इंडोनेशिया ने उड़ाई चीनी कंपनी की हवाइयाँ, ज़्यादा प्रॉफ़िट कमाने की इच्छुक कंपनी को बाहर खदेड़ा

इंडोनेशिया

ASEAN देश इंडोनेशिया ने हाल ही में चीन को एक बड़ा झटका दिया है। Indonesia के Halmahera द्वीप पर 2.5 बिलियन डॉलर की लागत से बनाए जाने वाले एक Copper smelter को लेकर Indonesia की Freeport McMoran Copper & Gold और चीन की Tsingshan Steel कंपनी के बीच में वार्ता चल रही थी। हालांकि, वार्ता के दौरान जब चीनी पक्ष ने अधिक प्रॉफ़िट कमाने के लिए Indonesia के कच्चे Copper की खरीद पर 5 प्रतिशत का अतिरिक्त discount मांगा तो चीनी कंपनी के साथ करार करने की प्रक्रिया को तुरंत खत्म कर दिया गया। सरकार ने कहा है कि अब Copper smelter प्रोजेक्ट को पूर्वी जावा के Gresik ज़िले में ही स्थापित किया जाएगा!

यह खबर ऐसे समय में आई है जब दुनिया में कॉपर के दाम आसमान छू रहे हैं। हाल ही में Copper के एक टन का दाम 10 हज़ार डॉलर को पार कर गया, और वर्ष 2025 तक इसके 15 हज़ार डॉलर पर टन को पार करने का अनुमान हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दाम में यह बढ़ोतरी चीन में कॉपर की डिमांड बढ़ने के कारण पैदा हुई है। चीन दुनिया में कॉपर का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और इसीलिए वह इंडोनेशिया के साथ इस समझौते को पक्का कर अपनी कॉपर जरूरतों को पूरा करने की कोशिश में था। हालांकि, अब इंडोनेशिया की सरकारी कंपनी Freeport McMoran Copper & Gold ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

इससे पहले इंडोनेशिया चीन के BRI प्रोजेक्ट्स को लेकर भी चीन को झटका देने का काम कर चुका है। 23 मार्च को ही Indonesia की मशहूर न्यूज़ magazine Tempo ने रिपोर्ट किया था कि BRI के तहत बनाया जा रहा Jakarta-Bandung High-Speed Rail project अब सस्पेंड हो गया है और अब उसे delay कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट को लेकर Indonesia की सरकार ने आरोप लगाया था कि यह Jakarta-Cikampek टोल रोड और Purwakarta-Bandung-Cileunyi (Purbaleunyi) टोल रोड पर traffic को बाधित कर रहा था, जिसके कारण इसे सस्पेंड किया गया है। बता दें कि यह High Speed रेल प्रोजेक्ट 6 बिलियन डॉलर की लागत से बनाया जा रहा है और अब श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह ही यहाँ भी BRI दम तोड़ता दिखाई दे रहा है।

चीन के साथ समझौतों को लेकर पूर्व में Indonesia को सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा है। उदाहरण के लिए वर्ष 2016 में जब Indonesia की सरकार ने चीन के साथ BRI के समझौते किए थे तो University of Indonesia के अर्थशास्त्री फैजल बसरी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा था “हम जानते हैं कि सरकार ने चीन के साथ मेज़ के नीचे से कई deals की हैं। आप एक ही वक्त में साफ छवि और चीन के साथ सहयोग के दावे नहीं कर सकते।”

इतना ही नहीं, वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए अब इंडोनेशिया को चीन के साथ अपने सहयोग पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। चीन की आक्रामकता ले कारण Indonesia, फिलीपींस और वियतनाम जैसे देश उसके खिलाफ फैसले लेने पर मजबूर हो गए हैं। दक्षिण चीन सागर में चीन के “ओपन फायर लॉ” के कारण चीन के पड़ोसियों और चीन के बीच गतिरोध बढ़ गया है, जिसके कारण भी इंडोनेशिया में चीन के खिलाफ गुस्सा पैदा हुआ है। इंडोनेशिया द्वारा चीनी कॉपर कंपनी को बाहर खदेड़ा जाना इसी चीनी आक्रामकता का नतीजा कहा जा सकता है।

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