यदि वुहान वायरस की दूसरी लहर ने कुछ राज्यों की लचर व्यवस्था को उजागर किया है, तो इसके साथ ही इस महामारी ने कई लोगों के असल स्वरूप को भी उजागर किया है। ये लोग शिष्टाचार के नाम पर चाहे लोगों को कितना भी उल्लू बनाते हों, लेकिन वुहान वायरस ने बता दिया है कि ये लोग कितने पानी में हैं। कुछ दिन पहले जावेद अख्तर वुहान वायरस के कारण राज्य को मटियामेट करने वाली उद्धव सरकार की तारीफ करने पर ट्रोल किए गए थे, और अब उन्हीं के बेटे, और वैक्सीन के धुर विरोधी फरहान अख्तर वृद्धों के हिस्से की वैक्सीन हड़पते पकड़े गए हैं।
हाल ही में फरहान अख्तर ने घोषणा की कि उन्होंने अपना टीकाकरण करा लिया है। तो इसमें गलत क्या है? दरअसल महाराष्ट्र में इस समय वैक्सीन की ‘किल्लत चल रही है’, और अभी केवल 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों का ही टीकाकरण किया जा रहा है। यानि फरहान अख्तर ने ज़बरदस्ती, अवैध तरीके से किसी बुज़ुर्ग के हिस्से की वैक्सीन हड़प कर अपने आप को लगवाई।
कुछ ही दिनों पहले फरहान के ही पिता जावेद अख्तर ने मुंबई प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा था कि कोरोना से कैसे निपटना है ये लोगों को BMC से सीखना चाहिए। इसके पीछे सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल भी किया था। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने जावेद अख़्तर का नाम लिए बगैर उद्धव सरकार की इस ‘पीआर एजेंसी’ द्वारा किए जा रहे बचाव की निंदा भी की थी।
अब फरहान अख्तर ने अपने बचाव में बेहद बचकाना बयान देते हुए कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया, बल्कि उन्होंने ऐसी जगह से टीकाकरण कराया, जो 45 वर्ष से ऊपर के नागरिकों के लिए है। लेकिन उनकी पोल अनजाने में ही BMC ने खोल दी, जिसने बताया था कि ड्राइव इन फैसिलिटी के अंतर्गत केवल 45 वर्ष से ऊपर के दिव्यांग नागरिकों के लिए ही टीकाकरण की व्यवस्था शुरू की गयी है। अब फरहान अख्तर किस श्रेणी के दिव्यांग है, क्या ये बताने का कोई कष्ट करेगा? –
A Drive-In Facility For The Sweet Sixty
The facility especially for 60+s at NSCI, with a parking capacity of 800, was inaugurated by Cabinet Minister @AUThackeray and @Mumbai_Mayor Kishori Pednekar.@mybmcWardGS @UghadeSharad #MyBMCVaccinationUpdate #WeshallOvercome pic.twitter.com/LEYYGKURc5
— माझी Mumbai, आपली BMC (@mybmc) May 9, 2021
इसके अलावा ये वही फरहान अख्तर हैं, जिन्होंने वामपंथियों के साथ मिलकर भारतीय वैक्सीन निर्माताओं पर खूब उँगलियाँ उठाई थी और उनकी Vaccines पर सवालिया निशान लगाया था। तो फिर फरहान अख्तर वैक्सीन लगवाने के लिए इतने आतुर होकर क्या सिद्ध करना चाहते हैं? ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अख्तर परिवार न केवल प्रथम दर्जे के पाखंडी हैं, बल्कि अपने हित साधने के लिए ये देश के आत्मसम्मान की बलि चढ़ाने के लिए भी तैयार हैं।