करारी हार के बाद पार्टी में फूट पड़ने से रोकने के लिए सोनिया कर रही हैं कड़ी मशक्कत

बड़े से बड़े चाटुकार आज गांधियो के विरोध में उतर आए हैं

सोनिया

कांग्रेस की किस्मत इतनी खराब हो चुकी है, कि जिस भी राज्य में विधानसभा चुनाव होते हैं, तो नतीजा केवल हार ही निकलता है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद स्थिति फिर उसी मोड़ पर आ गई है जहां हार को लेकर कांग्रेस के ही नेता बगावत करने पर उतर आए हैं। पार्टी में हो रही उठा-पटक को देखकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी एक बार फिर एक्टिव मोड में आई हैं। उनका कहना है कि जल्द-से-जल्द सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई जाएगी जिसमें इन पांच राज्यों में हुई हार का मंथन किया जाएगा क्योंकि यह हार पार्टी के लिए बेहद ही निराशाजनक है। बगावती नेताओं की बयानबाजी के बाद सोनिया का एक्टिव होना दिखाता है कि वो पार्टी में पड़ने वाली फूट को समझ चुकी हैं, और इसीलिए डैमेज कंट्रोल की मुद्रा में आ चुकी हैं।

कांग्रेस की लगातार होती हार पार्टी के अस्तित्व के लिए खतरा बन गई है। ऐसे में कई नेताओं ने बगावत फिर शुरू कर दी है। ऐसे में सबसे ज्यादा मुसीबत अध्यक्षा सोनिया गांधी की बढ़ी हैं। इसीलिए सोनिया ने अब एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने जल्द-से-जल्द हार पर मंथन करने की बात कही है, अपने इस बयान के जरिए सोनिया बगावती नेताओं को साधने में जुट गई हैं, क्योंकि आज के वक्त में पार्टी में एक या दो नहीं बल्कि अनेकों धड़े बन गए हैं जो कि पार्टी की संभावित फूट का इशारा कर रहे हैं।

और पढ़ें- 5 राज्यों में जनता ने नकारा, अब कांग्रेस पार्टी के अंदर ही गांधी परिवार को नकारा जाने लगा है

सोनिया ने पांच राज्यों में अपनी पार्टी की स्थिति के संबंध में कहा, “सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि सभी राज्यों में हमारा प्रदर्शनक निराशाजनक रहा है और मैं यह कह सकती हूं कि यह अप्रत्याशित है। इस हार से सबक लेने की जरूरत है।” साफ है कि ये भी सोनिया का एक दांव है। जब पार्टी के कई नेता सवाल उठा रहें हैं तो ऐसे में उनका बयान कांग्रेस नेताओं पर सवाल खड़ा करने का नहीं बल्कि अपनी गलतियों की छिपाने की कोशिश जैसा लग रहा है।

सोनिया गांधी ने कोरोना के मुद्दे पर बुलाई बैठक में मुख्य चर्चाएं तो कोरोनावायरस पर ही की हैं लेकिन उन्होंने कहा, “जल्द ही कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होगी जिसमें असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के चुनाव नतीजों की समीक्षा की जाएगी।” उन्होंने कहा “चुनाव नतीजों की समीक्षा के लिए जल्द सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी, लेकिन यह कहना होगा कि एक पार्टी के तौर पर सामूहिक रूप से हमें पूरी विनम्रता एवं ईमानदारी के साथ इस झटके से उचित सीख लेनी होगी।”

ऐसे में ये महत्वपूर्ण है कि सोनिया ने इस संवेदनशील मुद्दे को छुआ है। कांग्रेस की हार को लेकर पार्टी से बगावत करने वाले कपिल सिब्बल ने भी सवाल खड़े किए थे, और कहा था कि कांग्रेस को अपने अंदर झांकने की आवश्यकता है, तो वहीं बंगाल में चुनाव प्रचार संभालने वाले नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा कि अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया से बाहर आकर ज़मीनी स्तर पर काम करना होगा और जनता से जुड़ना होगा, क्योंकि इन सभी चीजों के अभाव में कांग्रेस चुनाव में परास्त हुई है।

और पढ़ें- विधानसभा चुनावों में हार के बाद, हाशिये पर जाती कांग्रेस में बढ़ेगी अंदरूनी कलह

अधीर रंजन चौधरी एक ऐसे नेता माने जाते हैं जो कांग्रेस में आंतरिक रूप से बगावत करने वालों के खिलाफ और गांधी परिवार के पक्ष में बयान देते हैं। आज वही अधीर रंजन चौधरी बंगाल चुनाव में हार के बाद पार्टी की कार्यशैली और नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े कर रहे हैं यह जाहिर करता है कि एक के बाद एक मिलती हार के कारण कांग्रेस का कुनबा छोटा होता जा रहा है और पार्टी से बगावत करने वालों की संख्या में विस्तार हो रहा है।

बगावती नेताओं की संख्या में चुनाव दर चुनाव हो रहे विस्तार को लेकर अब कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी हड़बड़ा गई हैं, और हार के बाद भी नेताओं की बयानबाजी के बाद अब वह डैमेज कंट्रोल करने के लिए यह तक कहने पर मजबूर है कि जल्द ही सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई जाएगी और चुनाव में हुई हार का मंथन किया जाए सोनिया गांधी बड़े-बड़े दावे तो कर रही हैं लेकिन सर्वविदित है कि सीडब्ल्यूसी की इस बैठक में भी नतीजा ढाक के तीन पात ही होगा।

Exit mobile version