भारत सरकार यह बात बहुत अच्छी तरह से समझती है कि अगर कोरोना संक्रमण से हमेशा के लिए निजात पाना है तो उसके लिए सबसे ठोस उपाय है – टीकाकरण। इसी कड़ी को देखते हुए भारत सरकार ने विदेशी वैक्सीन कंपनियों को भारत में आने का रास्ता साफ कर दिया है। हाल ही में इसी गतिविधि से जुड़ी एक और खबर सामने आई है कि मोदी सरकार ने ICMR के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा विकसित Covaxin की तकनीक को अन्य भारतीय फार्मा कंपनियों के बीच साझा करने का निर्णय लिया है।
इस बात की जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने ट्वीट किया कि, स्वदेशी रूप टीकों के उत्पादन को बढ़ावा देने और विदेशी टीकों को समय पर मंजूरी प्रदान करने के लिए सरकार हर मुमकिन प्रयास कर रही है।
Contrary to certain reports, GoI is working proactively to enhance basket & supply of #COVID19vaccines
🔸Technology transfer facilitated to increase production of #COVAXIN
🔹Engaging with more Cos for the same
🔸Fast-tracked approval for foreign vaccineshttps://t.co/0By9iFqLSx— Dr Harsh Vardhan (Modi Ka Pariwar) (@drharshvardhan) May 13, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो(PIB) के सहारे वैक्सीन की तकनीक साझा करने का पूरा ब्यौरा दिया। जिसका एकमात्र लक्ष्य है, जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन का उत्पादन भारत में बढ़ाया जाए।
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो ने विस्तृत जानकारी देते हुए लिखा है कि, “भारत सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की अपनी नीति के हिस्से के रूप में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) के साथ-साथ निजी कंपनियों को भारतीय टीका उत्पादकों के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता करने के लिए प्रोत्साहित किया है। केंद्र सरकार के दो पीएसयू- इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स लिमिटेड (IIL) और भारत इम्यूनोलॉजिकल्स एंड बॉयोलॉजिकल्स लिमिटेड (BIBCOL) ने भारत बायोटेक के साथ एक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता किया है। इसके अतिरिक्त संस्थान ने भी भारत बायोटेक के साथ एक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता किया है।”
PIB ने जानकारी देते हुए आगे बताया कि, “भारत सरकार देश में आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए आवेदन करने को लेकर विदेशी टीका उत्पादकों जैसे मोडेरना और फाइजर आदि के साथ लगातार जुड़ी हुई है, जिससे इन टीकों को आसानी से आयात किया जा सके और भारत में उपलब्ध कराया जा सके।
इसके साथ ही भारत सरकार अन्य समान सोच वाले देशों के साथ कोविड-19 टीकों के लिए आईपीआर छूट पर भी जोर दे रही है। समुच्चय के रूप में लिए गए ये दोनों हस्तक्षेप न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी कोविड-19 टीकों की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।”
आपको बता दें कि कल यानी 13 मई को भारत में रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी का दूसरा खेप भारत में आ चुका है और वो अगले सप्ताह से भारत के बाजारों में टीकाकरण के लिए उपलब्ध होगा।
टीकाकरण अभियान को बल और रफ्तार देने के लिए भारत के कई निजी फार्मा कंपनी बड़ी संख्या में नए टीके लेकर सामने आ रहे हैं। उदाहरण के लिए बता दूं – Biological E, Zydus Cadila और पुणे स्थित फार्मा कंपनी Gennova फार्मा हैं।
मोदी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर आवश्यक कदम उठा रही है कि भारत जल्द से जल्द दूसरी लहर से बाहर आए। अगले कुछ महीनों में यूनिवर्सल टीकाकरण हो। यूनिवर्सल टीकाकरण का मतलब है कि भारत को कोरोनावायरस की किसी अन्य तबाही वाली लहर का सामना नहीं करना पड़ेगा।