कल यानी 16 मई की रात को दिल्ली पुलिस ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी के आरोपी फरार नवनीत कालरा को गुरुग्राम के सोहना स्थित फार्म हाउस से गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली के खान मार्केट में स्थित खान चाचा रेस्तरां के मालिक नवनीत कालरा बीते 5 मई से फरार था, उसके बाद से पुलिस की तलाश जारी थी। बता दें कि नवनीत कालरा अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी भी लगाई थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था।
दरअसल, पूरा मामले यह है कि दिल्ली पुलिस ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और कोविड की दवाइयों की हो रही कालाबाजारी को लेकर छापेमारी कर रही थी। इसी कड़ी में पुलिस ने छह मई को लोदी कॉलोनी स्थित रेस्तरां-बार से 419 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किए थे। इसके बाद 7 मई को खान मार्केट स्थित खान चाचा रेस्तरां और टाउन हॉल रेस्तरां में छापा मारकर 105 कंसंट्रेटर बरामद किए। जांच में पता चला कि तीनों ही रेस्तरां का मालिक नवनीत कालरा है। इस पूरे मामले में पुलिस को उसकी तलाश थी।
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दिल्ली पुलिस ने नवनीत कालरा के ऊपर मुकदमा दर्ज किया। मुकदमा दर्ज होने के बाद नवनीत कालरा 5 मई को अपने परिवार के साथ गायब हो गया था। उसने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए दो बार याचिका लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया था। आपकी जानकारी के लिए बता दूं, कालरा का वकील और कोई नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ट नेता अभिषेक मनु सिंघवी है।
नवनीत कालरा और कांग्रेस का संबंध सिर्फ न्यायिक नहीं है बल्कि निजी भी है। कांग्रेस पार्टी के साथ उसका संबंध कितना गहरा है आप इस बात से अनुमान लगा सकते है कि नवनीत कालरा की पहली अग्रिम जमानत केवल वकील विकास पाहवा थे, उनकी दलील को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। इसके बाद कालरा को कांग्रेस पार्टी की याद आई और उसने विकास पाहवा के साथ अभिषेक मनु सिंघवी को भी अपना वकील बनाया। हालांकि, फिर से दिल्ली उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
कालरा और कांग्रेस पार्टी के रिश्ते का जिक्र दिल्ली से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने भी किया है। लिखी ने कहा कि कालरा को दिल्ली की सबसे प्रीमियम क्लबों में से एक गोल्फ क्लब की सदस्यता कांग्रेस नेता अजय माकन ने दी थी। यह तब हुआ था जब वह यूपीए -1 सरकार में शहरी विकास मंत्री थे।
बीजेपी सांसद ने कांग्रेस सांसद और वकील अभिषेक मनु सिंघवी पर हमला करते हुए बोला कि कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ऐसे सभी “अपराधियों” और कालाबाजारी करने वालों के वकील हैं।
लेखी ने कहा कि कालरा का फेसबुक पेज पर कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ उनकी तस्वीरें दिखती है। कालरा भी सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी के तरह प्रधानमंत्री को कोरोना के लिए कोसते रहते हैं।
मीनाक्षी लेखी ने आगे कहा कि, “कांग्रेस का हाथ हमेशा कालाबाजारी करने वालों और जमाखोरों के साथ होता है और यह उन घटनाओं से जाहिर होता है जो खुद सामने आई हैं। ये लोग सीधे कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए ऐसे लोगों को प्रोत्साहित किया है।”
अगर हम बीते गतिविधि और बीजेपी सांसद द्वारा पेश किए गए तथ्यों को मिलाकर देखें तो यह अनुमान लगा सकते है कि बिना राजनीतिक संरक्षण के देश की राजधानी में कोई भी अपराधी डंके की चोट पर कालाबाजारी नहीं कर सकता है। साथ ही में एक तरफ जब दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को लेकर कांग्रेस पार्टी राजनीति कर रही थी, तो वहीं उनका आदमी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी कर रहा था। दोनों कड़ी को मिलाकर देखे तो दाल में कुछ काला दिखेगा,
इस मामले की पूर्ण तरीके से जांच होनी चाहिए और सभी दोषियों को बेनकाब करना चाहिए।