कांग्रेस ने किया खुद को टूलकिट से अलग, लेकिन पार्टी के सारे कारनामे उसी प्लानिंग के अनुसार हुए

कांग्रेस की पोल आखिर खुल ही गई

कांग्रेस टूलकिट

Report4India

कोरोनाकाल में कांग्रेस पार्टी अपनी राजनीतिक तुच्छता से उबर नहीं पा रही है, पार्टी का मुख्य मकसद मोदी सरकार के विरोध में देश की छवि को बदनाम करने तक पहुंच गया है। पार्टी की मोदी विरोधी सोशल मीडिया की टूलकिट बीजेपी द्वारा एक्सपोज होने के बाद इस मुद्दे पर कांग्रेस खुद को आक्रामक दिखाने की कोशिश कर रही है। इसलिए पार्टी द्वारा तुरन्त ही बीजेपी के नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई है। इसके इतर अब इस मामले में कांग्रेस के सभी बड़े नेता ने इस टूलकिट को खारिज कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के पिछले एक महीने के रवैए को देखें तो कहा जा सकता है कि पार्टी के नेताओं की रणनीति इसी टूलकिट के अनुसार ही चल रही थी।

कोरोनावायरस के इस दौर में देश की अव्यवस्थाओं को मुद्दा बनाकर पिछले काफी वक्त से कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। ऐसे में यूथ कांग्रेस के जरिए कांग्रेस जरूरतमंदों की मदद का दिखावा कर रही है। इसी बीच बीजेपी ने कांग्रेस की मोदी विरोधी टूलकिट एक्सपोज कर दी है, जिसके चलते सामने आया है कि कैसे वो कोरोना के नाम पर कांग्रेस सोशल मीडिया के जरिए पीएम मोदी की छवि को खराब करने की कोशिश कर रही थी। पार्टी ने अस्पतालों में बेड ब्लॉक करने से लेकर चाटुकार पत्रकारों से अपनी तारीफ करवाने की रणनीति बना रखी थी। वहीं अब जब ये पूरा पर्दाफाश हो चुका है तो कांग्रेस का एक अजीबो-गरीब रुख सामने आया है।

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पार्टी खुद को इस टूल किट से अलग दिखाने के लिए आक्रामक हो गई है, और इसी के चलते पार्टी के कुछ नेताओं ने आधिकारिक तौर पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रवक्ता संबित पात्रा समेत स्मृति ईरानी और बीएल संतोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। कांग्रेस द्वारा पत्र में लिखा गया, “संबित पात्रा और बीएल संतोष ने मिलकर एक फर्जी दस्तावेज बनाया जिसके जरिए कांग्रेस के खिलाफ एक मनघड़ंत कहानी बनाई , जो कि पूर्णतः झूठ है।” कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से लेकर पार्टी के सभी बड़े और निचले स्तर के नेता तक इस पूरे अभियान को झूठा बता रहे हैं।

इसी बीच अब बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक और बम फोड़ा है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में बताया है, “दोस्तों कल कांग्रेस जानना चाहती थी कि टूलकिट किसने बनाई ? कौन लेखक है? कृपया इस दस्तावेज को देखें, लेखक सौम्या वर्मा। सौम्या कौन हैं ? ये तस्वीरें संकेत दे रही हैं।” संबित ने अपने ट्वीट में सौम्या वर्मा की राहुल गांधी के साथ क्लिक की गई तस्वीरों को संलग्न करते हुए बताया है कि सौम्या एक कांग्रेस कार्यकर्ता हैं, और उन्होंने ही कोरोना काल में कांग्रेस के लिए मोदी विरोधी टूलकिट बनाई थी।

कांग्रेस फंसने के बाद सिरे से अपनी इस टूलकिट को खारिज कर रही है, लेकिन इन सभी बातों से इतर पिछले कुछ दिनों‌ के‌ कांग्रेस के रवैए को देखें तो पता चलता है कि पार्टी इसी टूलकिट के अनुसार काम कर रही थी। पीएम केयर फंड, वेंटिलेटर, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से लेकर हरिद्वार में आयोजित कुंभ को निशाने पर लेने के साथ ही पार्टी की यूथ ब्रिगेड सोशल मीडिया पर मदद का नाटक कर रही थी। कुछ वामपंथी पत्रकारों द्वारा लगातार इन यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं कि तारीफ भी की जा रही थी। इतना ही नहीं, कोरोना के नए स्ट्रेन को भारतीय स्ट्रेन तथा मोदी स्ट्रेन बताने की कोशिश हाल के दिनों में पुरजोर तरीके से हुई है। अस्पतालों के बेडों का ब्लॉक होना कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों से सामने आया है। वामपंथी अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भारतीय पत्रकार भारत की स्थिति खराब दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। ये सभी वहीं पत्रकार हैं, जो मौके-बेमौके कांग्रेस की नीतियों का खुलकर समर्थक करते हैं।

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ऐसे में पिछले एक महीने की कांग्रेस की नौटंकी को देखकर ये कहा जा सकता है कि पार्टी अपनी इस टूलकिट को झुठलाने की कोशिशें कर रही है, लेकिन ये टूलकिट कांग्रेस की हरकतों से पूर्णतः मैच खाती हैं। वहीं टूलकिट में कांग्रेस नेता सौम्या वर्मा का नाम सामने आना इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस के खिलाफ एक पुख्ता सबूत है।

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