कल शाम चार बजे से 18-45 वर्ष के बीच के लोगों के लिए वैक्सीनेशन के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है और उम्मीद के मुताबिक कुछ समय के लिए CoWIN ऐप और वेबसाइट, UMANG ऐप और Aarogya सेतु ऐप क्रैश हो गया। हालांकि, जल्द ही आरोग्य सेतु ऐप ने काम करना शुरू कर दिया साथ ही, CoWIN वेबसाइट भी अच्छे से चलने लगा।
हर तकनीक में कुछ समस्याएं होती है, लेकिन विफलता में सबक और कुछ छुपे हुए संदेश होते हैं। वेबसाइट या ऐप के क्रैश होने का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सबक यह है कि यह ऐप एक साथ इतनी बड़ी संख्या में यूजर्स को संभालने के लिए अनुकूलित नहीं था। यह एक ऐसी समस्या जिसे आसानी से ठीक किया जा सकता है और किया भी गया।
परन्तु इससे मिलने वाला संदेश बेहद महत्वपूर्ण है – विपक्ष और वामपंथी द्वारा वैक्सीन के खिलाफ प्रचार के बावजूद टीकाकरण का संदेश अधिकांश लोगों तक पहुंच गया है। यह दिखाता है कि जनता लिबरल ब्रिगेड के प्रोपोगेंडे के बावजूद टीका लगाने के लिए तैयार हैं।
CoWin के ऊपर एक साथ करोड़ों यूजर का पंजीकरण करना यह दिखाता है कि उन्हें भारत के दोनों वैक्सीन पर पूरा भरोसा है। जिस तरह से शुरुआत में भारतीय वैक्सीन के खिलाफ प्रोपोगेन्डा फैलाया गया और लोगों के अन्दर वैक्सीन को लेकर डर फैलाने की कोशिश की गयी थी, CoWin वेबसाइट के ऊपर यह ट्रैफिक उन सभी वामपंथियों के मुंह पर जोरदार तमाचा है।
उदहारण के लिए, विपक्ष की लगभग सभी पार्टियाँ, चाहे वो कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी या कम्युनिस्ट पार्टी सभी ने वैक्सीन के आने से पहले ही उसके खिलाफ प्रचार करना और लोगों को डराने का काम शुरू कर दिया था। कोरोनो वायरस के कारण लगाये गए लॉकडाउन की आलोचना करने वाले राजीव बजाज ने एनडीटीवी के पत्रकार श्रीनिवास जैन के साथ साक्षात्कार में तो यह तक कह दिया था कि भारतीय टीके सुरक्षित नहीं हैं। कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी की है, जो पहले तो वैक्सिनेशन प्रोग्राम में उम्र घटाने की बात कर रहे थे, लेकिन जब वो हो गया है, तो उनका कहना था कि गरीबों को वैक्सीन कैसे मिलेगी, जो मिलेगी उसकी कीमत क्या होगी, बिचौलियों के जरिए वैक्सीन की कीमत बेहद महंगी हो जाएगी। इतना ही नहीं कांग्रेस के एक और नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि कीमत न तय होने से मुनाफाखोरी बढ़ेगी और राज्य सरकारों को वैक्सीन लेने में सबसे ज्यादा दिक्कतें होंगी।
So you contributed to the #COVID19 vaccine hesitancy, @ShashiTharoor chetta? Why did you do this chetta? On Jan 4, 2021 there were only 16,375 new cases https://t.co/Scki2O7LzM pic.twitter.com/JEIul5yaEl
— Naren Menon (ಮೋದಿಯವರ ಕುಟುಂಬ) (@NarenMenon1) April 28, 2021
#NDTVExclusive | “Adar Poonawalla is a friend and I admire him for what he is doing.. but between being for or against the vaccine, a middle path – do the risks outweigh the benefits? For someone like me, I believe they do,” says Rajiv Bajaj, MD, Bajaj Auto#ExecutiveDecision pic.twitter.com/Kq4EYf8cq4
— NDTV (@ndtv) February 5, 2021
• No free vaccines for 18-45 yr olds.
• Middlemen brought in without price controls.
• No vaccine guarantee for weaker sections.
GOI’s Vaccine Discrimination- Not Distribution- Strategy!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 20, 2021
This is what @ShekharGupta ‘s platform published on 11th Jan. As someone who is a platform owner and has been a leading editor, isn’t publishing something like this / even if it is an opinion / not sinister? https://t.co/PVjnDME4PR pic.twitter.com/BuEF307Zll
— Alok Bhatt (Modi Ka Parivar) (@alok_bhatt) April 28, 2021
वहीँ कांग्रेस के सबसे बड़े चाटुकारों में से एक और भारत में Coup की झूठी रिपोर्ट लिखने वाले शेखर गुप्ता की The Print से लेकर fake न्यूज़ के लिए मशहूर The Wire और सभी वामपंथी पोर्टल वैक्सीन के खिलाफ प्रचार में जी जान से जुटे थे। शेखर गुप्ता की The Print तो न जाने कई लेख वैक्सीन के खिलाफ लिखे और आखिरी समय तक युवाओं को डराने की कोशिश करते रहे।
इन चारो लेख को देखा जाये तो यह भारतीय वैक्सीन के खिलाफ सुनियोजित प्रोपोगेन्डा नहीं है तो क्या है?
हालाँकि, इन सभी के प्रोपोगेंडे के बावजूद देश की जनता को भात्रतीय वैक्सीन पर भरोसा है और यह कल शाम पंजीकरण शुरू होते से पता लग गया। पहले दिन लगभग 1.33 करोड़ पंजीकरण हुए यानी स्पष्ट है लोगों में वैक्सीन के प्रति विश्वास और दृढ हुआ है। लोग इसी उत्साह के साथ वैक्सीन लगवाने जायेंगे। आज जिस तरह से कोरोना ने तांडव मचाया है उसे देखते हुए वैक्सीन की और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। लोगों को यह पता है कि कोरोना से लड़ाई में वैक्सीन ही हथियार है।