तमिलनाडु में अम्मा कैंटीन पर हमला, क्या DMK भी चल पड़ी है ममता की राह पर?

DMK तमिलनाडु में चाहती है पूर्णराज

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ऑपइंडिया

2 मई के चुनाव नतीजों के बाद राज्य स्तरीय पार्टियां जैसे तृणमूल कांग्रेस और DMK के अंदर विनम्रता और खुशी से ज्यादा आक्रोश और उग्रवाद देखने को मिला। पश्चिम बंगाल में जिस प्रकार से हिंसा हो रहा है उसका चित्र अब सभी के समक्ष है, लेकिन तमिलनाडु में जो कुछ हुआ उसके बारे मे विशेष चर्चा नहीं हुई है।

बता दें कि तमिलनाडु में भी जीतने वाली पार्टी DMK के वर्कर्स ने अपने विपक्षी दल AIADMK की पूर्व मुखिया जयललिता द्वारा बनाया गया अम्मा कैंटीन पर हमला बोल दिया था। यह मामला सामने आने के बाद DMK ने अपनी पार्टी के शरारती तत्वों को पार्टी से बाहर निकालने का निर्देश दिया है।

दरअसल, मंगलवार की सुबह एक वीडियो  वायरल हुआ, जिसमें मोगप्पैर में अम्मा कैंटीन में तोड़फोड़ करते हुए DMK के प्रतिनिधित्व करने वाले लाल और काले रंग के शॉल पहने कुछ लोग दिखे थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, अम्मा कैंटीन का नाम बोर्ड तोड़कर सब्जियों को जमीन पर फेंक दिया था।

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कुछ घंटों बाद, DMK के सैदापेट के विधायक मा सुब्रमण्यन ने ट्वीट किया कि, “पार्टी प्रमुख ने उपद्रवियों को निष्कासित करने का आदेश दिया है। ट्वीट में आगे कहा कि DMK कैडरों ने अम्मा कैंटीन के बैनर को बहाल कर दिया है।”

सुब्रमण्यन ने आगे कहा कि, “वे पार्टी में कोई पद नहीं रखते हैं। वे सामान्य सदस्य थे और उन्हें निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी के मुखपत्र मुरासोली कल के संस्करण में उनके निष्कासन करने समाचार छपेगा।”

वीडियो को  मंगलवार सुबह AIADMK के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया गया था।  यह घटना DMK द्वारा विधानसभा चुनाव जीतने के दो दिन बाद की है। खबर फैलते ही करीब 50 लोग वहां जमा हो गए और उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

AIADMK नेता और पूर्व मंत्री डी जयकुमार ने इस घटना की निंदा की। उन्होंने  कहा, बाढ़ और महामारी के दौरान सैकड़ों लोगों को खिलाने वाली कैंटीन में तोड़फोड़ करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

आपको बता दें कि, अम्मा कैंटीन को दिवंगत AIADMK नेता  जयललिता द्वारा 2013 में रियायती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण भोजन प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया था।

चुनाव मतगणना के बाद पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु दोनों राज्यों में राज्य स्तरीय पार्टियां ने हिंसा किया। हालांकि, तमिलनाडु का हिंसा और पश्चिम बंगाल में हो रहे हिंसा का कोई तुलना नहीं है। DMK ने तुरंत मामले को संज्ञान में लिया वहीं तृणमूल के गुंडों ने अभी तक पश्चिम बंगाल में खौफ का माहौल बना रखा है।

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अगर हम DMK के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए इस घटना का विश्लेषण करें तो देखेंगे कि DMK के वर्कर्स ने AIADMK के सबसे ज्यादा सफल योजना Amma कैंटीन के ऊपर हमला किया है। इससे यह संकेत मिलता है कि, उनके अंदर नफरत है जो कि AIADMK की नामो निशान मिटा देना चाहता है। ऐसा करने से तमिलनाडु में एक ही राज्य स्तरीय पार्टी बचेगी और वो है -DMK. इससे पूरे राज्य पर अकेले DMK राज करेगी।

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