खेल की दुनिया का काला दिन: कभी देश के लिए मेडल जीतने वाला सुशील कुमार हत्या के आरोप में धरा गया

अपने अच्छे-खासे करियर को बर्बाद कैसे किया जाता है, वो सुशील कुमार से पूछिये!

सुशील कुमार

(PC: Deccan Herald)

सभी दिन एक समान नहीं होते। कभी जो सुशील कुमार देश की शान हुआ करते थे, और जिस सुशील कुमार ने भारत का नाम विश्व पटल पर गर्व से ऊंचा किया था, आज वह सुशील कुमार किसी वांछित अपराधी की भांति हिरासत में लिए गए हैं। हाल ही में उन्हें दिल्ली पुलिस ने एक युवा पहलवान के साथ मारपीट और हत्या के मामले में हिरासत में लिया है

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में ओलंपिक पदकधारी सुशील कुमार को पहलवान सागर राणा उर्फ सागर धनखड़ की हत्या के परिप्रेक्ष्य में हिरासत में लिया है। सुशील कुमार और उनके सहयोगियों पर छत्रसाल स्टेडियम में घुसकर सागर धनखड़ और उसके साथियों पर एक प्रॉपर्टी को लेकर विवाद के चलते मारपीट और उसके बाद पीट पीटकर हत्या करने और गोलियां चलाने का मामला भी दर्ज है। ये घटना 4 मई को हुई थी, और सुशील कुमार को 18 दिन बाद हिरासत में लिया गया था।

ये घटना न केवल भारतीय खेलों के लिए एक काले दिन समान है, बल्कि सुशील कुमार के पतन का भी परिचायक है। जिस व्यक्ति ने अपने कौशल से 56 वर्ष बाद बीजिंग ओलंपिक में भारतीय कुश्ती का नाम विश्व पटल पर रौशन किया था। जिस व्यक्ति ने 2010 में पहली बार भारत को कुश्ती के विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक दिलाया, और फिर जो शख्स 2012 के लंदन ओलंपिक में एक के बाद कई ओलंपिक पदक जीतने वाला पहला भारतीय एथलीट बना, वह आज एक भगौड़े अपराधी की भांति मुंह छुपाता फिर रहा है।

परंतु सुशील कुमार ने ऐसा क्या किया, जिसके कारण आज उसे हिरासत में लिया गया है? दरअसल एक युवा पहलवान सागर राणा अथवा सागर धनखड़ ने मॉडेल टाउन में सुशील का एक फ्लैट किराये पर उनसे लिया था, जिस पर उसके और उसके साथियों की नज़र फिर गई थी। इसको लेकर काफी विवाद हुआ, जिसके चलते सुशील कुमार और सागर धनखड़ के गुटों में 4 मई की रात को छत्रसाल स्टेडियम में हिंसक झड़प हुई और वहाँ गोलियां भी चली।

इसी के कारण पिछले कई दिनों से सुशील कुमार छुप रहे थे। यदि वे निर्दोष होते तो तुरंत सामने आकर स्थिति स्पष्ट करते। लेकिन 18 दिनों तक पुलिस के नोटिस का जवाब नहीं देना, और कथित तौर पर उत्तराखंड भागना, इस बात का परिचायक है कि कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ है। यदि सुशील कुमार निर्दोष सिद्ध होते हैं, तो ये उनका सौभाग्य ही कहा जाएगा। लेकिन यदि वे दोषी सिद्ध होते हैं, जिसके आसार भी ज्यादा है, तो ये इस बात का प्रमाण होगा कि कैसे लालच के कारण एक चैंपियन खिलाड़ी ने अपने फलते-फूलते करियर को बर्बाद कर दिया।

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