सोशल मीडिया पर कांग्रेस का मोदी सरकार के खिलाफ टूलकिट डॉक्यूमेंट लीक होने के एक दिन बाद ही उम्मीद के मुताबिक कथित तौर फैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट Alt News को कांग्रेस ने अपने बचाव में उतार दिया है। टूलकिट को ‘नकली’ घोषित करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने तथाकथित Fact checker ऑल्ट न्यूज़ को बाईट के साथ-साथ एक डॉक्यूमेंट भी दिया। इसी के आधार पर इस प्रोपोगेन्डा वेबसाइट ने कांग्रेस को क्लीन चिट देते हुए यह दावा किया कि बीजेपी ने जिस टूलकिट को प्रचारित किया है वह एक जाली लेटरहेड पर बनाया गया है। हालाँकि इस फैक्ट चेक के चक्कर में Alt News ने अपनी ही भद्द पिटवा ली।
टूलकिट के फैक्ट चेक के नाम पर फर्जी खबरों को फ़ैलाने वाले Alt News ने AICC अनुसंधान विभाग के अध्यक्ष राजीव गौड़ा द्वारा दिए गए बयान और कांग्रेस द्वारा ही प्रदान किए गए एक दूसरे डॉक्यूमेंट के आधार पर फैक्ट चेक किया जो कि अपने आप में ही हास्यास्पद है।
ट्विटर यूजर अंकुर सिंह, जिनका ट्विटर हैंडल @iAnkurSingh है, उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ द्वारा कांग्रेस को बचाने के इस घटिया प्रयास पर पानी फेरते हुए उसका ही फैक्ट चेक कर दिया।
Alt News ने तर्क दिया था “टूलकिट में कहा गया है कि कोई यूजर युवा कांग्रेस (IYC) के आधिकारिक हैंडल को COVID-19 के लिए SoS कॉल के लिए टैग करे, तभी उसकी मदद की जाये।” इस वेबसाइट ने एक ट्विटर यूजर का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए यह दावा करने का प्रयास किया जिसने IYC को टैग नहीं किया और फिर भी कांग्रेस से सहायता प्राप्त की।
As expected Congress IT Cell worker @free_thinker has come up with stupid fact checks to say that Toolkit is Fake.
Alt News gives argument that Toolkit said help only if the person tags IYC and showed one SS that didn't have tag.
But truth is, she did tag IYC and used hashtag. https://t.co/237kDyBigS pic.twitter.com/FpEZDP85fD
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) May 19, 2021
Here's the tweet which taklu couldn't see, because of the money paid by Congress? https://t.co/Zp2Qn1j6RY
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) May 19, 2021
Alt News द्वारा किया गया दावा फर्जी था और जिस साक्षी नामक यूजर का उदहारण दिया गया था, उसने वास्तव में IYC के आधिकारिक हैंडल को टैग किया था। अंकुर सिंह ने बताया कि उस यूजर ने SOS के कई ट्वीट पोस्ट किए थे और एक में IYC को भी टैग किया था, परन्तु ऑल्ट न्यूज़ ने जानबूझकर केवल उन्हीं ट्वीट्स को चुना जिसमें IYC के हैंडल को टैग नहीं किया गया था।
हालाँकि, जैसे ही अंकुर सिंह ने Alt News के फैक्ट चेक की बखिया उधेडनी शुरू की, AltNews को अपनी “गलती” का ऐहसास हुआ और इस फैक्ट चेक के लेखक इसे एडिट करने में जुट गए।
Pic 1- Archive of Alt News article
Pic 2- Alt News edited the article and changed screenshot.Shows how desperately Alt News is working to save Congress.
