रिपोर्ट प्रभात खबर और नेशनल हेराल्ड में भी प्रकाशित हुई थी। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि विपदा के समय अपने कुत्सित एजेंडा को प्रकाशित करने की भूख कितनी ज्यादा इन लोगों में है।
लेकिन ये झूठ ज्यादा देर चल नहीं पाया। द वायर के इस झूठे लेख के लिए उसे लोगों की आलोचना झेलनी पड़ी। मामला बिगड़ता हुआ देख द वायर ने उस फेक न्यूज़ से जुड़े आर्टिकल को हटाते हुए एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें उसने सारा ठीकरा प्रभात खबर और नेशनल हेराल्ड पर फोड़ने का प्रयास किया।
लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। अनजाने में हुई भूल क्षमा की जा सकती है, एक गलती भी क्षमा योग्य है, परंतु बार बार की गई गलती क्षमा योग्य नहीं है। जिस प्रकार से द वायर और नेशनल हेराल्ड जैसे पोर्टल्स झूठी खबरें फैलाते हैं और पकड़े जाने पर माफी मांग के निकल लेते हैं, ये अब हर हद पार कर रहा है। अब केंद्र सरकार को इन झूठे पोर्टल्स के विरुद्ध अविलंब कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। यदि इन पोर्टल्स के सदस्यों को जेल न भेजा सके, तो कम से कम इनके पोर्टल्स के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए अन्यथा इनके झूठ का कारोबार किसी दिन देश की सुरक्षा और उसकी प्रतिष्ठा के लिए बेहद घातक सिद्ध हो सकता है।




























