वायरस को “चीनी” नहीं बोल पाया, लेकिन खतरनाक Variant को “भारतीय घोषित कर दिया WHO ने

चीनी गुलाम WHO ने फिर की चीन को खुश करने की कोशिश!

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(PC: DW)

कोरोनावायरस के मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन का दोगलापन और चीन के प्रति प्रेम सभी ने देख लिया है। कोरोना के मुद्दे पर चीन को बचाने की कोशिश करने में WHO के सदस्यों ने अपना जी-जान लगा दिया था। WHO ये तक मानने को तैयार नहीं था कि ये वायरस चीन से उपजा है, लेकिन बाद में वैश्विक दबाव में झुककर उसे Wuhan Lab जांच के मुद्दे को आगे बढ़ाना पड़ा। हालांकि, उस फर्जी जांच में भी चीन को ही क्लीन चिट दे दी गयी।  वहीं WHO के अधिकारियों ने अब कोरोना के भारतीय म्यूटेंट को सबसे ख़तरनाक बताया है। पूरा WHO अब कोरोना संक्रमण का ठीकरा भारत के सर फोड़ने की तैयारी में है।

कोरोनावायरस की दूसरी लहर से पूरा भारत त्रस्त हो चुका है। प्रतिदिन यहां आए दिन 4 लाख के करीब मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में अब WHO भारत को कोरोना के लिए कोसने लगा है। इस मुद्दे पर WHO की अधिकारी मारिया वेन ने कहा, “सबसे पहले भारत में सामने आए वायरस के स्वरूप बी.1.617 को डब्ल्यूएचओ द्वारा ‘निगरानी स्वरूप’ की श्रेणी में रखा गया था। वायरस के इस स्वरूप को लेकर डब्ल्यूएचओ के विभिन्न दलों के बीच भी चर्चा जारी है। साफ है कि कोरोना का भारतीय वैरिएंट विश्व का सबसे ख़तरनाक वायरस है।”

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मारिया का कहना है कि ये वायरस ज्यादा ख़तरनाक इसलिए है कि क्योंकि इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। वहीं WHO के अन्य अधिकारी कोरखोव ने इस भारतीय वेरियंट्स के लिए कहा,“कोविड-19 के भारतीय स्वरूप के बारे में उपलब्ध जानकारी एवं इसकी प्रसार क्षमता पर चर्चा करने के बाद हमने इस वैश्विक स्तर पर चिंताजनक स्वरूप की श्रेणी में रखा है।” WHO के इस बयान से कहा जा सकता है कि WHO अब भारत के इस वेरियंट को सबसे ख़तरनाक रूप से प्रदर्शित कर रहा है।

WHO अपने इस बयान के जरिए ये साबित करने की कोशिश कर रहा है कि कोरोना का सबसे ख़तरनाक वेरियंट देने के लिए भारत जिम्मेदार है। ये वही डब्ल्यूएचओ है जो चीन से उपजे कोरोनावायरस को चाइनीज वायरस मानने से इंकार कर रहा था, लेकिन कोरोना के वेरियंट को भारतीय बताकर WHO इसे सबसे खतरनाक साबित करना चाहता है।

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WHO ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के वायरस को छुपाने वाले चीन को सांकेतिक क्लीन चिट दे रखी है। हालांकि, अब वही डब्ल्यूएचओ भारत को आड़े हाथों लेने की कोशिश कर रहा है। इसमें कुछ आश्चर्यजनक बात नहीं है क्योंकि डब्ल्यूएचओ का पूरा संगठन ही चीन के टुकड़ों पर पलता है। यही कारण है कि WHO ने कोरोना के मुद्दे पर जांच के लिए जो विशेष टीम चीन के वुहान शहर में भेजी थी, वो टीम अपने निष्कर्ष में चीन को छूट दे चुकी है। वहीं अब भारत को आड़े हाथों लेकर WHO चीन को खुश करने की कोशिश कर रहा है।‌

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