प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति प्रतिदिन बुलंदियों को छू रही है। इज़रायल-गाज़ा विवाद के दौरान भी पीएम मोदी की यही कूटनीतिक प्रतिभा देखने को मिली। दरअसल, हाल ही में एक ट्वीट के माध्यम से इजरायल के राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन ने हमास के रॉकेट हमले में मारी गयी एक भारतीय नर्स की “उदारता और दयालुता” की प्रशंसा की। अपने उसी ट्वीट में रुवेन ने इज़रायल का समर्थन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की जनता का आभार व्यक्त भी किया। इससे स्पष्ट होता है कि पर्दे के पीछे पीएम मोदी की कूटनीति ना सिर्फ सक्रिय थी बल्कि भारत ने पहली बार इज़रायल-गाज़ा के विवाद में इज़रायल को अपना समर्थन भी दिया।
दरअसल, केरल के इडुक्की जिले की 30 वर्षीय सौम्या संतोष एक पेशेवर नर्स थीं, जो दक्षिण इजरायल के तटीय शहर एशकेलोन के एक घर में एक बूढ़ी महिला की देखभाल कर रही थी। वह 11 मई को अपने पति से वीडियो कॉल पर बात कर रही थी कि गाजा से दागा गया एक रॉकेट सीधे उनके घर पर जा टकराया जहां वह काम कर रही थी, और इसके बाद ही उनकी मृत्यु हो गयी थी।
और पढ़ें -फिलिस्तीन पर भारत सरकार का वही पुराना रुख, यही कारण है इजरायल भारत को धन्यवाद नहीं दे सकता
बता दें कि इजरायल के राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन ने बुधवार को नर्स सौम्या संतोष के परिवार को फोन करके अपनी संवेदना व्यक्त की थी। राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन ने आगे ट्विटर पर लिखा कि, “इजराइल और इज़रायल की जनता की ओर से मैंने सौम्या संतोष के पति संतोष से बात की, मुझे आशा है कि सौम्या द्वारा दिये गए प्यार, उदारता और दयालुता से उनके परिवार को आराम मिलेगा। मैं इजरायल के समर्थन के लिए पीएम का शुक्रिया अदा करता हूं और भारत के लोगों का भी आभार प्रकट करता हूं।”
On behalf of the State of #Israel and its people I told Soumya Santosh's husband Santhosh I hope he finds comfort in the love, the generosity and the kindheartedness she gave to others in need.
I thank PM @narendramodi
and the people of #India for their support for Israel.— Reuven Rivlin (@PresidentRuvi) May 21, 2021
आपको बता दें कि हाल ही में हुए इज़रायल-गाज़ा विवाद मामले पर भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर इजरायल का समर्थन नहीं किया है, इसके बावजूद इजरायल के राष्ट्रपति और एम्बेसडर ने भारत के समर्थन के लिए प्रशंसा की है। इस बात से आप अनुमान लगा सकते हैं कि back door डिप्लोमेसी के जरिये भारत और इज़रायल एक दूसरे के लगातार संपर्क में थे।
इस मसले पर Tfi मीडिया के फाउंडर अतुल मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा कि, “पीएम मोदी एक बत्तख की तरह है जो शांति से पानी की सतह पर ग्लाइडिंग कर रहे हैं और नीचे जोर से पैडलिंग कर रहे हैं। भारत-इजरायल के रिश्तों में जो नजर आता है, बात उससे कहीं ज्यादा है।”
PM Modi is like a duck, calmly gliding on the water surface and paddling vigorously beneath. There is more to India-Israel relation than what meets the eyes. pic.twitter.com/os0mX8TSXK
— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) May 21, 2021
और पढ़ें-ईरान, चीन और अन्य: इज़रायल-हमास विवाद के 5 सबसे बड़े losers ये रहे
आपको बता दें कि इजराइल और भारत ने 29 जनवरी 1992 को पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। उसके बाद से केंद्र में मुख्य तौर पर क़ाबिज़ रही कांग्रेस की सरकार इस रिश्ते को ज्यादा बल नहीं दे पाई। परंतु साल 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस प्रकार से भारत और इजरायल के रिश्तों को मजबूत किया है, वह आज साफ़ देखा जा सकता है।