खालिस्तानी समर्थित हेमकुंड संस्था को दान में मिले लाखों रुपये, अब Expose करने वालों को दे रही धमकियाँ

यदि ‘हेमकुंड फाउंडेशन’ ने किसी राष्ट्रद्रोही गतिविधि में हिस्सा नहीं लिया है, तो उसके सदस्यों को अविलंब अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए

हेमकुंड

(PC: Forbes India)

वुहान वायरस की दूसरी लहर के कारण कई ऐसे लोग सामने आए, जिन्होंने निजी हित को अलग रखते हुए मानवता को सर्वोपरि रखा और लोगों की काफी सेवा भी की। लेकिन कुछ संगठन ऐसे भी हैं जो इस आपदा में अपने लिए अवसर ढूंढ कर अपने कुत्सित एजेंडा का प्रचार कर रहे हैं। ऐसा ही एक संगठन ‘हेमकुंड फाउंडेशन’ भी हो सकता है।

जब वुहान वायरस की दूसरी लहर ने विकराल रूप धारण किया, तो हिन्दू संगठनों के अलावा सिख संगठनों ने भी बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से दान किया। इन्ही में से एक है ‘हेमकुंड फाउंडेशन’, जिसने कथित तौर पर कई जरूरतमन्द मरीज़ों के लिए ऑक्सीजन से लेकर आवश्यक दवाइयाँ तक दान की है। ये संगठन काफी लोकप्रिय है, क्योंकि इसे क्रिकेटर ऋषभ पंत से लेकर यूट्यूब सेलेब्रिटी जोड़ी स्ले पॉइंट, तन्मय भट्ट जैसे चर्चित हस्तियों ने भर भर कर धन दान किया है। स्ले पॉइंट ने तो एक विशेष लाइवस्ट्रीम भी रखा, जिसके अंतर्गत इस संगठन के लिए 50 लाख रुपये का दान जुटाया गया।

तो इस संगठन ने गलत क्या किया है? दरअसल इस संगठन के कई सदस्य सनातन विरोधी हैं, और उन्होंने समय समय पर कृषि कानून विरोधी आंदोलन को खूब बढ़चढ़कर बढ़ावा दिया है। इतना ही नहीं, 26 जनवरी को खालिस्तानियों ने जो लाल किले पर उपद्रव किया था, उसे भी कथित तौर पर इसी संगठन ने अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दिया था, जिसके विषय में DeFacto नामक ट्विटर यूजर ने विस्तारपूर्वक और तथ्यों सहित अपने ट्विटर थ्रेड के जरिए प्रकाश डाला है –

लेकिन ये यूजर अकेला नहीं है। सोशल मीडिया यूजर एवं एक्टिविस्ट युवराज पोखरणा ने ‘हेमकुंड फाउंडेशन’ की असलियत पर प्रकाश डालते हुए अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए बताया कि कैसे यह संगठन कहने को दान पुण्य का काम करने का दावा करते हैं, लेकिन साथ ही साथ अपना घृणित एजेंडा भी फैलाने का प्रयास करते हैं।

लेकिन युवराज ने ‘हेमकुंड फाउंडेशन’ के स्याह पहलू पर प्रकाश क्या डाल दिया, उनके विरुद्ध खालिस्तानी समर्थक, विशेषकर ‘हेमकुंड’ के समर्थक हाथ धोकर पीछे पड़ गए। कुछ ने केवल आलोचना की, तो कुछ ने भद्दी गालियों से लेकर जान से मरने तक की धमकियाँ भी दे दी। विश्वास नहीं होता तो इन स्क्रीनशॉट्स को देख लीजिए –

यदि ‘हेमकुंड फाउंडेशन’ ने किसी राष्ट्रद्रोही गतिविधि में हिस्सा नहीं लिया है, तो उसके सदस्यों को अविलंब अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। लेकिन जिस संगठन के वेबसाइट पर दिल्ली के सीमाओं पर अराजकता फैलाने वालों को खुलेआम समर्थन दिया जा रहा हो, उससे भला हम पारदर्शिता की आशा कैसे कर सकते हैं?

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