मोदी सरकार राज्यों को बांटे गए ventilators का कराएगी Audit
दिल्ली की अपार सफलता के बाद अब केंद्र सरकार ने दिल्ली मॉडेल का अनुसरण पूरें देश में करने का निर्णय किया है। अब पूरें देश में आवंटित ventilators की खपत को लेकर Audit कराया जाएगा, जिससे न सिर्फ ये सामने आएगा कि देश में कितने ventilators की खपत हुई है, बल्कि ये भी सामने आएगा कि कितने राज्यों ने अपनी जिम्मेदारी से दिल्ली की भांति मुंह मोड़ा है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने यह निर्णय किया है कि वे सभी राज्यों में उपयोग में लाई गई ventilators का Audit कराएंगे, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। केंद्र सरकार के अनुसार, उन्होंने विभिन्न राज्यों में 50000 ventilators के आवंटन हेतु 2000 करोड़ रुपये निकाले थे, लेकिन अब तक उन ventilators को कुछ राज्यों द्वारा उपयोग में नहीं लाया गया है।
असल में पंजाब, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड इत्यादि के प्रशासन पर आरोप लगा है कि उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा आवंटित संसाधनों के बावजूद वुहान वायरस के मरीज़ों को बचाने की कोई पहल नहीं की। ये वही राज्य हैं, जहां पर पीएम केयर्स फंड द्वारा आवंटित ventilators भी पड़े पड़े भंगार हो रहे हैं। TFI ने पहले भी बताया था कि कैसे केंद्र सरकार की लाख मिन्नतों के बाद भी पंजाब और झारखंड में ventilators जस के तस पड़े हुए हैं।
इससे पहले जब हजारों टन ऑक्सीजन और ventilators केंद्र और अन्य राज्यों द्वारा आवंटित किये जाने के बाद भी दिल्ली में स्थिति जस की तस बनी रही, और लोग ऑक्सीजन की कमी से मरते रहे, तो केंद्र सरकार को विवश होकर स्थिति अपने हाथों में लेनी पड़ी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली कि उन्हें दिल्ली द्वारा उपयोग में लाई गई मेडिकल Oxygen के Audit का अधिकार मिले। इसका दिल्ली सरकार ने जमकर विरोध किया, लेकिन कोर्ट को इससे कोई आपत्ति नहीं हुई। जैसे ही ये स्पष्ट हुआ कि कोर्ट उक्त Audit को हरी झंडी देने वाली है, केजरीवाल सरकार ने घबराकर केंद्र को अतिरिक्त Oxygen लौटाने की पेशकश की।
अब जब केंद्र सरकार सभी राज्यों में उपयोग में लाई गई ventilators का Audit कराएंगे, तो न सिर्फ ये स्पष्ट होगा कि किन राज्यों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई, बल्कि ये भी स्पष्ट होगा कि दिल्ली के अलावा वे कौन से राज्य थे, जिन्होंने अपनी निकृष्ट मानसिकता के चलते हजारों निर्दोष नागरिकों की बलि चढ़ा दी। ऐसे में केंद्र सरकार ने ऐसे अकर्मण्य सरकारों की पोल पट्टी खोलने का निर्णय कर लिया है।