Oxygen घोटाला एक्स्पोज़ हुआ तो अब केंद्र सरकार के खिलाफ पोस्टर लगवा रही है AAP सरकार

पोस्टर लगवाने के काम में भी एक और घोटाला कर डाला!

Oxygen घोटाला

(PC: Digital India)

Oxygen घोटाला एक्स्पोज़ हुआ तो अब केंद्र सरकार के खिलाफ AAP सरकार की पोस्टर राजनीती

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निवासी भी अरविंद केजरीवाल के पिछले साल भर के शासनकाल को देखकर यही सोच रहे होंगे, कि काठ हांडी आख़िर उन्होंने दोबारा चढ़ा ही दी। कोरोना काल में लचर और ढुलमुल नीति का पर्याय बन चुकी केजरीवाल सरकार पर ऑक्सीजन की जमाखोरी से लेकर महामारी के मुश्किल समय में भी राजनीति और Oxygen घोटाला करने के संगीन आरोप लग चुके हैं। वहीं अब केजरीवाल सरकार अपनी छवि सुधारने के लिए मोदी विरोधी विज्ञापनों की प्लानिंग कर रही हैं। इसके लिए आप सरकार आटो रिक्शा चालकों और दिहाड़ी मजदूरों को हायर कर रही है। आप सरकार का ये नया रुख उसकी तुच्छ राजनीति के एक नए स्वरूप को जनता के सामने लेकर आया है।

कोरोना काल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी छवि चमकाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि पर बट्टा लगाने की कोशिश में अनेकों कारनामे किए हैं। कभी ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर मोदी सरकार को घेरना हो, तो कभी और घोटाला पकड़े जाने पर स्टॉक ज्यादा होने की नौटंकी, सभी में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने महारत हासिल कर ली है।  कोरोनावायरस के इस दौर में केजरीवाल सरकार को पूरी पोल खुल गई है। इसलिए वो अब खुद अच्छा काम नहीं कर रहे, बल्कि पीएम मोदी की छवि खराब करने में जुट गए हैं।

Oxygen घोटाला छिपाने के लिए केजरीवाल सरकार दिहाड़ी मजदूरों को कर रही है हायर

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इस मामले में नया खुलासा हुआ है कि केजरीवाल सरकार Oxygen घोटाला छिपाने के लिए अब दिल्ली के ऑटो रिक्शा चालकों, रेहड़ी-पटरी वालों और दिहाड़ी मजदूरों को मोदी विरोधी पोस्टर लगाने के लिए हायर कर रही है। इस मामले में दिल्ली के मंडावली से गिरफ्तार हुए चार में से एक राहुल त्यागी नाम के शख्स ने बताया कि उसे आम आदमी पार्टी के पार्षद धीरेंद्र कुमार के स्टाफ द्वारा 20 पोस्टर दिए और उन्हें लगाने के लिए 600 रुपए भी दिए गए थे। केजरीवाल सरकार कुछ लोगों को पोस्टर व कुछ को बैनर देकर उन्हें लगवा रही है। इसके बदलें लोगों को पैसे देने का वादा कर रही है। हालांकि वहां भी आप सरकार ने झोल किया, क्योंकि कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें पैसे मिले ही नहीं।

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इस पूरे घटनाक्रम से एक बात तो साबित होती है कि केजरीवाल सरकार ने अपनी छवि चमकाने के लिए कोरोना कंट्रोल के हिस्से का पैसा विज्ञापनों में बर्बाद किया, और इससे उनकी छवि खराब हुई। ऐसे में अब केजरीवाल जानते हैं कि वो अपनी छवि तो नहीं सुधार सकते, इसलिए अब प्रधानमंत्री की छवि पर धब्बा लगाने के लिए मोदी विरोधी पोस्टर लगवा कर एक नकारात्मक विज्ञापनों का कैंपेन चला रहे हैं।

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आप सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार को आक्सीजन की सप्लाई से लेकर वेंटिलेटर और रेमडेसिवीर की दवाओं तक के लिए कोसा है। इसके विपरीत केजरीवाल के झूठ लगातार उजागर होते रहे। इसके अलावा ऑक्सीजन की सप्लाई और स्टोरेज को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को खूब लताड़ा था। पहले केजरीवाल ऑक्सीजन की मांग प्रतिदिन बढ़ाते रहे, लेकिन जैसे ही ऑक्सीजन खपत के ऑडिट की बात सामने आई, केजरीवाल ने ऑक्सीजन ज्यादा होने का बहाना कर दिया।

पिछले साल भर में कोरोना कंट्रोल में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार विफल रही है। जितनी बार भी दिल्ली में कोरोनावायरस का पीक आया, केन्द्र की मदद से ही उसे कंट्रोल किया। ऐसे में अब केजरीवाल अपनी बिगड़ी छवि के कारण पीएम मोदी की छवि भी दुष्प्रचार के जरिए खराब करना चाहते हैं, जो उनकी तुच्छ राजनीति को प्रदर्शित करता है।

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