TMC के गुंडे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भी हत्या कर रहे हैं, कपिल सिब्बल ममता की तारीफ़ों के पुल बांधने में व्यस्त हैं

लगता है बंगाल में सभी विपक्षी पार्टियों ने अपने कार्यकर्ताओं को मरने के लिए छोड़ दिया है!

कपिल सिब्बल

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आते ही तृणमूल कांग्रेस के वर्कर्स ने पूरे राज्य में कोहराम मचा दिया है। टीएमसी के गुंडो द्वारा बीजेपी कार्यकर्ताओं और कार्यालयों पर हमले की बात किसी से छिपी नहीं है। यह हिंसा केवल बीजेपी तक सीमित नहीं रहा। टीएमसी के गुंडों ने कांग्रेस और लेफ्ट के वर्कर्स के साथ भी बुरा बर्ताव किया है। लेकिन, अफसोस की बात है कि, कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल अपने कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की निंदा करने के बजाय हमलावरों की मुखिया ममता बनर्जी के लिए तारीफों के पुल बांध रहे हैं।

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कांग्रेस पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद ने आरोप लगाया कि, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने हमला किया। जितिन प्रसाद ने अपने ट्वीट में एक दूसरे ट्वीट पर कमेंट करते हुए लिखा कि, “चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस की ओर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई हिंसा अस्वीकार्य है। महिलाओं और बच्चों तक को नहीं छोड़ा गया। मुझे विश्वास है कि पश्चिम बंगाल के लोगों ने इस अराजकता के लिए वोट नहीं दिया है।’’

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की ओर से छात्र परिषद के अध्यक्ष ने अपने ट्विटर अकाउंट पर तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा की गई हिंसा का फोटो साझा किया। बता दें कि, यह हमला कांग्रेस कार्यकर्ता मीर साहिन के घर पर हमला किया गया है। हमले में घर में तोड़ फोड़ की गई है और घर में रखे हुए सामानों को क्षति पहुंचाई गई है।

अगर किसी पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ता अथवा नेता के साथ ऐसी भयावह घटना घटती है तो पार्टी के सीनियर नेताओं द्वारा पूरा सहयोग और सहानुभूति दी जाती है। लेकिन कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ममता बनर्जी को वर्तमान की झांसी की रानी बुला रहें है। कांग्रेस नेताओं के अंदर बीजेपी के लिए इतनी ज्यादा ईर्ष्या भरी हुई है कि वो अपने कार्यकर्ताओं पर हुए हमले को नजरअंदाज कर रहे है। कांग्रेस को अपनी हार से दुख नहीं बल्कि बीजेपी के हारने के खुशी है।

आपको बता दें कि, पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा में अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है। यह हिंसा टीएमसी की बदले की हिंसा है। टीएमसी के गुंडों ने साफ कर दिया है कि, जो कोई भी उनके खिलाफ जाएगा उसका यही हाल किया जाएगा। चाहे बीजेपी हो, या लेफ्ट या फिर कांग्रेस सभी का एक ही जैसा हाल होगा। ऐसे में कपिल सिब्बल ममता बनर्जी से जवाबदेही मांगने की बजाय उनको क्रांतिकारी का दर्जा दे रहे है। आज एक हिंसक पार्टी की मुखिया को कांग्रेस झांसी की रानी से तुलना कर रही है। यह शर्मनाक है।

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कपिल सिब्बल बीजेपी की हार से इतने खुश हैं कि, उन्हें अपने जमीनी नेताओं की आपबीती से कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। अब यह कांग्रेस पार्टी का रुख है या केवल कपिल सिब्बल का। यह चर्चा का विषय है। वहीं इस पूरे हिंसक घटनाओं के ऊपर कांग्रेस आलाकमान की चुपी यह संदेश देता है कि, राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस पार्टी अपने लोगों की भी बलि चढ़ाने से पीछे नहीं हटेगी।

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