दिल्ली में Oxygen की भयंकर कमी के बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली सरकार को जोरदार फटकार लगाई। ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली की महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसपर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार की बखिया उधेड़ दी।
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पिछले कई दिनों से अपने यहाँ oxygen की कमी का रोना रो रहे हैं, लेकिन वे ऐन मौके पर एक Oxygen टेंकर की व्यवस्था न कर सके, जो आसानी से उत्तर प्रदेश से करीब 20 मीट्रिक तन Oxygen दिल्ली लेकर आ सकता था। इसपर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा “सभी राज्य अपने लिए ऑक्सीजन लाने के लिए टैंकर की व्यवस्था खुद कर रहे हैं। आप ऐसा क्यों नहीं कर सकते? आपको सब कुछ आपके दरवाजे पर डिलीवर नहीं किया जा सकता। आपके पास टैंकर नहीं है तो व्यवस्था कीजिए। केंद्र सरकार के अधिकारियों के संपर्क में रहिये।”
इतना ही नहीं, यह भी सामने आया है कि Oxygen Plants स्थापित करने के लिए केंद्र ने दिल्ली सरकार को जो फंड दिया था, उसका भी दिल्ली सरकार अच्छे से इस्तेमाल नहीं कर पाई है। दरअसल, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड से दिसंबर 2020 में ही केजरीवाल सरकार को ऑक्सीजन के लिए राशि मुहैया कराई थी।
केंद्र सरकार द्वारा यह राशि दिल्ली में 8 PSA (Pressure Swing Absorption) ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए दी गई थी लेकिन केजरीवाल सरकार ने अब तक मात्र ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया है।
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इसको लेकर भी दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को लताड़ लगाई। कोर्ट ने कहा कि सरकार के कुप्रशासन और अक्षमता के कारण राजधानी में ऑक्सीजन का संकट उत्पन्न हुआ है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से यह भी पूछा है कि केंद्र सरकार द्वारा फंड दिए जाने के बाद भी केजरीवाल सरकार अब तक मात्र एक PSA ऑक्सीजन प्लांट क्यों स्थापित कर पाई है?
इसके साथ ही शुक्रवार को जब पीएम मोदी दिल्ली के CM समेत सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर रहे थे, तो भी केजरीवाल ने कहा था कि Oxygen Express केंद्र का एक अच्छा “सुझाव” है। हालांकि, तब भी उनको PM मोदी ने टोककर बताया था की यह सिर्फ सुझाव नहीं है बल्कि भारतीय रेलवे पहले ही देशभर में Oxygen पहुंचाने के लिए Oxygen Express शुरू कर चुकी है।
प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में केजरीवाल ने भारतीय रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस का मुद्दा तो उठाया था, लेकिन भारतीय रेलवे ने भी यह बयान जारी कर उनकी पोल खोल दी कि दिल्ली सरकार ने फिलहाल इस मुद्दे पर उनसे कोई भी चर्चा नहीं की है।
रेलवे के द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि महाराष्ट्र की सरकार ने 15 अप्रैल को रेल मंत्रालय से रेल के द्वारा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के परिवहन की संभावनाओं पर चर्चा की थी जिस पर विचार करते हुए रेलवे ने एक विस्तृत प्लान तैयार किया और 19 अप्रैल को पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस विशाखापट्टनम से मुंबई के लिए रवाना हुई।दूसरी ओर दिल्ली की ओर से ऐसी कोई चर्चा नहीं की गयी!
यह दर्शाता है कि केजरीवाल सिर्फ PR के लिए गुप्त बैठकों का प्रसारण करने की नीति में विश्वास रखते हैं, जबकि जब बात जमीनी स्तर पर काम करने की होती है, तो वे लाइन में सबसे पीछे खड़े नज़र आते हैं। oxygen की सप्लाई हेतु उन्होंने सब राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक चिट्ठी भी लिखी है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि वे खुद अपने यहाँ की स्थिति संभालने के लिए कब नींद से जागेंगे?