भारत के राजनेता अक्सर चुनाव जीतने के बाद अपने किए हुए वादों को भूल जाते हैं, लेकिन भारत के “मेट्रोमैन” ई श्रीधरन ने चुनाव हारने के बावजूद अपने किए हुए वादे को याद रखा और उसे पूरा भी किया। आपको बता दें कि ई श्रीधरन ने केरला विधानसभा चुनाव के दौरान पलक्कड स्थित कुछ गरीब अनुसूचित जाति के परिवारों को बिजली पहुंचाने का वादा किया था। अपने वादे के मुताबिक मेट्रोमैन ई श्रीधरन ने गरीबों के घरों को बिजली से रोशन कर दिया है, वह भी तब जब उन्हें चुनावों में जीत नहीं मिल सकी।
दरअसल, पलक्कड़ नगर पालिका के वार्ड 3 में कुछ अनुसूचित जाति (एससी) परिवारों के पास बिजली का कनेक्शन नहीं था, जबकि कुछ परिवारों के कनेक्शन को बिजली बिल बकाया होने के कारण काट दिया गया था। ऐसे में चुनावों से पहले श्रीधरन ने इन परिवारों को बिजली पहुंचाने का वादा किया था।
बता दें कि ई श्रीधरन केरल के पलक्कड़ निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार शफी परंबिल के हाथों लगभग 4,000 मतों के अंतर से हार गए थे।
88 वर्षीय ई श्रीधरन ने अपनी चुनावी रैली के दौरान कहा था कि, “कई लोग मुझसे पूछते हैं कि मैंने इस उम्र में राजनीति में प्रवेश क्यों किया। मेरा जवाब है- मैंने देश के लिए कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया है। इस उम्र में भी मेरे पास काम करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा है और मैं इसे केरल के विकास के लिए इस्तेमाल करना चाहता हूं। इसलिए मैं बीजेपी में शामिल हो गया।”
इतना ही नहीं, मेट्रोमैन ई श्रीधरन ने पलक्कड़ नगर पालिका के मदुरवीरन कॉलोनी के निवासियों को आश्वासन दिया था कि “वह जीते या नहीं, क्षेत्र के सभी परिवारों को बिजली कनेक्शन मिलेगा”।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, श्रीधरन ने मंगलवार को इन परिवारों के बकाया भुगतान करने के लिए 81,525 रुपये का चेक दिया। इस पैसे से अब 11 अनुसूचित जाति के परिवारों को नए बिजली कनेक्शन मिलेंगे। मेट्रोमैन ई श्रीधरन ने भाजपा जिलाध्यक्ष ई कृष्णदास द्वारा आयोजित एक समारोह में यह चेक सौंपा।
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ई श्रीधरन भले ही चुनावी जंग हार गए हों लेकिन उन्होंने लोगों का दिल ज़रूर जीत लिया। ‘मेट्रोमैन’ ई श्रीधरन ने हमेशा से ही सदाचार भरा जीवन व्यतीत किया है। अब श्रीधरन अपने रिटायरमेंट के दिनों में भी अपने आस-पास के गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे है। देश के बाकी नेताओं को, और खासकर अपने किए गए वादे भूल जाने वालों को ई श्रीधरन से बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है।