कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने बेशक देशभर में तांडव मचाया हुआ हो, लेकिन महाराष्ट्र में इस महामारी ने सबसे अधिक भयावह रूप दिखाया है। कोरोना की mismanagement एक बड़ा कारण है कि CM उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार अब अपनी लोकप्रियता तेजी से खोती जा रही है। राज्य के सोलापुर ज़िले की पंधारपुर-मंगलवेधा असेंबली सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव के नतीजे स्थ्ति को स्पष्ट करने वाले हैं। यह सीट NCP से जुड़े कद्दावर नेता भरत भालके का गढ़ मानी जाती है, जहां पर वे वर्ष 2009 के बाद से लगातार चुनाव जीतते आ रहे थे। अब हालिया उप चुनावों में इस सीट पर BJP के उम्मीदवार समाधान महादेव ने जीत दर्ज की है। यह दर्शाता है कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार से लोग तंग आ चुके हैं और इससे छु टकारा पाना चाहते हैं।
बता दें कि पिछले वर्ष नवंबर में ही भरत भालके का निधन हो गया था जिसके बाद इस बार उनके बेटे भगीरथ भरत भालके मैदान में उतरे थे। उनके खिलाफ BJP ने समाधान महादेव को मैदान में उतारा था। BJP को इस क्षेत्र में प्रभावशाली माने जाने वाले परिचारक परिवार का पूरा समर्थन मिला। इसके साथ ही ही भाजपा को मोहिते-पाटिल समुदाय ने भी पुरजोर समर्थन दिया। इसके बाद BJP के उम्मीदवार को यहाँ करीब 3700 वोटों से जीत हासिल हुई।
राज्य में हुए इस उपचुनाव को MVA सरकार के लिए Litmus Test के तौर पर देखा जा रहा था, जिसमें जनता ने राज्य सरकार को अयोग्य घोषित कर दिया है। राज्य में जिस प्रकार पिछले एक से दो सालों में सरकार के स्तर पर उथल-पुथल देखने को मिली है, उसने सरकार में जनता के आत्म-विश्वास को कम कर दिया है। यही कारण है कि अब NCP के गढ़ तक में BJP को जीत हासिल हो रही है।
महाराष्ट्र BJP के अध्यक्ष चन्द्रकान्त पाटिल के मुताबिक “नतीजे दिखाते हैं कि सरकार को लेकर लोगों में कितना गुस्सा है। कोरोना के अप्रबन्धन, लोगों के बिलों को माफ ना कर और उन्हें कोई राहत ना प्रदान करने के कारण ही लोगों ने यहां सरकार के उम्मीदवार को हराया है।”
राज्य सरकार द्वारा जिस प्रकार कोरोना को संभाला गया, और जिस प्रकार कोरोना के कारण राज्य में एक के बाद एक lockdown लगाए गए, उसने राज्य के लोगों का जीना हराम कर दिया है। Business Today की एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में लागू किए गए Lockdown के कारण देश की अर्थव्यवस्था को 40 हज़ार करोड़ के नुकसान होने की संभावना है। स्पष्ट है कि राज्य के लोगों की जेब पर सरकार ने बड़ा हाथ मारा है, जिसके कारण MVA के खिलाफ लोगों में रोष है।
पिछले एक से दो सालों के अंदर राज्य में पालघर साधु हत्या मामला, अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी, कंगना के घर में तोड़-फोड़, सुशांत सिंह राजपूत केस में सरकार का निंदनीय रुख और एंटीलिया केस जैसे मामलों में सरकार के मंत्री द्वारा इस्तीफा देने जैसी घटनाएँ सामने आने के कारण MVA सरकार पर से लोगों का विश्वास उठ गया है। रही-सही कारण MVA सरकार की Corona mismanagement ने पूरी कर दी, जिसके कारण अब सरकार को पंधारपुर-मंगलवेधा असेंबली सीट पर का मुंह देखना पड़ा है। यह राज्य में सरकार की कमजोर स्थिति को बखूबी स्पष्ट करता है।