मनी लॉन्ड्रिंग में फंसा दोषी चाहता है PMLA कानून का अंत, नखरे तो देखो बेबी चिदंबरम के

बाप-बेटे का जेल जाना लगभग तय है

PMLA

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बेटे और कांग्रेस की ओर से लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम ने हाल ही में कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की संवैधानिक वैधता के ऊपर सवाल खड़े किये हैं। बता दें कि, कार्ति चिदंबरम और उनके पिता पी चिदंबरम को PMLA एक्ट के तहत ही INX मीडिया केस में जेल में डाला गया था।

गौरतलब है कि, जिस कानून की वजह से बाप-बेटे को जेल की हवा खानी पड़ी थी, उस कानून को वह गैर कानूनी साबित करने की कोशिश करेंगे ही। कार्ति चिदंबरम ने कहा कि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा इस कानून के तहत की गई जांच, पूछताछ, छापेमारी, गिरफ्तारी और परीक्षण “मनमाना, अनुचित और जबरदस्ती” है।

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हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत के दौरान कार्ति चिदंबरम ने कहा PMLA इसलिए अनुचित है क्योंकि ” ED अपराध की जांच के दौरान जांच एजेंसी की रिपोर्ट का भी इंतजार नहीं करता है। प्रथम दृष्टया देखकर निष्कर्ष पर पहुंचता है कि अपराध (विधेय अपराध से संबंधित)  हो सकता है।”

कपिल सिब्बल और वकील एडवोकेट अर्शदीप सिंह ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कार्ति की ओर से पेश होकर पूरे पीएमएलए को 2019 में संशोधित करने की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि, ” PMLA के तहत जांच और परीक्षण की पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से मनमानी और अनुचित है। यह कानून उचित प्रक्रिया का उल्लंघन करता है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 20 और 21 के तहत भी यह कानून असंवैधानिक है। याचिका में कहा गया है  कि नतीजतन, PMLA असंवैधानिक और शून्य घोषित किया जा सकता है।

आपको बता दें कि, कार्ति चिदंबरम को साल 2018 में सीबीआई ने INX मीडिया मामले में हिरासत में लिया था, जबकि उनके पिता पी चिदंबरम को साल 2019 में CBI ने उसी केस में हिरासत में लिया था। फिलहाल कार्ति और पी चिदंबरम दोनों बेल पर जेल से बाहर हैं।

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इस मामले में सीबीआई और ED ने साल 2019 और 2020 में फ़ॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड में गड़बड़ी को देखते हुए और करोड़ों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आने के बाद चार्जशीट दायर की थी । ED ने अपने चार्जशीट में दावा किया है कि, INX मीडिया के संस्थापक पीटर मुखर्जी द्वारा कार्ति चिदंबरम से जुड़ी कंपनियों को 3.09 करोड़ रुपये दिये गयें हैं। सीबीआई ने इस मामले में कार्ति चिदंबरम के देश-विदेश से कुल 54 करोड़ रुपये की संपति जब्त की है।

एक बात तो तय है कि कार्ति और पी चिदंबरम दोनों ही बहुत बुरी तरह से फंस चुके हैं, इसलिए बाप-बेटे PMLA कानून में कमी निकाल कर बचना चाहते हैं। अब सिर्फ कोर्ट के फैसले का इंतज़ार है, जिसके बाद दोनों का जेल जाना लगभग तय है, जिसे चिदंबरम परिवार तो क्या, खुद 10 जनपथ भी नहीं रोक पाएगा।

 

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