ममता बनर्जी के दोबारा सत्ता में आने के बाद से, टीएमसी के गुंडों की गुंडागर्दी चार गुना बढ़ गई है। तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने भाजपा नेताओं और विशेषकर भाजपा के निचली जातियों के समर्थकों पर जानलेवा हिंसा की है। हिंसा इस कदर बढ़ गई है कि करीब एक लाख हिंदुओं और बीजेपी समर्थकों को पश्चिम बंगाल छोड़कर असम में पलायन करना पड़ा है।
ऐसे में बंगाल छोड़ कर असम पलायन करने वाला एक बीजेपी का क्षेत्रीय नेत्री का पति जब वापस अपने गांव आना चाहता है तो जवाब में टीएमसी नेता ने बीजेपी नेत्री के पति से कहा कि, “पहले कुछ दिनों के लिए अपनी बीवी को भेजो, फिर तुम्हें अपने गांव में आने के अनुमति मिलेगी।”
और पढ़ें-ममता का आतंक बरकरार: CBI ऑफिस पर टीएमसी के गुंडों का हमला, गवर्नर को बंगाल छोड़ने को कहा
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो के अनुसार, एक मुस्लिम टीएमसी नेता ने दलित बीजेपी समर्थक को अपनी पत्नी जो कि क्षेत्र में बीजेपी की नेत्री भी है, को कुछ दिनों के लिए भेजने के लिए कहा और फिर उसके बाद ही उसे गांव में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।
https://twitter.com/MajiDevDutta/status/1397159145770340355
बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल गांवों में बड़े पैमाने पर हिंदू पलायन हो रहा है क्योंकि ममता बनर्जी के सत्ता में आने के बाद से टीएमसी के गुंडों ने उनके जीवन नर्क बना दिया है। आए दिन मारपीट, तोड़- फोड़ की वारदात सामने आती रहती है। जिसकी वजह से बीजेपी समर्थकों के पास और कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है सिवाय असम में पलायन करने के।
भाजपा उम्मीदवार देवदत्त माजी, जो कि सामाजिक संगठन सिंघा वाहिनी के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने टीएमसी के गुंडों द्वारा प्रताड़ित उन लोगों का एक वीडियो रिकॉर्ड किया। इस विडियो में ममता बनर्जी के गुंडों की हिंसा के कारण शरणार्थी बनने वाले लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई। जिसमें पिंकी बाज (क्षेत्र में भाजपा महिला विंग कोषाध्यक्ष), उनके पति साधन बाज ने उपरोक्त वीडियो में माजी को अपनी कहानी बताएं।
साधन बाज ने कहा कि, 2 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद मुसलमानों ने गांव में हिंदू परिवारों पर हमला किया। “हम सब अपनी पीठ पर सिर्फ कपड़े लेकर भागे है। बाद में जब मैंने स्थानीय (टीएमसी) समिति के नेता मुजफ्फर बेग को फोन किया, तो उन्होंने कहा, “पहले कुछ दिनों के लिए अपनी पत्नी को भेजो, फिर बाद में आ सकते हो।”
वीडियो में पिंकी बाज को कहते हुए सुना गया कि,” हम मोदी जी से अनुरोध करते हैं कि मुसलमानों द्वारा हम पर किए जा रहे अत्याचारों से हम हिंदुओं की रक्षा करें”
हालांकि, हिमांता बिस्वा सरमा ने शरणार्थियों की मदद की है। लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसा नहीं है कि केंद्र सरकार को नतीजों के बाद होने वाली हिंसा की उम्मीद नहीं थी। बता दें कि टीएमसी सुप्रीमो ने सार्वजनिक रूप से चुनाव के दौरान गैर-टीएमसी मतदाताओं को धमकाया था।
TFI ने इसपर पहले रिपोर्ट किया था कि, नंदीग्राम की एक रैली के दौरान, उन्होंने बीजेपी मतदाताओं को यह कहते हुए चेतावनी दी कि वह जब चुनाव में लगे पैरामिलिट्री फोर्स जब चले जाएंगे तो वो सबको देख लेंगी।
और पढ़ें-ममता की जीत के बाद बंगाल में 1 लाख बंगाली हुए विस्थापित, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, कैसे?
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पहले ही पश्चिम बंगाल के निर्वाचित बीजेपी विधायकों को सुरक्षा प्रदान कर चुकी है। लेकिन सवाल यह है कि बीजेपी कब अपनी जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं पर ध्यान देगी ताकि वे सुरक्षित वापस अपने घर आ सके और शांतिपूर्ण ढंग से जीवन व्यतीत कर सके।