अब बस बहुत हुआ……! यही ख्याल पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ के मन में आया होगा। जब वो पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार को देख रहे होंगे। इस बात में कोई शक नहीं है कि पश्चिम बंगाल में हो रहे हिंसा के खिलाफ सबसे ज्यादा किसी ने सख्त रुख अपनाया है तो वह है गवर्नर जगदीप धनखड़। हाल ही में, गवर्नर धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के तीन विधायकों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को जांच करने का आदेश दिया है।
दरअसल बात यह है कि, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के तीन विधायकों- मदन मित्रा, सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम और 2016 के नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में एक पूर्व पार्टी नेता सोवन चटर्जी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को अभियोजन स्वीकृति दे दी है।
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बता दें कि, सुब्रत मुखर्जी और हकीम ने आज यानि सोमवार को ममता बनर्जी कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली हैं। वहीं पिछले हफ्ते, मित्रा ने पश्चिम बंगाल में कमरहाटी सीट से विधानसभा चुनाव जीता है। यानी ममता बनर्जी के तीन और विधायकों के ऊपर CBI जांच चलने वाली है।
रविवार को कोलकाता के राजभवन द्वारा जारी किये गए बयान में कहा गया है कि, “पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने फ़रहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सुवन चटर्जी के ऊपर जांच करने की मंजूरी दे दी हैं, क्योंकि, यह तीनों अपराध के समय पर पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री थे।”
राजभवन द्वारा जारी किये गये बयान में आगे कहा गया है कि, “मीडिया में यह धारणा बनाई गई है कि इन तीनों के ऊपर सीबीआई जांच की मंजूरी इसलिए मिल गई है क्योंकि यह तीनों पश्चिम बंगाल विधान सभा के सदस्य है, यह बात पूरी तरह से तथ्यहीन हैं, जबकि मंजूरी का आधार यह है कि अपराध के समय पर ये व्यक्ति पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्रियों का पद संभाल रहे थे।”
बता दें कि, नारद न्यूज पोर्टल ने स्टिंग ऑपरेशन करके पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार को उजागर किया था। इस मामले में कई वीडियो सामने आई थी जिसमें, TMC के कई हाई-प्रोफाइल के नेताओं को एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए पैसा लेते हुए देखा गया था।
अप्रैल 2017 में, CBI ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों के आधार पर 12 TMC नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज किया गया था।
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TMC के नेता भ्रष्टाचार, हिंसा अथवा cut- money जैसे अपराधों में लिप्त है। दुर्भाग्यपूर्ण, राज्य की जनता को पांच साल और कष्ट उठाना पड़ेगा, लेकिन इस बीच गवर्नर जगदीप धनखड़ का यह सख्त रवैया यह संकेत दे रहा है कि TMC के गुंडों के लिए आने वाले पांच साल आसान नहीं होंगे।