किसान प्रदर्शन फिर हुआ बेपटरी- अब Lockdown और कोरोना के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे नकली किसान

शर्म करो नकली किसानों!

किसान

PC: New Indian Express

देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के कारण राज्यों की सरकारों ने अपने- अपने राज्य की परिस्थिति को देखते हुए, लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है। ऐसे फैसले जनहित के लिए जाते हैं। लेकिन, पंजाब के किसानों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

पंजाब के किसान संघ ने बुधवार को कहा कि वे राज्य में 8 मई को कोरोना वायरस लॉकडाउन के खिलाफ सड़क पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही लोगों से अनुरोध किया है कि वे लॉकडाउन के नियमों का पालन न करें और ज्यादा से ज्यादा मात्रा में उनको अपना समर्थन दे। बता दें कि, पंजाब सरकार ने 15 मई तक पंजाब में वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है।

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दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर विरोध कर रहे, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने कोरोनावायरस स्थिति को संभालने में अपनी विफलता को छिपाने के लिए लॉकडाउन लगाया है और चल रहे किसानों के आंदोलन को कमजोर करना चाहती है।

बलबीर सिंह ने कहा कि, “पंजाब के 32 किसान यूनियनों ने 8 मई को पंजाब में लॉकडाउन का विरोध करने का फैसला किया है। जहाँ हमारे क्षेत्र के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे और लोगों से अपनी दुकान खोलने के लिए कहेंगे और उनसे लॉकडाउन का पालन नहीं करने के लिए आग्रह करेंगे।”

इस बीच, एक हजार से अधिक किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने  के लिए अमृतसर के पास ब्यास नामक शहर से दिल्ली की सीमाओं की ओर प्रस्थान कर रहे है।

आज कथित किसानों को अपना मनमानी करने के लिए मनोबल बढ़ाने वाले और कोई नहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह स्वयं है। उन्हीं की अनुमति के बाद हज़ारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर अपना डेरा जमा कर बैठे है। गौरतलब है कि, पंजाब के मुख्यमंत्री दर्शक की भाती किसानों को कोरोना के सारे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बस देख रहे हैं।

आपको बता दें कि, भारत और पंजाब में कोरोना का UK वेरिएंट लाने वाले और कोई नहीं पंजाब के किसान ही है। किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में NRI पंजाब आने लगे जिसके बाद से समूचे देश में कोरोना का UK वेरिएंट फैल गया। किसान आंदोलन क्रांति तो नहीं ला पाया लेकिन, सुपर स्प्रेडर जरूर बन गया।

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अगर हम किसान आंदोलन पर नजर डालें तो यह आंदोलन भारत की छवि को धूमिल करने के लिए ही शुरू हुआ है। इस आंदोलन को खालिस्तानियों का पूरा समर्थन है। आज यही कारण है कि, खालिस्तानियों के इशारे पर पंजाब के किसानों ने अमरिंदर सिंह के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।

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