Kitna paisa mila dalali ka @free_thinker? https://t.co/GXY3kWqqe9 pic.twitter.com/RqGEAOtXbk
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) May 19, 2021
जैसे ही अंकुर सिंह ने ऑल्ट न्यूज़ के झूठ का पर्दाफाश किया, Propaganda वेबसाइट ने साक्षी के उन ट्वीट्स को पत्रकार आदित्य राज कौल के ट्वीट से बदल दिया। संपादित रिपोर्ट में Alt News के फैक्ट चेक ने दावा किया कि IYC ने बिना टैग किये जाने के बावजूद या कांग्रेस पार्टी से कोई मदद न मांगे जाने के बावजूद आदित्य राज कौल की मदद की थी।
ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी रिपोर्ट में बदलाव करके वास्तव में कांग्रेस पार्टी को ताजा आरोपों से बचाने की बजाय, उसे और बेनकाब कर डाला और साथ ही अपनी भी पोल खोल दी।
Want to see credibility of Alt News Fact Check?
First they lied that Sakshi didn't tag IYC, after expose they changed screenshot.
Toolkit Exposed: 10.01 AM
Aditya's Tweet: 11.04 PMAlt News is using tweet done hours after Toolkit Expose to say Toolkit is Fake. Shameless! https://t.co/nLLJgw65E0 pic.twitter.com/9FQU7jNhBx
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) May 19, 2021
अंकुर सिंह ने बताया कि ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी रिपोर्ट में आदित्य राज कौल का एक स्क्रीनशॉट साझा किया जिसे 18 मई को रात 11:00 बजे पोस्ट किया गया था। यहाँ नोट करने वाली बात यह है कि कांग्रेस की टूलकिट उससे पहले ही सुबह 10:01 बजे Expose हो चुकी थी। यानी Alt News कांग्रेस को बचाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाये हुए था परन्तु इसी कोशिश में कांग्रेस के साथ-साथ अपनी भी भद्द पिटवा रहा था।
यहाँ यह भी ध्यान रखना चाहिए कि टूलकिट में भी यह साफ-साफ कहा गया था कि पत्रकारों और मीडिया प्रोफेशनल के मदद मांगने पर उन्हें मदद पंहुचाना पार्टी की प्रथिमकता होगी। आदित्यराज कॉल भी एक पत्रकार ही हैं। यानी यहाँ भी कांग्रेस ने टूलकिट के अनुसार ही काम किया है। बावजूद इसके Alt News ने कांग्रेस को बचाने के लिए यह तर्क दिया है, जो उल्टा कांग्रेस को ही एक्सपोज कर रहा है।
Next Congress IT Cell worker @free_thinker gives argument that the term 'Modi Variant' wasn't used by Congress workers, so document is Fake.
Toolkit said- "By Friendly Intellectuals and Opinion Makers", for greater acceptability
It wasn't meant to be used by Congress Workers. pic.twitter.com/mMx28GJTns
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) May 19, 2021
इसके बाद, Alt News ने कहा कि टूलकिट नकली है क्योंकि ‘मोदी वेरिएंट’ शब्द का इस्तेमाल उन लोगों ने किया था जो कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं थे। इस तर्क के लिए AltNews ने सोनिया फलेरियो, अपर्णा जैन और सीमा चिश्ती जैसे लोगों के ट्वीट का स्क्रीनशॉट लगाया जहां उन्होंने ‘मोदी वेरिएंट’ शब्द का इस्तेमाल किया था। फैक्ट चेक से AltNews यह साबित करना चाहता था कि चूंकि वे कांग्रेस के सच्चे कार्यकर्ता नहीं हैं, इसलिए यह मामला टूलकिट से बाहर का मामला है और असल में यह दस्तावेज़ नकली है।
इस पर अंकुर सिंह ने बताया कि टूलकिट डॉक्यूमेंट के अनुसार, “मोदी स्ट्रेन” शब्द का इस्तेमाल “friendly intellectuals and opinion-makers” द्वारा किया जाना था, न कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा। फलेरियो, जैन और चिश्ती के राजनीतिक झुकाव को देखते हुए कोई भी यह कह सकता है कि वे कांग्रेस पार्टी के ही बड़े समर्थकों में से एक हैं।
यही नहीं Alt News फैक्ट चेक ने कांग्रेस पार्टी का बचाव करते हुए यह भी कहा कि ‘सुपर स्प्रेडर कुंभ’ का सोशल मीडिया Websites पर केवल 15 बार इस्तेमाल किया गया था और इसलिए यह टूलकिट का हिस्सा हो ही नहीं सकता, अर्थात यह Toolkit नकली है।
Check next trick of @free_thinker to defend Congress.
