उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर किसी चीज के लिए जाने जाते है तो वह है सख्त कानून व्यवस्था और न्याय प्रशासन। ऐसे ही सख्त कानून व्यवस्था का प्रमाण देते हुए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में 100 साल पुरानी अवैध मस्जिद को ध्वस्त कर दिया है। बता दें कि इस मस्जिद को उत्तर प्रदेश सरकार ने “अवैध ढांचा” करार दिया था। इसके जवाब में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती देने का फ़ैसला किया है।
दरअसल पूरा मामला यह है कि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रामसनेहीघाट में तहसील परिसर में मौजूद गरीब नवाज मस्जिद, जिसे तहसील वाली मस्जिद भी कहा जाता है, को जिला प्रशासन ने ‘अवैध निर्माण’ बताते हुए सोमवार को रात में बुलडोजर से गिरा दिया। अवैध ढांचे को गिराने से पहले जिला प्रशासन द्वारा 15 मार्च को ही नोटिस दिया जा चुका था और प्रशासन उसे अपने कब्जें में भी ले चुका था।
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के जिला प्रशासन ने अपने ट्विटर हैंडल पर मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, “तहसील आवासीय परिसर में निर्मित अवैध मस्जिद परिसर के संदर्भ में संबंधित पक्षकारों को 15 मार्च को नोटिस भेजकर स्वामित्व के संदर्भ में सुनवाई का अवसर दिया गया था। नोटिस तामील होते ही परिसर में रह रहे लोग परिसर छोड़कर फरार हो गए थे। तहसील परिसर की सुरक्षा की दृष्टि से तहसील प्रशासन की टीम द्वारा 18 मार्च को कब्जा कर लिया गया था।”
जिलाधिकारी ने आगे बताया कि, “माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ द्वारा 2 अप्रैल को इस संबंध में दायर एक याचिका का निपटारा किया जिससे साबित होता है कि यह निर्माण अवैध है। इस आधार पर एसडीएम रामसनेहीघाट की कोर्ट में वाद पेश किया गया और फिर उसके आदेश का अनुपालन 17 मई को करा दिया गया।”
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रामसनेहीघाट तहसील परिसर में सरकारी जमीन पर किये गए अवैध निर्माण को सोमवार रात में ढहाए जाने के बाद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा मामले को धार्मिक रंग देने व कुछ लोगो द्वारा सरकारी जमीन पर रजिस्ट्री करने का विरोध,इस संबंध में जिला प्रशासन ने एक बयान जारी किया है pic.twitter.com/0XNUOkURHS— Barabanki News (@BBKNews) May 19, 2021
विवादित ढांचा गिराए जाने पर उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी ने कहा कि, “मैं तहसील और जिला प्रशासन, विशेष रूप से उप-मंडल मजिस्ट्रेट,, जिसमें उन्होंने तहसील के पास स्थित एक 100 साल पुरानी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया है, कि स्पष्ट रूप से अवैध और उच्च स्तरीय कार्रवाई की निंदा करता हूं। कथित तौर पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर परिसर… यह अधिनियम कानून के खिलाफ है, शक्ति का दुरुपयोग है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित 24 अप्रैल, 2021 के स्पष्ट आदेशों का घोर उल्लंघन है। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड मस्जिद की बहाली के लिए उच्च स्तरीय न्यायिक जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर तुरंत माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा।”
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योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में धर्म और मजहब के नाम पर गैर- कानूनी गतिविधियों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था तंत्र को मजबूत करने के लिए तत्काल कार्रवाई करके दूसरे राज्यों के लिए मिसाल कायम कर दिया है।