टाटा, अडानी, Zydus और Reliance: COVID-19 महामारी में कैसे प्राइवेट कंपनियां देश में मदद के लिए आगे आये हैं

ऑक्सीजन

देश में COVID -19 के मरीजों का इलाज करने वाले कई अस्पतालों को ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण स्थिति इतनी खराब है कि अस्पतालों को उच्च न्यायालयों से संपर्क करना पड़ रहा है या सोशल मीडिया पर SOS सिग्नल भेजने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

जहां भारत सरकार ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहे राज्यों को आपूर्ति बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। वहीं कई भारतीय कंपनियां  इस विकट परिस्थिति में मदद करने के लिए आगे आई हैं। जैसे कि- रिलायंस, अडानी ग्रुप, zydus कैडिला, जिंदल ग्रुप, और IFFCO, इन निजी कंपनियों के साथ सरकारी कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड।

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बता दें कि, 20 अप्रैल को टाटा ग्रुप ने ट्विटर पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि, कोविड -19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में मदद करने के लिए जितना संभव हो सके करने के लिए तैयार है। इसके बाद टाटा ने घोषणा की कि लिक्विड ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए 24 क्रायोजेनिक कंटेनरों का आयात करेगा।

टाटा के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों को प्रतिदिन 700 मीट्रिक टन से अधिक लिक्विड ऑक्सीजन प्रदान कर रही है। RIL  ने अपने जामनगर तेल रिफाइनरियों में प्रतिदिन 700 टन से अधिक मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही है। यह ऑक्सीजन कोविड -19 से बुरी तरह प्रभावित राज्यों को मुफ्त में मुहैया कराई जा रही है।

गौतम अडानी ने ट्विटर अकाउंट पर जानकारी दिया कि, अपने यूएई के पार्टनर M/s linde की मदद से 80MT ऑक्सीजन आयात कर रहे है। इसके साथ ही गुजरात में अतिरिक्त ऑक्सीजन की आपूर्ति की व्यवस्था कर रहे हैं। इसके साथ ही अडानी ग्रुप प्रतिदिन गुजरात  में 1500 ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदान करती है।

भारत की फार्मास्यूटिकल कंपनी Zydus Cadila को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने एंटी-वायरल दवा, Virafin को मंजूरी दे दी, ताकि कोविड -19 मामलों का इलाज किया जा सके। बता दें कि, यह एंटी वायरल दवा  कोविड -19 रोगियों के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता को कम करता है।

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इस महामारी ने सबको साथ आकर लड़ने पर मजबूर कर दिया। प्राइवेट कंपनियों ने अपने-अपने फायदे को किनारे रख कर देश हित के बारे में सोचा; यह बात सराहनीय है।

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