Says 'Super Spreader Kumbh" was used only 15 times, so can't be a Toolkit.
Truth- It has been used hundreds of times.
Ppl used 'Spreaders' with additional 's'. Many used 'event' instead of Kumbh. https://t.co/xGDR8Uu7cJ pic.twitter.com/E5ahoj2JXf
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) May 19, 2021
हालांकि, सच्चाई यह है कि कुंभ मेले के खिलाफ प्रोपोगेन्डा फ़ैलाने के लिए कांग्रेस समर्थकों द्वारा सैकड़ों बार ‘सुपर स्प्रेडर’ विशेषण का इस्तेमाल किया गया है। फर्क सिर्फ इतना है कि लोगों द्वारा अलग-अलग स्पेलिंग का इस्तेमाल किया गया। अंकुर सिंह ने उदहारण देते हुए बताया कि ‘Spreader’ के बजाये ‘Spreaders’ सर्च किया जाये तो सैकड़ों ट्वीट और पोस्ट मिल जायेंगे। यानी यहाँ भी Alt News ने फैक्ट चेक में सिर्फ एक स्पेलिंग के आधार पर टूलकिट को जाली बताने का प्रयास किया।
टूलकिट के सामने आने के बाद जैसे-जैसे कांग्रेस पार्टी के खिलाफ आरोप बढ़ते गए, पार्टी ने खुद को क्लीन चिट देने के लिए Propaganda वेबसाइट Alt News को काम पर लगा दिया। Alt News ने अपने फैक्ट चेक लेख में कहा कि कांग्रेस पार्टी से प्राप्त सेंट्रल विस्टा दस्तावेज़ का लेटरहेड कांग्रेस पार्टी के COVID-19 टूलकिट के लेटरहेड से मेल नहीं खाता और इसलिए दस्तावेज़ नकली था। सिर्फ इसलिए कि दोनों डॉक्यूमेंट के हेडर और फ़ुटर पर फ़ॉन्ट अलग-अलग थे, Alt News ने घोषित कर दिया कि बीजेपी द्वारा प्रस्तुत ‘टूलकिट’ एक नकली दस्तावेज़ था और उसे कांग्रेस पार्टी द्वारा नहीं बनाया गया था।
Anyone who has even a little bit of brain will understand that Congress doesn't hv only one person and one laptop to make documents.
If one staff is making Central Vista document, someone else must hv made the Toolkit.
Alt News mei jo article tum nahi likhte woh Forged hoti h? https://t.co/VVg2kPpsGG
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) May 19, 2021
Alt News ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रकाशित सभी दस्तावेज़ों में एक ही टाइपोग्राफ़िकल शैली का उपयोग किया गया है। यह पूरी तरह से हास्यास्पद है, क्योंकि एक ही व्यक्ति अलग-अलग दस्तावेज़ों में अलग-अलग फ़ॉन्ट का उपयोग कर सकता है।
कांग्रेस जैसे बड़े संगठन के लिए यह सामान्य बात है कि अलग-अलग समय में प्रकाशित किए गए विभिन्न दस्तावेजों में, अलग अलग लोगों द्वारा अलग अलग Laptops से अलग-अलग फ़ॉन्ट और शैली का उपयोग किया गया हो।
अपने तथाकथित फैक्ट चेक में Alt News ने कांग्रेस पार्टी के पापों को धोने के लिए एक से बढ़ कर एक हास्यास्पद तर्क दिया है, और कांग्रेस पार्टी को क्लीन चिट दी है। पत्थर को पर्स बताने वाली वेबसाइट से और अधिक उम्मीद की भी नहीं जा सकती। Alt News का झूठ अब ताश के पत्तों की तरह बिखर गया है क्योंकि उसके अधिकांश दावे कांग्रेस से उसके गहरे रिश्तों को ही दर्शाते हैं।