पश्चिम बंगाल की राजनीतिक हिंसा में जिस तरह से TMC कार्यकर्ताओं का उग्र स्वरूप सामने आया है, उसने केन्द्र की बीजेपी सरकार पर भी सवाल खड़े किए हैं कि केन्द्र सरकार कोई कार्रवाई क्यों नहीं करती। ऐसे में अब केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखकर तुरंत ही हिंसा पर काबू करने के आदेश दिए हैं और एक चार सदस्यीय हाई लेवल टीम भेजी है जिसका मकसद राज्य में हिंसा की जांच करना है। वहीं राज्यपाल से भी हिंसा पर रिपोर्ट मांगी गई है। इसके विपरीत हाल ही में देश के विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन पर भी बंगाल के मिदनापुर इलाके में हमला किया गया, जिसके कारण उन्हें अपना कार्यक्रम तक रद्द करना पड़ा। ऐसे में केन्द्र द्वारा किए गए कार्रवाई के ऐलान के बाद ममता बैकफ़ुट पर आ गईं हैं और उन्होंने मृतकों को 2-2 लाख रुपए का मुआवजा देने की बात कही है जिससे अपने प्रति लोगों के आक्रोश को कम किया जा सके।
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद जैसे ही तय हुआ कि टीएमसी की ममता के नेतृत्व में पुनः सरकार बनेंगी, ठीक वैसे ही राज्य में राजनीतिक हिंसा भी शुरू हो गई। इसमें कथित तौर पर कई बीजेपी कार्यकर्ताओं ओर वोटरों तक को जान से मार दिया गया है। ऐसे में अब ममता ने चार्ज संभालने के बाद मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, “प्रदेश में कानून और व्यवस्था जब चुनाव आयोग के हाथ में थी, उस दौरान प्रदेश में हिंसा में 16 लोग मारे गए। इनमें से आधे टीएमसी के थे और आधे बीजेपी थे। इसके अलावा एक कार्यकर्ता संयुक्त मोर्चा का था, सभी के परिजनों को बिना किसी भेदभाव के मुआवजा दिया जाएगा।”
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कल तक जो ममता बनर्जी इस मुद्दे पर बिल्कुल सख्त और कुंठित दिखाई दे रही थीं, अचानक उन्होंने मुआवजे का एलान कैसे कर दिया ? दरअसल, ममता के ऐलान के पहले कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण ये था कि बंगाल के ही मिदनापुर इलाके में विदेशी राज्यमंत्री वी मुरलीधरन पर टीएमसी के गुंडों ने हमला कर दिया, और उनकी गाड़ी को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “टीएमसी के गुंडों ने मुझ पर और मेरे स्टाफ पर हमला किया, और मेरी गाड़ी तक की खिड़कियों के कांच तक तोड़े हैं।”
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वहीं इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिठ्ठी लिखकर आदेश दिया था कि राज्य में हिंसा के तांडव पर तुऱंत रोक लगाई जाए। केंद्र से ही एक हाई लेवल टीम पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त इलाकों में पहुंची है जो कि इस पूरे मुद्दे की जांच कर गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इतना ही नहीं, गृह मंत्रालय ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से भी हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है। ऐसे में केंद्र के ताबड़तोड़ एक्शन के बीच पुनः केन्द्रीय मंत्री पर हुए हमले ने ममता को खौफ में ला दिया है। इसीलिए अब ममता बनर्जी राज्य में हुई हिंसा में मारें गए लोगों को मुआवजा देने की बात कर रही हैं।
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केन्द्र की सख्ती के बाद ममता को सख्त कार्रवाई का डर है, इसीलिए अब वो इस मुद्दे पर मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा देकर अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहीं हैं जिससे उन्हें लिबरलों का भी समर्थन हासिल हो सके।