भारत में कोई नेक काम हो और उस पर लिबरलों विपक्षियों की तरफ से बवाल न हो, ये असंभव है और कोरोनावायरस की वैक्सीन को लेकर भी अब यही स्थिति आ गई है। वैक्सीन को लेकर पूरे देश में चल रही मारामारी के बीच कोवीशील्ड वैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला को सरकार द्वारा वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, लेकिन खबरों के मुताबिक उनके परिजनों को भी धमकियां मिल रही हैं। ऐसे में अब मांग उठ रही है कि उन्हें केन्द्र द्वारा देश के भीतर जेड प्लस सुरक्षा दी जाए और इसीलिए अब बॉम्बे हाईकोर्ट में सुरक्षा के लिए याचिका लगाई गई है, जो कि एक बेहद ही एक चिंताजनक बात है।
भारत में कोरोना की वैक्सीन का उत्पादन करने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ आदार पूनावाला ने हाल ही में लंदन में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत में वैक्सीन के उत्पादन के लिए इतनी दिक्कतें हैं कि उन्हें कई नेताओं की तरफ से धमकियां भी मिल रही है। अदार की इन बातों को ही ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का फ़रमान जारी किया था, लेकिन अब ख़तरे को देखते हुए उनके और उनके परिजनों के लिए जेड प्लस सुरक्षा की मांग की गई है और आश्चर्यजनक बात ये भी है कि लिबरल पूनावाला सहित उनके परिजनों को भी अपने आक्रोश का शिकार बनाने की कोशिश में हैं।
और पढ़ें- विपक्ष और लिबरल ने निशाना बनाया, बिना डरे अदार पूनावाला ने अब Nasal वैक्सीन पर काम शुरू कर दिया है
अदार पूनावाला के अलावा उनके परिवार के लोगों को भी जेड प्लस सुरक्षा देने की मांग उठना दिखाता है कि उनके परिवार को भी इस वक्त धमकियां मिल रही हैं। सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से पेश हुए वकील दत्ता माने की याचिका में कुछ विशेष मांगें की गई हैं। याचिका में कहा गया, “आदार पूनावाला को उनके परिजनों सहित जेड प्लस सुरक्षा दी जाए, क्योंकि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं।” उन्होंने याचिका में कहा, “वैक्सीन बनाने वाले अगर देश में सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे तो इससे वैक्सीन के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। अगर पूनावाला डर के चलते भारत से बाहर रहेंगे तो यह तो तूफान में कैप्टन के बिना जहाज के होने के जैसा है।”
वकील दत्ता माने की बात पर गौर किया जाए तो ये मांग जायज़ भी है, क्योंकि भारत में इस वक्त 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, जिसके चलते खपत के अनुसार आपूर्ति को सुनिश्चित करना जरूरी है, जिसमें अदार पूनावाला की मुख्य भूमिका है। हाल ही में उन्होंने धमकियां मिलने के बाद अपने परिजनों के साथ देश छोड़ दिया और ब्रिटेन में ही शिफ्ट हो गए हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान भी कहा था, “मेरे ऊपर कोविड-19 की वैक्सीन ‘कोवीशील्ड’ बनाने को लेकर कई पावरफुल लोगों ने भारी दबाव बनाया था। जिसके बाद हम लंदन में शिफ्ट हुए हैं।” उन्होंने कहा, “हम जल्द ही भारत लौटने की सोचेंगे।”
कोवीशील्ड को लेकर आदार पूनावाला के खिलाफ शुरू से ही एक एजेंडा चलाया जाता रहा है। पहले वैक्सीन की विश्वसनीयता, फिर कीमत और अब स्टॉक को लेकर लगातार अदार पूनावाला लिबरलों ओर भारत के विपक्षी दलों के निशाने पर रहे हैं। इसलिए भारत सरकार ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्हें धमकियां मिलना जारी रहा शायद इसलिए उन्होंने न केवल देश छोड़ा, बल्कि अपने परिजनों को भी ले गए।
इस पूरे प्रकरण के बीच अदार पूनावाला को परिवार सहित जेड प्लस सुरक्षा देने की मांग सही प्रतीत होती है, क्योंकि देश के विपक्षी और वामपंथी वर्ग के लोग मोदी विरोध में किसी भी हद तक जा सकते हैं। अभी तो पूनावाला बाहर हैं, लेकिन जब वो लौटेंगे तो उन्हें सुरक्षा मिलनी ही चाहिए क्योंकि वो भारत में वैक्सिनेशन के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।